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‘बॉबी’ के राज से ‘मुल्क’ के मुराद अली तक, कितने बदल गए थे ऋषि कपूर

अपनी दूसरी पारी में ऋषि कपूर ने फिल्मों में एक से बढ़कर एक किरदार निभाए

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बॉलीवुड एक्टर ऋषि कपूर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. 30 अप्रैल को मुंबई के अस्पताल में ऋषि कपूर का निधन हुआ. वो लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे.

ऋषि कपूर बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर्स में शुमार थे. अपने करियर में उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में कीं. उनकी याद में उनके करियर पर एक नजर...

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साल 2019 में उन्होंने फिल्म ‘झूठा कहीं का’ में छोटा सा किरदार निभाया था. लेकिन साल 2018 में आई उनकी फिल्म मुल्क ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. लीड रोल में ऋषि कपूर की दमदार एक्टिंग की तारीफ हर जगह हुई थी. 'मुल्क' में दिखाया गया था कि 'हर मुसलमान टेररिस्ट नहीं'. साथ ही आज हमारे मुल्क में मुस्लिम होने के क्या मायने हैं? जिस शिद्दत से ऋषि कपूर ने मुराद अली मोहम्मद का किरदार निभाया था, उसने फिल्म की कहानी में जान डाल दी है.

पर्दे पर ऋषि कपूर की एक्टिंग में जितनी धार थी, उतनी ही धार परदे की पीछे भी किसी मुद्दे पर अपनी राय रखने के उनके बिंदास अंदाज में भी थी. यानी वक्त के साथ अदाकारी और बेबाकी दोनों में मंझे हुए थे ऋषि कपूर. गौर करने पर आप पाएंगे कि उनकी 'रील' और 'रियल' लाइफ में ये बदलाव पिछले कुछ साल में ही देखने को मिले.

रोमांटिक हीरो के तौर पर बनाई पहचान

अपने पिता राज कपूर की फिल्मों 'श्री 420' और 'मेरा नाम जोकर' में ऋषि बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नजर आए थे. इसके बाद साल 1973 में उन्होंने बतौर हीरो फिल्म 'बॉबी' से अपने करियर की शुरुआत की. उस दौर की ये 'टीनेज लव स्टोरी' सुपरहिट साबित हुई और यहीं से ऋषि बॉलीवुड में एक रोमांटिक और चॉकलेटी हीरो की तरह 'टाइपकास्ड' हो गए.

इस दौरान उन्होंने 'लैला मजनू', 'अमर अकबर एंथनी', 'सरगम', 'कर्ज़', 'प्रेम रोग', 'सागर', 'नगीना', 'चांदनी', 'बोल राधा बोल', 'दीवाना', 'दामिनी' जैसी कई हिट फिल्में दीं.

लेकिन इस दौर में इन हिट फिल्मों से कहीं ज्यादा तादाद ऋषि के उन फिल्मों की है, जिन्होंने औसत या खराब कारोबार किया. इस दौर की फिल्मों में अमूमन ऋषि की इमेज हिरोइन के साथ खूबसूरत वादियों में स्वेटर पहने डफली बजाने वाले रोमांटिक हीरो के तौर पर ही रही. 

दूसरी पारी में किया कमाल

बढ़ती उम्र के मद्देनजर जब से ऋषि कपूर ने फिल्मों में अपनी दूसरी पारी की शुरुआत की, उनकी एक्टिंग में लगातार निखार आता दिखा. यूं कहिए कि इस पारी में उन्हें इस तरह के 'कैरेक्टर रोल' ऑफर किए किए कि सही मायनों में अपनी अभिनय प्रतिभा को दिखाने के मौके मिले. साथ ही ऋषि कपूर इन मौकों को बखूबी भुनाना जानते थे.

चाहे 'नमस्ते लंदन' का मनमोहन मल्होत्रा हो, या 'लव आज कल' का वीर सिंह, 'बेशरम' का इंस्पेक्टर चुलबुल चौटाला हो, या फिर '102 नॉट आउट' का बाबू, ऋषि कपूर की अदाकारी के कई रंग इनमें देखने को मिले. 'अग्निपथ' के रौफ लाला का किरदार भला कौन भूल सकता है?

‘अग्निपथ’ फिल्म को देखकर पहली बार दर्शकों को एहसास हुआ कि एक नेगेटिव किरदार को भी ऋषि कपूर इतने उम्दा तरीके से निभा सकते थे कि देखने वालों को उस किरदार से नफरत हो जाए.
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ट्विटर वाले 'गुस्सैल चिंटू'

ट्विटर पर जो सेलिब्रिटी अकसर विवादों में घिरे रहते थे, उनमें ऋषि कपूर भी एक थे. ट्विटर पर एक्टिव रहने वाले 'चिंटू कपूर' अपनी बेबाक राय और तुनकमिजाजी की वजह से कई बार लोगों से उलझकर सुर्खियां बटोर चुके थे. वैसे तो ऋषि ट्विटर का उपयोग अपने विचार साझा करने के लिए करते थे, लेकिन कभी-कभी वे अपनी पोस्ट को लेकर विवादों में घिरे रहे. ऐसे समय पर ट्विटरबाज भी उन्हें ट्रोल करने के कोई मौका नहीं छोड़ते.

बेहद तल्ख लहजे में राजनीतिक टिप्पणियां करने पर कई बार ऋषि विवादों में घिरे. देखिए एक बानगी:

हिलेरी क्लिंटन, भारतीय महिला क्रिकेट टीम, किम करदाशियां, सोनाक्षी सिन्हा के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने की वजह से उन्हें कई बार लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा.

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मजाक में भी आगे रहे

तुनकमिजाज होने के साथ-साथ ऋषि का सेंस ऑफ ह्यूमर भी कमाल का था. चाहे बात खुद का मजाक उड़ाने की हो, या फिर किसी और का, ऋषि ट्विटर पर हंसी-मजाक का कोई मौका नहीं गंवाते. देखिए चंद बानगी-

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