‘वीरे दी वेडिंग’ में शादी के अलावा और कुछ नहीं!

1 जून को रिलीज हुई है ‘वीरे दी वेडिंग’

स्तुति घोष
मूवी रिव्यू
Updated:
फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ का रिव्यू
i
फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ का रिव्यू
(फोटो: Twitter)

advertisement

शशांक घोष की 'वीरे दी वेडिंग' हमें याद दिलाती है पंजाबी शादियों की. फिल्म में एक नहीं, बल्कि चार हसीनाएं हैं. शुरुआत होती है फ्लैशबैक में स्कूल यूनिफॉर्म पहने लड़कियों से, जो 10 साल बाद शादी के बारे में बात कर रही होती हैं.

वो बात कर रही होती हैं कि किस तरह सोसायटी उनकी शादी के बारे में सोचती है और वो क्या सोचती हैं. ये लड़कियां हसंती हैं, रोती हैं, ड्रिंक करती हैं, मस्ती करती हैं, लेकिन शादी के टॉपिक से एक इंच भी दूर नहीं होतीं.

जिस वीरे की शादी हो रही है, वो हैं करीना कपूर, यानी कालिंदी और इस शादी से पहले इकट्ठा होती हैं सारी दोस्त - अवनि (सोनम कपूर), साक्षी (स्वरा भास्कर) और मीरा (शिखा तलसानिया).

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

करीना की शादी होनी हैं ऋषभ मल्होत्रा यानी सुमित व्यास से, जो काफी केयरिंग और लविंग इंसान है. लेकिन मिसेस मल्होत्रा बनने से पहले का सफर आपको हैरान कर देगा.

फिल्म में कालिंदी की दोस्त अवनि एक मिस्टर राइट ढूंढती है, जबकि साक्षी डायवोर्स लेने की कगार पर है. मीरा ने शादी कर ली है और उसका एक 2 साल का बच्चा है.

शादी में वेस्ट दिल्ली की आंटियों का बड़ा मजाक उड़ाया गया है. उनके झटके, लश्कारे और कपड़े सब दिखाया गया है.

इंटरवल के बाद तो फिल्म चिप्स के उस पैकेट जैसी हो जाती है, जिसमें चिप्स नहीं बल्कि हवा भरी होती है. जोक्स खत्म हो जाते हैं और फिल्म कैसे होगी आपको ये भी पता चल जाएगा.

यहां तक कि फिल्म खत्म होने बाद याद आता है कि फिल्म में गाने भी डालने हैं. पहले आता है भांगड़ा ता सजदा और उसके बाद कितनी तरीफां.

और मैं दे रही हूं वीरे दी वेडिंग को 5 में 2.5 क्विंट.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 01 Jun 2018,10:13 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT