Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Entertainment Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जिस CODA से Kotsur ने इतिहास रचा, उसकी स्क्रिप्ट जैसी ही है इस डीफ एक्टर की लाइफ

जिस CODA से Kotsur ने इतिहास रचा, उसकी स्क्रिप्ट जैसी ही है इस डीफ एक्टर की लाइफ

ऑस्कर जीतने वाले पहले श्रवण-बाधित पुरुष बने ट्रॉय कोत्सुर की जिंदगी की झांकी

राजकुमार खैमरिया
एंटरटेनमेंट
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Troy Kotsur

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ट्रॉय कोत्सुर (Troy Kotsur) को फिल्म CODA में उनकी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए ऑस्कर सम्मानित किया गया है. CODA में अपने ऑस्कर विजयी प्रदर्शन में ट्रॉय कोत्सुर की बोले जाने वाली पंक्तियां एक से बढ़कर एक हैं, है, लेकिन दुर्भाग्य है कि वे खुद इन्हें कभी नहीं सुन सकते.

कोत्सुर के लिए, उस एक लाइन, एक डायलॉग का मतलब है, ढेर सारी रिहर्सल और फिल्म के सेट पर उस डायलॉग को बोलने की हिम्मत जुटाना जो खुद उनके कानों तक नहीं पहुंच सकता. लेकिन कोत्सुर ने अपनी इस कमी को कभी आड़े नहीं आने दिया. ट्रॉय कोत्सुर अभिनय श्रेणी में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाले पहले श्रवण-बाधित पुरुष हैं और सिर्फ दूसरे श्रवण-बाधित व्यक्ति हैं. उनकी सह-कलाकार रहीं मार्ली मैटलिन ने 35 साल से अधिक समय पहले ‘चिल्ड्रन ऑफ ए लेसर गॉड’ (1987) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ऑस्कर जीता था. वह ऑस्कर जीतने वाली पहली बधिर कलाकार थीं.

उनकी कहानी के साथ उपलब्धियां भी बहुत प्रेरक हैं. उन्होंने बधिर समुदाय को गौरवान्वित करते हुए इस वर्ग का प्रतिनिधित्व हॉलीवुड के सबसे बड़े चरणों तक पहुंचाया है. वह स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड के लिए व्यक्तिगत रूप से नामांकित होने वाले पहले बधिर अभिनेता बने. उन्हें जब बाफ्टा के लिए नामांकित किया गया, तो उन्होंने इतना जश्न मनाया कि वे अपनी कुर्सी से गिर गए.बेस्ट को एक्टर के लिए गोथम अवार्ड भी उन्हें मिला.

कोत्सुर की CODA में सह-कलाकार मार्ली मैटलिन भी हैं. CODA में, ये दोनों एक सुनने वाली बेटी के बहरे माता-पिता की भूमिका निभाते हैं.

ऐसे शुरू हुई यात्रा

ऑस्कर के लिए कोत्सुर की यात्रा एक प्राइमरी विद्यालय से शुरू हुई. चूंकि वह सुन नहीं पाते थे तो उनके लिए टीवी प्रोग्राम्स की संख्या कम ही थी. कोत्सुर को टॉम एंड जेरी जैसे कार्टून पसंद थे और वे स्कूल बस में अपने बधिर सहपाठियों को इन कार्टून्स की एनिमेटेड कॉपी फिर से करके दिखाते थे. इस दौरान अजीब सी उछल कूद करके वह काफी रिस्की एक्ट भी कर जाते थे. जिससे उनके पुलिस में कार्यरत पिता चिंतिंत होते थे. उन्होंने गैलाउडेट विश्वविद्यालय में अभिनय का अध्ययन किया, और फिर बधिरों के राष्ट्रीय रंगमंच में शामिल हो गए.

बधिर अभिनेताओं के लिए टेलीविजन और फिल्म में कम ही मौके थे तो कोत्सुर ने थिएटर के मंच पर जलवा दिखाना शुरू किया. 1994 में माइस एंड मेन के साथ शुरुआत की. 1991 में स्थापित लॉस एंजिल्स थिएटर कंपनी, डेफ वेस्ट की कुल 20 प्रस्तुतियों में कोत्सुर ने अभिनय किया. इसी के एक शो के दौरान वह अपनी पत्नी, अभिनेत्री डीन ब्रे से मिले. उन्होंने साइरानो डी बर्जरैक की भूमिका निभाई और अमेरिकन बफ़ेलो जैसे प्रसिद्ध नाटक में भी अभिनय किया.
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मंच ने सिखाई अभिनय की हर एक बारीकी

कोत्सुर अपने अभिनय को पूरी बॉडी लैंग्वेज से दर्शाना मंच से ही सीखे हैं. अपने पहले के टीवी इंटरव्यूज में उन्हेांने कहा भी है कि- "मेरे लिए मंच पर सांकेतिक भाषा के माध्यम से भावनाओं को दिखाना वास्तव में महत्वपूर्ण है, कभी-कभी, सांकेतिक भाषा बोली जाने वाली बातचीत की तुलना में अधिक प्रभावी और सार्थक हो सकती है."

