Review: आसानी से भुलाई जाने वाली फिल्म है ‘मलंग’

ये उन ‘थ्रिलर फिल्मों’ में से एक है, जिसे थियेटर से निकलते ही भूल जाते हैं

स्तुति घोष
मूवी रिव्यू
Updated:
ये उन ‘थ्रिलर फिल्मों’ में से एक है, जिसे थियेटर से निकलते ही भूल जाते हैं
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ये उन ‘थ्रिलर फिल्मों’ में से एक है, जिसे थियेटर से निकलते ही भूल जाते हैं
(फोटो: इंस्टाग्राम/दिशा पाटनी)

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हम लोगों के गोवा के प्लान तो बनते रहते हैं, लेकिन मोहित सुरी की फिल्म 'मलंग' में दो लोगों का ये प्लान सफल हो गया है. दो 'खानाबदोश' लोग खूब सारे पैसों के साथ गोवा आते हैं, और मस्ती करने का तय करते हैं.

गोवा में बीच हैं, जहां हमारे लीड कैरेक्टर्स अपनी फिट बॉडी में दिखते हैं और फिल्म ये भी कहना चाहती है कि गोवा में रात को रेव पार्टी होती हैं बस, जो काफी 'डरावनी' होती हैं.

‘मलंग’ की शुरुआत होती है आदित्य रॉय कपूर की फिट बॉडी से. उनके अंदर काफी गुस्सा है. और मोहित सुरी की पुरानी फिल्मों पर नजर डालें तो हमें मालूम है कि इस रिवेंज थ्रिलर फिल्म में आगे क्या होगा.

फिल्म की कहानी गोवा की है. जब वहां पुलिस अफसरों को टारगेट करते हुए एक के बाद एक मर्डर होते हैं, तब पुलिसवालें काम पर लग जाते हैं. हमारी मुलाकात होती है पुलिस अफसर अगाशे (अनिल कपूर) से, जो जांच की बजाय हमेशा एनकाउंटर करने की बात करता है. वहीं, माइकल रॉड्रिग्ज (कुणाल खेमु) प्रक्रिया के तहत अपनी ड्यूटी निभाने में यकीन रखता है.

कहानी गहराती है और जब हम ये सोच रहे होते हैं कि ये सभी मर्डर कैसे एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और अगला टारगेट कौन होगा, तभी फ्लैशबैक्स से ऑडियंस को ये समझाया जाता है. आदित्य रॉय कपूर अपने रोल में ठीक लगे हैं.

लेखक असीम अरोड़ा की इस स्टोरी में आखिरी आधे घंटे में इतना कुछ हो जाता है कि फिल्म के साथ पेस बनाए रखना मुश्किल लगता है. ये उन 'थ्रिलर फिल्मों' में से एक है, जिसे थियेटर से निकलते ही भूल जाते हैं.

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Published: 07 Feb 2020,10:00 PM IST

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