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जब KGF चैप्टर-1 रिलीज हुई थी तब इस फिल्म को देशभर में लोगों ने खूब पसंद किया था. इस फिल्म के जरिए कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री ने भारतीय सिनेमा में एक अलग छवि बनाई. जिसके बाद से KGF चैप्टर-2 का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था. फिल्म को लेकर लोगों में बहुत ज्यादा उत्सुकता थी.
डॉ. बीआर अंबेडकर ने कहा था, "जीवन लंबा नही, बड़ा और महान होना चाहिए." फिल्म का मुख्य विषय इस बात पर जोर देता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप 100 साल जीते हैं, लेकिन आप गुलामी का जीवन नहीं जी सकते और न ही जीना चाहिए.
दिलचस्प बात यह है कि KGF-2 बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल को रिलीज हुई थी. हालांकि यह आत्म-मुक्ति पर अंबेडकर के विचारों से थोड़ा हटकर है. KGF की दुनिया में रॉकी भाई (Yash) लोगों के रक्षक हैं, उनके तारणहार हैं. रॉकी ने अपने काम से लोगों का विश्वास हासिल किया है. लोग उसकी तरफ इज्जत से देखते हैं, उसकी पूजा करते हैं और उसके खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं करते हैं.
KGF-1 रॉकी भाई के उदय की कहानी थी. जो अपने दम पर सबसे बड़ा गैंगस्टर बनता है. वहीं KGF 2 की शुरुआत इसी गैंगस्टर से होती है. फिल्म की शुरुआत से ही हमें इस क्रूर दुनिया में हिंसा देखने को मिलती है.
KGF 1 में गरुड़ा (Garuda) को मारने के बाद KFG चैप्टर-2 में कई चीजें दांव पर है. इस फिल्म में विलेन और भी मजबूत हो जाते हैं. क्रिमिनल मास्टरमाइंड रॉकी भाई को गरुड़ के चाचा अधीरा (Sanjay Dutt) और प्रधानमंत्री रमिका सेन (Raveena Tandon) से लड़ना है. रॉकी को पता चलता है कि वो एक विशाल खजाने पर बैठा है, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. इसके बाद फिल्म में संघर्ष और दिलचस्प हो जाता है.
सिनेमैटोग्राफी, संगीत, प्रोडक्शन से लेकर कॉस्ट्यूम डिजाइन तक KGF-2 के बारे में सब कुछ भव्य है. साथ ही फिल्म में रॉकी भाई की निजी जिंदगी को भी बहुत बढ़िया तरीके से दिखाया गया है. कई बार ऐसा होता है जब फिल्म दर्शकों को एक जादुई अनुभव देने के लिए जानबूझकर तार्किक व्याख्याओं को तोड़ती है.
मुझे पता है कि रॉकी भाई एक एक्शन हीरो है, जिसका अपना एक खास अंदाज है और वो खलनायकों को मारना जानता है. लेकिन वह अनुमति लेने के बारे में कुछ नहीं जानता है. हालांकि फिल्म अति पुरुषत्व के उत्सव के रूप में सामने आ सकती है, लेकिन रॉकी भाई का जीवन महिलाओं द्वारा संचालित होता है. रॉकी का उसका उद्देश्य, निर्णय और स्थिरता उसकी माँ और पत्नी के इर्द-गिर्द घूमती है.
कुछ कमियों के बावजूद यह फिल्म हमें एक भावनात्मक यात्रा पर ले जाती है. KGF 2 का जिस तरह से दर्शकों को इंतजार था और जिस लेवल पर फिल्म का प्रचार किया गया था यह फिल्म उस पर खरी उतरती है. फिल्म में थर्ड पार्ट की संभावना भी नजर आती है.
रेटिंग- 5 में से 4 क्विंट
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