मैं चाहता हूं कि दर्शकों का बधिरों के लिए एक अलग नजरिया हो. वे बधिरों केा लेकर अपनी पूर्वकल्पित धारणाओं से छुटकारा पाएं. बधिरी डॉक्टर हैं, वकील हैं, फायरमैन हैं. पर बहुत से सुनने वाले लोग उनकी इस उपलब्धियों से बेखबर हैं.
ट्रॉय कोत्सुर

'कोडा' कोत्सुर की जिंदगी की तरह

'कोडा' यानी ‘चाइल्ड ऑफ डेफ अडल्ट्स’ फिल्म एक बधिर परिवार की दिल को छू लेने वाली कहानी है. यह 2014 की फ्रांसीसी फीचर फिल्म ‘ला फैमिले बेलियर’ की रीमेक है. इस फिल्म की कहानी भी कोत्सुर की निजी जिंदगी का ही झरोखा दिखाती है. इसमें एक इमोशनल सीन उनकी बेटी की पात्र रूबी के साथ ट्रक में फिल्माया गया एक क्षण है. जब रूबी की गायन प्रतिभा को समझने में असमर्थ, वह उसकी गर्दन के कंपन को कोमलता से महसूस करते हुए उसका गाना सुनता है.

कोत्सुर के अपने निजी जीवन में भी इस सीन की गहरी गूँज सुनाई देती है. उनकी और उनकी बधिर पत्नी ब्रे की 17 वर्षीय बेटी भी एक CODA (‘चाइल्ड ऑफ डेफ अडल्ट्स’ यानी बधिर वयस्कों की संतान) है, वह भी संगीत के प्रति आकर्षित है.

कोत्सुर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि “जब मेरी बेटी संगीत बजा रही होती है, तो वह नहीं जानती कि मैं उसके पीछे खड़ा हूं. मैं चलकर आता हूं और गिटार को छूकर उसके कंपन को महसूस करता हूं, मैं पियानो के साथ भी ऐसा ही करता हूं. जब मेरी बेटी पियानो की प्रेक्टिस कर रही होती है तो मैं अपनी बाहों को पियानो पर रख देता हूं और उसके कंपन केा महसूस करके अपनी बेटी का बजाया संगीत सुनता हूं.

ऑस्कर अवॉर्ड 2022

(फोटो: ट्टिर)

कैरेक्टर से बाहर आने में आधा साल लगा

कोत्सुर पर कोडा ने बहुत अधिक प्रभाव डाला. इस फिल्म ने उनकी जिंदगी के आगे कुछ ऐसा प्रस्तुत किया जो उन्होंने शायद ही कभी देखा हो, सोचा हो. जब पहली बार CODA की पटकथा उन्होंने पढ़ी, तो पाया कि वह तो इस फिल्म के लिखे अपने पात्र फ्रैंक की तरह ही हैं. वह भी अपनी बेटी के घर छोड़ने के लिए अभी तैयार नहीं है. उसके साथ उनके वही रिश्ते हैं जो इसकी स्क्रिप्ट में बताए गए हैं. यहां तक कि इसकी शूटिंग खत्म होने के बाद भी उन्हें फ्रैंक से अलग होने में लगभग आधा साल लग गया, वह उसकी तरह ही दाढ़ी बढ़ाए घूमते रहे.

एक दिन जब उनकी पत्नी ने टाेककर उन दोनों की सांकेतिक भाषा में उनसे कहा, 'ट्रॉय, क्या आप अपनी दाढ़ी को शेव करेंगे? आय कॉन्ट किस यू विद दिज'' तब वह फ्रैंक की उस दाढ़ी को छोड़ सके.

यह मेरा नहीं पूरी बधिर बिरादरी का अवॉर्ड

अवार्ड मिलने पर इमोशनल हुए कोत्सुर ने जब सांकेतिक भाषा और एक इंटरप्रेटर के माध्यम से ऑस्कर में अपनी बात रखी तो कई आंखों को नम कर दिया होगा. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा इस बड़े स्टेज पर खड़े होना ही किसी आश्चर्य से कम नहीं है. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मैं यहां हूं. मेरे काम को मान्यता देने के लिए सभी को धन्यवाद, हमारी फिल्म ‘कोडा’ दुनिया भर में देखी गई.

‘यह व्हाइट हाउस तक भी पहुंच गई,इसी फिल्म की वजह से इसके कलाकारों को व्हाइट हाउस आने और उसका दौरा करने के लिए आमंत्रित किया गया. यह मेरी बधिर बिरादरी, मेरे गृहनगर मेसा, मेरी बधिर पत्नी, मेरी बेटी कायरा, मेरे प्रबंधक , मुझे सिखाने वाली टीम, मेरी मां, मेरे पिता, मेरे भाई सबका क्षण है.’’

उनके यह शब्द सच हैं, यह केवल उनका ही पूरी बधिर बिरादरी के लिए गौरव का क्षण है.

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