Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Ram Setu Review: अक्षय की फिल्म में कुछ भी हो सकता है-रामसेतु की 10 अजीब बातें

Ram Setu Review: अक्षय की फिल्म में कुछ भी हो सकता है-रामसेतु की 10 अजीब बातें

Ram Setu: अक्षय कुमार और फीमेल को-स्टार के बीच उम्र का स्पष्ट अंतर न दिखे तो खिलाड़ी कुमार की फिल्म कैसे होगी?

फेलियन
एंटरटेनमेंट
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<div class="paragraphs"><p>Ram Setu Riview: अक्षय कैसे कर लेते हो आप ये सब?</p></div>
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Ram Setu Riview: अक्षय कैसे कर लेते हो आप ये सब?

(फोटो- Twitter, Altered by The Quint)

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Ram Setu Honest Review (इस रिव्यू में फिल्म से जुड़े स्पॉइलर हैं)

अभिषेक शर्मा के डायरेक्शन में बनी फिल्म, राम सेतु में अक्षय कुमार, जैकलीन फर्नांडीज और सत्य देव जैसी स्टारकास्ट है. यह फिल्म एक वैज्ञानिक-पुरातत्वविद्, डॉ आर्यन के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे यह प्रूव करने का काम सौंपा गया है कि लोकप्रिय धारणा के विपरीत, राम सेतु कोई मानव निर्मित या दैवीय संरचना नहीं है. फिल्म इसी पुरातात्विक खोज की लाइन पर आगे बढ़ती है, और इस रास्ते में स्टोरी प्लॉट डॉ आर्यन की कट्टर नास्तिकता को चुनौती देती है. लेकिन इस फिल्म की कहानी इसके साथ ही मानसिक तनाव सहने की मेरी क्षमता को भी चुनौती देती है. तो कमर की पेटी बांध लीजिये और यहां पढ़िए इस फिल्म को लेकर मेरा ऑनेस्ट रिव्यू.

1. अच्छा तो फिल्म की शुरुआत ही इंफॉर्मेशन के ओवरडोज के साथ होती है. डॉ. आर्यन और पाकिस्तान, जापान और अन्य देशों के पुरातत्वविद् अफगानिस्तान के उस बौद्ध मंदिर को फिर से खड़ा करने के लिए साथ आते हैं, जिस पर तालिबानी लड़ाकों ने बमबारी की थी. फिल्म शुरू हुए 10 मिनट नहीं बीतते कि, उन्हें न केवल बुद्ध की मूर्ति का सर वाला हिस्सा मिलता है, बल्कि गहनों से भरा एक संदूक भी मिलता है. अरे केवल चाकू जैसे औजार को जमीन से लगाकर इतनी बड़ी खुदाई की जा सकती है, तो हर ऐरे-गैरे पुरातत्वविद् लगे होते.

2. समय नहीं गुजरता कि तालिबानी लड़ाकों से भरे कई ट्रक इन वैज्ञानिकों के ग्रुप पर हमला करने के लिए प्रकट हो जाते हैं, लेकिन ख्याल रहे कि ट्रक का यह काफिला सीधी लाइन में ऐसे चलता है जैसे तालिबान में 'एडमिशन' के पहले टेस्ट में उनसे यही करके दिखाने को कहा गया था. इसके बाद वैज्ञानिकों का यह ग्रुप लड़ाकों की हमले से बचने की कोशिश कर रहा होता है लेकिन बिना किसी लॉजिक के, डॉ. आर्यन और उनके पाकिस्तानी साथी न केवल हर बम विस्फोट से बचे रहते हैं, बल्कि इस आप-धापी में उन्हें जमीन में दबी बुद्ध की एक विशाल मूर्ति भी मिल जाती है. आप आंख बंद करके मान लीजिये कि अक्षय कुमार का किरदार बड़ा पुरातत्वविद् है और वो जहां हाथ लगाएगा एक दादा-आदम के जमाने की मूर्ति निकल आएगी.

3. अक्षय कुमार की फिल्म में उनके और उनकी फीमेल को-स्टार के बीच उम्र का स्पष्ट अंतर न दिखे तो वो फिल्म खिलाड़ी कुमार की कैसे होगी. राम सेतु फिल्म में नुसरत भरुचा- जो अक्षय कुमार से 18 साल छोटी हैं- उनकी पत्नी गायत्री की भूमिका निभा रही हैं. उनके शौक में अपने पति डॉ आर्यन की नास्तिकता के खिलाफ बहस करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि उनका बेटा पौराणिक किताबें पढ़कर पति की तरह न निकल जाए. भले ही उनकी किरदार लिटरेचर की प्रोफेसर है, उसका स्टोरी प्लॉट में कोई महत्व नहीं है. लेकिन फिल्म के निर्माता आपको यह भूलने ही नहीं देंगे कि वह लिटरेचर की प्रोफेसर हैं. अब आप पूछेंगे कि कैसे? उसका पति डॉ आर्यन हर बार उसे 'प्रोफेसर' कहकर ही बुलाता है.

