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कोरोना वायरस लॉकडाउन ने हमारी जिंदगी में कई चीजें बदल दी हैं और उसमें से एक है टीवी देखने का तरीका. पिछले 6 महीने से जब सभी अपने घरों में बंद हैं, तो लोगों का टीवी देखना बढ़ा है.
BARC और Nielsen की एक ज्वॉइंट रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के पहले हफ्ते (22 मार्च से 28 मार्च) में 7 दिनों में सबसे ज्यादा टीवी देखा गया. न्यूज और मूवी के चैनलों में भी व्यूयरशिप में ऑल-टाइम हाई ग्रोथ रिकॉर्ड की गई. व्यूयरशिप के मामले में हिंदी मूवी चैनलों ने हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनलों (GEC) को पीछे छोड़ दिया है.
लॉकडाउन के कारण टीवी इंडस्ट्री को काफी नुकसान उठाना पड़ा. शूटिंग रुकने के कारण नए एपिसोड ऑन-एयर नहीं हुए. कई महीनों बाद, जुलाई में टीवी शूट को फिर से चालू करने की अनुमति दी गई. जबकि कुछ शो ने चल रही कहानियों को बंद कर दिया, तो दूसरों ने कोरोना वायरस एंगल को ध्यान में रखते हुए नई कहानियों को लिखने की कोशिश की. लेकिन क्या नई तकनीकें काम कर रही हैं? देखते हैं.
हाल ही में आया डेटा बताता है कि लॉकडाउन के बाद हिंदी GEC व्यूयरशिप का न्यूज देखने में 8% बढ़त देखी गई है. पहली बार न्यूज चैनलों के दर्शकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है.
भले ही हिंदी GEC शो नए एपिसोड के साथ वापस आ गए हों, लेकिन वो टीआरपी के गेम में अभी भी वापस नहीं आ पा रहे हैं. न्यूज चैनल अभी भी लोगों की पसंद बने हुए हैं.
क्विंट ने ‘कुंडली भाग्य’ की राइटर भावना व्यास से संपर्क किया. रेटिंग चार्ट में ये शो टॉप पांच में शामिल है. भावना ने कंफर्म किया कि लॉकडाउन के बाद से शो की टीआरपी पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा, “इन सब के अलावा इतनी पाबंदियों के बीच कंटेंट जेनरेट करने का दबाव है. COVID-19 में शूटिंग को लेकर गाइडलाइंस और कास्ट-क्रू की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए, हमें क्रिएटिविटी में भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.”
न्यूज चैनलों की ओर झुकाव के बारे में बात करते हुए, राइटर ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत मामले ने टीवी शो को कुछ हद तक प्रभावित किया है, लेकिन केवल यही एक कारण नहीं हो सकता.
क्विंट ने एक्टर, प्रोड्यूसर और भारतीय फिल्म और टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल (IFTPC) के अध्यक्ष जेडी मजेठिया से भी बात की, जिन्होंने COVID दुनिया में दर्शकों की पसंद को लेकर डिटेल में जानकारी दी.
मजेठिया कहते हैं कि घर पर रह रहे पुरुषों का केवल न्यूज चैनल देखने के लिए रिमोट अपने हाथ में ले लेना एक महत्वपूर्ण कारण है. उन्होंने कहा, “देश में वायरस आने से पहले, होममेकर्स शाम को काम खत्म करती थीं और फिर टीवी सीरियल देखती थीं, जबकि पुरुष देर रात घर पहुंचते थे और फिर न्यूज देखते थे. अब, हर कोई हर समय घर पर है, इसलिए जीवन शैली भी बदल गई है. महिलाएं अपने पसंदीदा सीरियलों का रिपीट टेलीकास्ट देख रही हैं, जबकि पुरुषों ने प्राइमटाइम न्यूज पर कब्जा कर लिया है.”
मजेठिया न्यूज चैनलों पर आने वाली न्यूज को भी एक कारण बताते हैं. लॉकडाउन की शुरुआत में, लोग COVID-19 अपडेट्स में ज्यादा इंट्रेस्टेडट थे. इसके बाद प्रधानमंत्री का भाषण आया, फिर कई सेलिब्रिटी की मौत, बाढ़ और आखिर में सुशांत सिंह राजपूत का मामला, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर हंगामा खड़ा कर दिया. सोनी सब पर आने वाले शो ‘भाकरवाड़ी’ को प्रोड्यूस कर चुके मजेठिया का कहना है कि इस प्राइमटाइम सीरियल पर भी असर पड़ा है.
इनके अलावा, एक और कारण ये हो सकता है कि दर्शकों में कोरोना वायरस और इससे जुड़े कंटेंट और हालात को लेकर इंट्रेस्ट पैदा नहीं हो रहा है.
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