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बनारस की भीड़ भरी तंग गलियां, जहां लोग एक दूसरे से टकराते, संभलते दिन-रात गुजरते हैं. यहां हवाएं भी थोड़ा संभलकर घुसती हैं. इसी संकरी सड़क के आखिरी छोर पर मुराद मुहम्मद अली का घर है. इस घर के पास एक छोटा सा मंदिर है और दूसरी तरफ कन्हैया का टी स्टॉल. इसी स्टॉल पर चौबे जी और मुराद मुहम्मद अली( ऋषि कपूर ) अपने दोस्तों के साथ चाय की महफिल सजाते थे और आते-जाते लोगों को दुआ सलाम के नाम पर ‘राम-राम भईया’ या ‘सलाम वालेकुम’ कहते थे.
शाम की दावत को लेकर तैयारियां चल रहीं हैं, जैसे ही मुराद मुहम्मद अली घर में आते हैं तो छोटा भाई बिलाल पूछता है कि कितना गोश्त लाए हो? ‘30 किलो काफी होगा’? घर में नाच, गाना बिरयानी, कोरमा से सजी थालियां यानी पूरा जश्न का माहौल.
पूरा परिवार ये जानने में जुट जाता है कि वो ऐसी कौन सी चीज थी, जिसने उसे आतंकवादी बनने पर मजबूर कर दिया. उनके सामने अब दो बड़ी चुनौतियां खड़ी थीं. पहली ये कि उन्हें कोर्ट में अपने को बेगुनाह साबित करना था, दूसरा ये कि उन्हें अपने देश के लिए अपना प्यार और वफादारी साबित करनी थी, जिसने पहले ही उन्हें अपराधी घोषित कर दिया था.
अभिनव सिन्हा का निर्देशन काफी कसा हुआ है. कहानी को उन्होंने इस अदा के साथ पेश किया है कि पर्दे से नजरें हटाना मुश्किल है. फिल्म में समाज की कड़वी सच्चाई को बखूबी पर्दे पर उतारा गया है. 'मुल्क' का मुख्य उद्देश्य यह साबित करना है कि 'हर मुसलमान टेररिस्ट नहीं. इन सबके बीच सवाल उठता है कि क्या मुराद अली अपने देश के लिए अपना प्यार साबित कर पाए? वो लोग जिन्हें वो अपना दोस्त कहते थे, इस मुश्किल के वक्त में वो दोस्त उन्हें किस नजर से देखते हैं? आज हमारे मुल्क में मुस्लिम होने के क्या मायने हैं?
फिल्म में कोर्ट रूम में लंबी बहस चलती है, जिसमें वकील का किरदार निभा रहे आशुतोष राणा इस बात पर बहस करते हुए नजर आ रहे हैं कि उन तीन आतंकवादियों में शामिल प्रतीक बब्बर आरोपी हैं. वहीं दूसरी तरफ फिल्म में ऋषि कपूर के घर की बड़ी बहू का किरदार निभा रहीं तापसी पन्नू इस केस में दो धर्मों की लड़ाई लड़ते हुए नजर आ रहीं हैं.
अब बात अगर अदाकारी की करें तो ऋषि कपूर के अभिनय ने फिल्म में जान डाल दी. तापसी पन्नू ने ग्लैमरस और सीरियस रोल निभाने में मानो महारत हासिल कर ली है. 'मुल्क' में एक बहू और वकील के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है. आशुतोष राणा ने वकील के किरदार में सबको हैरत में डाल दिया. रजत कपूर, मनोज पहवा, नीना गुप्ता, प्राची शाह, प्रतीक बब्बर अपने-अपने हिस्से के किरदार में एकदम परफेक्ट बैठ रहे हैं. फिल्म का कंटेट जहां आपको सोचने पर मजबूर करेगा, वहीं कई सवाल भी खड़े करेगा.
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