Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019दिलीप कुमार: सिनेमा का वो सितारा, जिसके बिना बॉलीवुड अधूरा

दिलीप कुमार: सिनेमा का वो सितारा, जिसके बिना बॉलीवुड अधूरा

Dilip Kumar ने फिल्म ज्वार भाटा से अपने करियर की शुरुआत की थी.

स्मिता चंद
एंटरटेनमेंट
Updated:
<div class="paragraphs"><p>नहीं रहे दिलीप कुमार</p></div>
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नहीं रहे दिलीप कुमार

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पिछले कई सालों से बार-बार दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के अस्पताल में भर्ती होने की खबरें आती रहीं, लेकिन बार-बार मौत को मात देकर वो वापस मुस्कुराते हुए घर लौट आते, लेकिन 7 जुलाई की मनहूस सुबह वो खबर आई, जिसने करोड़ों लोगों का दिल तोड़कर रख दिया. ट्रैजडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार का निधन हो गया है, 98 साल की उम्र में बॉलीवुड का लिजेंड इस दुनिया को अलविदा कह चला गया. कई सालों से दिलीप साहब जब भी अस्पताल में भर्ती होते, उनके निधन की अफवाह उड़ती, लेकिन उनके जिंदा होने की खबर से दिल को राहत मिलती, लेकिन आज जो खबर आई वो अफवाह नहीं बल्कि एक ऐसी सच्चाई है, जिस पर यकीन करने का दिल नहीं करता..

दिलीप कुमार वो शख्सियत थे, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को आसमान की उंचाई तक पहुंचाया. उन्होंने अदाकारी के मायने बदल कर रख दिए. दिलीप कुमार की अदाकारी में एक ठहराव था, उनकी आंखें एक साथ हजारों शब्द बोल उठती थीं. चाहे संवाद कितना भी लंबा हो, उसका हर शब्द, हर अक्षर, यहां तक कि हर विराम चिन्ह भी दिल तक पहुंचता था.

अपने किरदार में वो जिस तरह से डूब जाते थे, उसे देखकर लगता ही नहीं था कि वो एक्टिंग कर रहे हैं. किरदार लवर ब्वॉय का हो, तेज तर्रार पुलिसवाले का हो, या देशभक्ति में डूबा कोई शख्स. अपनी अदाकारी की जादूगरी से वो रुपहले पर्दे पर ऐसे छाते कि लोगों की उनसे नजरें ही नहीं हटती थीं.

बॉलीवुड के बड़े- बड़े कलाकारों के लिए वो एक्टिंग इंस्टीटूयूशन की तरह हैं, उनसे एक्टिंग सीख कर कई कलाकार बॉलीवुड में छा गए.

देविका रानी से मुलाकात ने बदल दी जिंदगी

11 दिसंबर को 1922 को पेशावर में पैदा हुए दिलीप कुमार का असली नाम यूसूफ खान था, उनका बचपन बॉम्बे की गलियों में बीता. दिलीप कुमार का फिल्मों से दूर-दूर तक नाता नहीं था उनके फिल्मी सफर की शुरुआत तो तब हुई, जब बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी की उन पर नजर पड़ी.

देविका रानी ने 1944 में यूसूफ खान को फिल्म ''ज्वार भाटा'' में ब्रेक दिया. इसी फिल्म से उनको नाम मिला दिलीप कुमार का. पहली फिल्म तो रिलीज हो गई थी, लेकिन कामयाबी के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा, उसके बाद 1948 में आई उनकी दो फिल्में 'शहीद' और 'मेला', जिससे उन्हें बॉलीवुड में पहचान मिली.

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दिलीप कुमार की पहली फिल्म 

फोटो:

अंदाज फिल्म ने बनाया स्टार

राजकपूर के साथ आई फिल्म 'अंदाज' ने दिलीप कुमार को स्टार बना दिया. उसके बाद, आन, तराना, दीदार, अमर, फुटपाथ जैसी फिल्मों ने ये साबित कर दिया कि दिलीप की अदाकारी का कोई जवाब नहीं हैं.

फिल्म 'देवदास'' से तो उन्हें ट्रैजडी किंग का ही खिताब दे दिया गया. अगले कुछ सालों में मधुमति, कोहिनूर जैसी हिट फिल्में आई और उसके 1960 में रिलीज हुई भारतीय सिनेमा की वो क्लासिक फिल्म जो हमेशा के लिए अमर हो गई. फिल्म का नाम था 'मुगल ए-आजम' फिल्म में सलीम के किरदार में थे दिलीप कुमार और मधुबाला थी अनारकली. पर्दे पर सलीम अनारकली की इस जादुई जोड़ी ने धमाल मचा दिया.

दिलीप कुमार को मिला था पहला फिल्म फेयर अवॉर्ड

दिलीप कुमार बॉलीवुड के पहले एक्टर थे, जिसे बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था, ये अवॉर्ड उनकी सुपर हिट फिल्म 'दाग' के लिए मिला था. उन्हें सात बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. उस दौर के वो सबसे महंगे एक्टर थे.

एक दौर ऐसा भी आया जब दिलीप साहब की फिल्में फ्लॉप होने लगी थीं, वो दौर था राजेश खन्ना के बॉलीवुड में एंट्री का, जिसके उन्होंने करीब 5 सालों तक फिल्मों से दूरी बना ली, लेकिन 1981 में एक बार फिर हो पर्दे पर आए और इस बार उन्होंने करेक्टर रोल निभाने शुरू किए, क्रांति, शक्ति मसाल, कानून अपना-अपना और सौदागर जैसी फिल्मों में उन्होंने करेक्टर रोल निभाया और एक बार फिर पर्दे पर छा गए.

दिलीप कुमार की शानदार फिल्मों की लिस्ट इतनी लंबी है कि उसे उंगलियों पर गिनना आसान नहीं है एक लंबा सफर तय करने जैसा है.

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Published: 07 Jul 2021,09:10 AM IST

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