Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अगर स्ट्रेट लोगों से गे लोगों की तरह बात की जाती तो कुछ ऐसा होता..

अगर स्ट्रेट लोगों से गे लोगों की तरह बात की जाती तो कुछ ऐसा होता..

दुनिया के सभी होमोफोब्स के लिए एक खास मेसेज... 

दिव्या तलवार & दीक्षा शर्मा
एंटरटेनमेंट
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दुनिया के सभी होमोफोब्स के लिए एक खास मेसेज... 
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दुनिया के सभी होमोफोब्स के लिए एक खास मेसेज... 
(फोटो: द क्विंट) 

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आयुष्मान खुराना की फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' 21 फरवरी को रिलीज हो गई है. इस फिल्म को हितेश केवल्या ने डायरेक्ट किया है. फिल्म 2017 की 'शुभ मंगल सावधान' की सीक्वल है.

फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' एक गे कपल की कहानी है, जिसमें दोनों के मां-बाप को उनके रिश्ते से दिक्कत होती है. फिल्म के थीम को ध्यान में रखते हुए, क्विंट ने नीना गुप्ता, जीतेन्द्र कुमार और मानवी गागरू से कुछ ऐसा करवाया कि अगर स्ट्रेट लोगों से गे लोगों की तरह बात की जाए तो कैसा होगा.

न्यू ऐज एक्सपेरिमेंट…

“मैंने भी एक बार स्ट्रेट  होने की कोशिश की थी. आप जब कॉलेज में होते हैं तो नई चीजें एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश करते हैं ना. लेकिन वो हो नहीं पाया, तब ही मुझे ये समझ आ गया कि मैं “नॉर्मल” ही हूं.”

सेक्स कैसे करते हो? सही सवाल...

“यार, एक बात पूछनी है... थोड़ी पर्सनल है, मतलब तू कंफर्टेबल है, तो ही बता. मतलब पता नहीं मुझे भी लग रहा है कैसे पूछूं लेकिन तुम स्ट्रेट लोग सेक्स कैसे करते हो? मतलब अजीब सा नहीं लगता?”  
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मंगनी कराने पर तुले लोग

“Oh my God, पता है क्या... मेरा एक और फ्रेंड है, वो भी स्ट्रेट  है... क्या-क्या हो सकता है? और तुम दोनों सिंगल हो, मैं तुम दोनों को मिलवाऊं क्या?”   

एक्सप्लोर करो यार!

“तू एक बार एक्स्प्लोर तो करके देख. क्या पता तुझे लगे कि तू गे है. मतलब डिपेंड करता है ना? जब तक तू एक्स्प्लोर नहीं करेगा, तुझे कैसे पता चलेगा?”   

ये बस एक फेज है यार!

“मुझे यकीन है ये एक फेज है. मुझे अपनी परवरिश पर पूरा भरोसा है. मेरा बेटा स्ट्रेट हो ही नहीं सकता.”

जो 'नॉर्मल' नहीं है, उसके लिए है थेरेपी

“एक काम करते हैं बेटा, किसी थेरापिस्ट के पास चलते हैं. मेरी फ्रेंड का बेटा है ना, उसको लगा कि वो स्ट्रेट है. तो उसको लेके गए थेरेपिस्ट के पास. थेरेपिस्ट ने बोला तुम गे हो और बस सब खुश. तब से सबके सब खुश. तुम्हें भी थेरेपी ट्राय करनी चाहिए.”

ऑक्वर्ड मत बनाओ!

“तुझे पक्का विश्वास है ना कि तू ड्रिंक्स हैंडल कर लेगा? मैं पहले ही बता रहा हूं गे हूं मैं. फिर बाद में मुझ पे हिट मत करना. बाद में हम दोनों के लिए अजीब होगा खांमखां. तू देख ले, तू संभाल लेगा ना ड्रिंक्स?”     

काश...

“यार, काश तू लेस्बियन होती, मैं 100% तुझसे शादी कर लेती… अभी के अभी”

स्ट्रेट होने की जरूरत क्या है?

“मुझे समझ में नहीं आता कि स्ट्रेट होने की जरूरत क्या है. मुझे लगता है ये सब दिमाग का खेल है. एक बार गे होके देखो तो सही. एक बार ट्राय तो करो.”

बहुत क्यूट हो यार!

“यार तुम इतने क्यूट हो,स्ट्रेट कैसे हो सकते हो! सारे क्यूट लड़के स्ट्रेट ही क्यों होते हैं? I hate it.”     

तुम्हारा वहम है कि तुम स्ट्रेट हो…

“मुझे तो लगता है कि ये तुम्हारा वहम है कि तुम स्ट्रेट हो. एक बार कोशिश तो करो सेम सेक्स की तरफ अट्रैक्ट होने की. हो सकता है तुम्हारा वहम निकल जाए और तुम्हें लगे कि तुम तो गे हो और मैं बता रही हूं ट्राय करे बिना हार मत मानना.”

2 स्ट्रेट फ्रेंड्स, मेरा सपना था!

“Oh my God, मुझे यकीन नहीं हो रहा कि फाइनली मेरे पास एक स्ट्रेट फ्रेंड है. मेरा सपना था ये. मैंने सुना है तुम लोग खूब सीक्रेट्स रखते हो और बेस्ट सुझाव देते हो. हम लोग शॉपिंग पर भी साथ में जा सकते हैं और कितना सही होगा कि मेरे 2 लड़के... स्ट्रेट फ्रेंड और मैं... bffs!”     

तुम नॉर्मल लगते हो... स्ट्रेट कैसे हो सकते हो?

“क्या मतलब कि तुम स्ट्रेट हो? अरे ऐसा कैसे... तू बिलकुल नॉर्मल लग रहा है यार. मेरे को तो कभी फील नहीं हुआ. मुझे तो नहीं लगता कि तू स्ट्रेट है. तू ट्राय कर, मुझे लगता है तुझे कोई गलतफहमी हुई है. ऐसा हो ही नहीं सकता कि तू स्ट्रेट है.”

कैमरापर्सन: संजोय देब

असिस्टेंट कैमरापर्सन: गौतम शर्मा

वीडियो एडिटर: वीरू कृष्ण मोहन

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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