4. आर्यन को एक पावरफुल बिजनेसमैन इंद्रकांत हायर करता है, जो उसे इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण इकट्ठा करने का काम देता है कि राम सेतु को प्रकृति ने बनाया है. इसके बाद ही वह बेस कैंप में पहुंचता है, जहां वह डॉ. सैंड्रा (जैकलीन फर्नांडीज) सहित दुनिया के विभिन्न कोनों से आए एक्सपर्ट्स से मिलता है. मैं यह देख कर इम्प्रेस हुई कि फिल्म मेकर्स ने ब्राजील के एक्सपर्ट डॉ. गैब्रिएल के किरदार को निभाने के लिए ब्राजील के एक एक्टर (जेनिफर पिकिनाटो) को कास्ट किया है.

5. अक्षय कुमार का स्पेशल सबमरीन-सूट उड़न तश्तरी जैसे एयरलिफ्ट होकर बेस कैंप पहुंचता है. जैसे ही अक्षय कुमार का किरदार वह सूट पहनता है, मेरे लिए इस फिल्म को सीरियसली लेना हद से ज्यादा मुश्किल हो गया. अब आप बज लाइटियर के स्पेस सूट की कल्पना करें (लेकिन बिना विंग के), अब उसके अंदर लंबे बालों वाले, अस्त-व्यस्त, 55 साल के अक्षय कुमार को रखिए. अच्छा समझ गए न मैं क्या कहना चाह रहा.

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6. बेस कैंप में गहमा-गहमी तब होती है, जब इंद्रकांत का राइट हैंड- बाली श्रीलंका में चल रहे गृहयुद्ध के कारण डॉ आर्यन को श्रीलंकाई के अधिकार क्षेत्र में आने वाले समुद्र से दूर रहने का सख्त निर्देश देता है. किसी को आश्चर्य नहीं होगा जब फिर एक बार अक्षय कुमार का किरदार, जुनून और जोश से ओत-प्रोत होकर, 'तैरने वाले पत्थरों' में से एक को लेने के लिए लंका के पानी की ओर तैरने की कोशिश करता है. ऐसे में बाली मेन स्विच को दबा देता है और आर्यन को उसके सूट समेत वापस बुला लेता है. अरे देखो-देखो, आर्यन खुद को स्पेशल सबमरीन-सूट से मुक्त करता है, वापस तैरना शुरू करता है, तैरने वाले पत्थर को पकड़ता है और पानी से आसानी से बाहर निकलता है. वाह क्या स्टेमिना है! अच्छा मैं एक सवाल पूछ लूं ? कर कैसे लेते हो इतना सब कुछ?

7. चलो मान लेते हैं कि फिल्म के क्रिएटर्स ने यह जानबूझ के नहीं किया होगा लेकिन मेरे लिए फिल्म का सबसे फनी डायलॉग वो था जब गंभीर होकर डॉ. आर्यन का किरदार बाली से पूछता है- "इतिहास का मतलब समझते हो? जानते हैं आर्यन ने Itihaas का क्या मतलब बताया ? उसने इसका फुल फॉर्म बताया- "It. Thus. Happened." मतलब कुछ भी?? खैर हम ये क्यों भूल जाते हैं कि अक्षय कुमार की मूवी में कुछ भी हो सकता है.

8. यह खोजी यात्रा तब रुख बदलती है जब इंद्रकांत के इशारे पर बाली, डॉ आर्यन-डॉ सैंड्रा और डॉ गैब्रिएल को मारने की कोशिश करता है. इसके बाद तीनों श्रीलंका के अधिकार क्षेत्र वाले जलक्षेत्र में भाग जाते हैं और उन्हें एक टूर गाइड बचाता है, जो खुद को एपी (सत्य देव) कहता है. यहां पर फिल्म का सबसे बड़ा 'ट्विस्ट' है जो आप खुद देखिए. हो सकता है कि फिल्म मेकर्स ने इस सीन को फिल्म का सबसे रोमांचक हिस्से बनाने के इरादे से बनाया हो, लेकिन मैं इसे देखकर अपनी हंसी नहीं रोक सका.

9. कमाल की बात है कि अक्षय कुमार का किरदार राम सेतु को महिलाओं की सुरक्षा का प्रतीक बताता है. अरे वाह! तो भाइयों, बहनों और इस परिधि से खुद को बाहर आजाद रखने वाले मेरे दोस्तों- मैं आपके सामने प्रस्तुत करता हूं: डॉ. आर्यन को, जो महानतम वैज्ञानिक, फिर पुरातत्वविद्, फिर वकील, फिर दिव्य अवतार और अब नारीवाद का झंडा थामे सुपरहीरो भी हैं.

10. जब से फिल्म शुरू हुई थी, तब डॉ. आर्यन धार्मिक कट्टरता के खिलाफ मुखर था और विज्ञान बनाम धर्म की बहस के इर्द-गिर्द कई गंभीर तर्क देता दिखता है. फिल्म के खत्म होने तक, वो न केवल भक्त बन गया है बल्कि भगवान राम की तरफ से वकालत करता भी दिखता है. इससे पहले कि मैं इस सरासर और अनावश्यक प्रोपेगेंडा से आहत होता, फिल्म पहले ही इतनी वाहियात थी कि मैं चीखने-चिल्लाने और हंसने की विरोधी क्रिया के बीच झूल रहा था.

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