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मशहूर टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति (Kaun Banega Crorepati-13) सोमवार 23 अगस्त से शुरू होने जा रहा है, हमेशा की तरह अमिताभ बच्चन होस्ट करते नजर आएंगे. ये केबीसी का 13वां सीजन होगा. 2001 में शुरू हुआ केबीसी पिछले कई सालों से एक लोकप्रिय शो बना हुआ है. इसमें पूरे भारत के कोने-कोने से लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं.
चलिए जानते हैं कि इस शो के पहले के विनर्स कहां हैं और क्या कर रहे हैं.
कौन बनेगा करोड़पति शो का पहला सीजन 2001 में शुरू हुआ था, जिसके विजेता मुंबई के रहने वाले हर्षवर्धन नवाथे थे. एक करोड़ की रकम जीतकर हर्षवर्धन रातोंरात स्टार बन गए थे. इसके बाद उनकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा बढ़ गई थी उन्हें इवेंट्स तक में बतौर चीफ गेस्ट बुलाया जाने लगा था.
हर्षवर्धन केबीसी (KBC) में आने से पहले खुद भी सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहे थे, लेकिन शो में शामिल होने के बाद उन्हें खूब लाइमलाइट मिली. वे इतना ज्यादा बिजी रहने लगे कि सिविल सर्विसेस की एग्जाम में शामिल ही नहीं हो पाए.
उन्होंने केबीसी में जीते रुपयों का अच्छा इस्तेमाल किया और आखिरकार उन्होंने Edinburgh Napier University, स्कॉटलैंड से एमबीए किया. 2007 में वे नंदी फाउंडेशन के स्टेट डायरेक्टर बने और फिर 2009 में वे नंदी फाउंडेशन वॉटर सर्विल कम्युनिटी के सीओओ बन गए. कुछ साल तक उन्होंने डच बेस्ड रिक्रूटमेंट कंपनी में बतौर सीईओ काम किया. मौजूदा वक्त में हर्षवर्धन नवाथे महिंद्रा के साथ काम कर रहे हैं.
राहत तस्लीम केबीसी के चौथे सीजन की विजेता रहीं. राहत झारखंड की रहने वाली हैं वो फिलहाल गार्मेंट का बिजनेस करती हैं. राहत बेहद गरीब परिवार से थीं. जब वो अपने मेडिकल इंट्रेंस की तैयारी कर रही थीं तभी उनकी शादी कर दी गई, लेकिन एक दिन उन्हें 'कौन बनेगा करोड़पति सीजन-4' में आने का मौका मिला और वो एक करोड़ रूपए जीतने के साथ इसकी विजेता बनीं.
सुशील कुमार ने 2011 के पांचवें सीजन में 5 करोड़ रुपए की रकम के साथ जीत हासिल की. सुशील बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के मोतिहारी से संबंध रखते हैं. 6 हजार महीने की नौकरी करने वाले सुशील कुमार ने ईनाम के पैसे से अपना पुश्तैनी मकान ठीक किया और अपने भाइयों को बिजनेस शुरू करावाया. सुशील कुमार मौजूदा वक्त में बिहार चंपारण में एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो समाजसेवा के काम में लगे हुए हैं.
सुनमीत कौर पंजाब की रहने वाली हैं. केबीसी सीजन-6 में सुनमीत कौर ने पांच करोड़ की रकम जीती थी. केबीसी में खिताब जीतने के बाद उन्होंने फैशन डिजाइनिंग में बिजनेस शुरू किया और वो अभी पंजाब में अपना फैशन हाउस चला रही हैं.
केबीसी सीजन-7 के विजेता राजस्थान में उदयपुर के रहने वाले ताज मोहम्मद रंगरेज थे. उन्होंने 1 करोड़ के साथ ये जीत हासिल की थी. इन पैसों से उन्होंने अपनी बेटी का इलाज कराया. यही नहीं उन्होंने इस विनिंग अमाउंट से गांव की दो अनाथ बच्चियों की शादी भी कराई. बचे पैसों से उन्होंने घर खरीदा. अभी वो एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल के रूप में कार्य कर रहे हैं.
अचिन नरूला और सार्थक नरूला दिल्ली के रहने दो सगे भाई हैं, जिन्होंने सात करोड़ रूपए के साथ केबीसी का सीजन-8 जीता. शो में जीती हुई रकम से दोनों भाईयों ने अपनी मां के कैंसर का इलाज करवाया और अपना बिजनेस खोला, जिसे आज दोनों मिलकर चला रहे हैं.
जमशेदपुर की रहने वाली अनामिका मजूमदार ने केबीसी सीजन-9 को 1 करोड़ रूपए के साथ जीता और 7 करोड़ के जैकपॉट सवाल के लिए भी क्वालिफाई कर लिया था, लेकिन उन्होंने इसका जवाब दिए बिना ही शो से क्विट कर दिया था. मौजूदा वक्त में दो बच्चों की मां अनामिका सामाजिक कार्यों में लगी हुई हैं और 'फेथ इन इंडिया' नाम से एक एनजीओ चलाती हैं.
गुवाहाटी की रहने वाली बिनीता ने केबीसी सीजन-10 में एक करोड़ रुपए की रकम जीती थी. बिनीता का परिवार मूलत: सीकर का रहने वाला है, लेकिन कई साल पहले रोजगार के लिए वे असम आ गए थे. मौजूदा वक्त में बिनीता अपना एक कोचिंग सेंटर चलाती हैं.
बिहार के रहने वाले सनोज राज ने 2019 में हुए केबीसी सीजन-11 में एक करोड़ रुपए जीते. सनोज केबीसी में जीत हासिल करने वाले बिहार के पहले शख्स बने.
कौन बनेगा कोड़पति के सीजन-12 में रांची की नाजिया नसीम एक करोड़ रुपए की जीत हासिल की. उन्होंने इंटरव्यू में बताया था कि केबीसी शुरू होने के बाद से ही उनकी मां का सपना था कि मैं केबीसी में जीत हासिल करूं और मैंने मां का सपना पूरा किया है. फिलहाल नाजिया नसीम दिल्ली में रहती हैं और गुरुग्राम स्थित इंडियन मल्टीनेशनल मोटरसाइकिल कंपनी रॉयल एनफील्ड में कम्युनिकेशन मैनेजर के पद पर नियुक्त हैं.
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