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तनुश्री दत्ता के नाना पाटेकर पर लगाए गए सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोपों के मामले में पुलिस ने अपनी जांच बंद कर दी. इस मामले में पाटेकर को क्लीनचिट देते हुए पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि तनुश्री की शिकायत को झूठी लगती है. पुलिस से भी निराशा हाथ लगने के बाद तनुश्री दत्ता ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है. एक बयान में तनुश्री ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या यही राम राज्य है?
डीएनए में छपे बयान में तनुश्री ने कहा कि मुंबई पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में झूठ बोला है कि CINTAA को दी गई उनकी शिकायत में सेक्सुअल हैरेसमेंट का जिक्र नहीं था. उन्होंने कहा-, 'उन्हें मेरी 2008 को CINTAA को लिखी शिकायत की कॉपी दी गई थी. 2008 में उन्होंने आरोपी को बचाने के लिए मेरी FIR को तोड़ मरोड़ कर पेश किया. सभी को CINTAA का माफीनामा याद है, जो उन्होंने मेरी शिकायत पर कार्रवाई न करने के लिए लिखा था. ये साफ भ्रष्टाचार है. वो सबूतों को ऐसे कैसे ट्विस्ट कर मेरे खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं?'
पीएम से सवाल करते हुए तनुश्री ने लिखा कि उनकी कार पर हमला होते हुए वीडियो भी पुलिस को बतौर सबूत दिए गए थे. जर्नलिस्ट जैनिस सिकेरिया और श्यानी शेट्टी ने उनके पक्ष में बयान भी दिया था. इसके बाद भी क्या सबूत चाहिए?
पुलिस पर आरोप लगाते हुए तनुश्री ने लिखा कि सभी जानकारी पब्लिक डोमेन में पड़े हैं, लेकिन फिर भी पुलिस और सरकार ने कोई जांच नहीं की. 'सबको खिला-पिला के खुश रखा है.. भारत में पुलिस और कोर्ट से क्लीनचिट मिलने का ये मतलब नहीं कि आप बेगुनाह हैं. ये पब्लिक है सब जानती है!'
अपने बयान में तनुश्री ने नाना पाटेकर के फाउंडेशन, 'नाम' पर भी निशाना साधा. तनुश्री ने कहा कि ये फाउंडेशन सरकार, एनआरआई और विदेशी संगठनों से सूखे से परेशान किसानों के नाम पर करोड़ों रुपये लेता है और किसानों को केवल 15,000 देता है. तनुश्री ने इस फाउंडेशन को देश का सबसे बड़ा स्कैम बताया.
पिछले साल अक्टूबर में तनुश्री ने जूम टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में नाना पाटेकर पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया था. तनुश्री ने बताया था कि नाना पाटेकर ने 2008 में फिल्म 'हॉर्न ओके प्लीज' के सेट पर उनका हैरेसमेंट किया था. तनुश्री का कहना था कि पाटेकर ने उन्हें गलत तरीके से छूने की कोशिश की थी और उनसे बेहूदे डांस स्टेप कराए जा रहे थे.
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