Boycott Pathaan ट्रेंड की पड़ताल- इस मुहिम के पीछे कौन लोग हैं?

क्या हैशटैग #BoycottPathaan आपको जाना-पहचाना लगता है?

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Boycott Pathaan ट्रेंड की पड़ताल

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आइए शाहरुख खान की आने वाली फिल्म पठान (Pathaan) की रिलीज के खिलाफ आक्रोश के पीछे की सच्चाई को उजागर करते हैं. क्या हैशटैग #BoycottPathaan आपको जाना-पहचाना लगता है? इस बात की संभावना है कि आपने पिछले दो साल में किसी समय अपने सोशल मीडिया फीड पर इस ट्रेंड को देखा होगा. लेकिन यह नाराजगी किस बात की है? और कौन करा रहा है? इस मल्टीमीडिया इमर्सिव में इन सवालों के जवाब पाने के लिए हमारे साथ बने रहें.

12 दिसंबर 2022 को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म पठान के खिलाफ आपत्ति जताते हुए कहा कि फिल्म को राज्य में बैन का सामना करना पड़ सकता है. वो 'बेशरम रंग' गाने के वीडियो में 'केसरिया' और 'हरे' रंगों के इस्तेमाल से खासे खुश नहीं दिखे.

बेशरम रंग गाने से नाखुश नरोत्तम मिश्रा ने की शाहरुख खान और दीपिका पादूकोण स्टारर पठान को बैन कराने की मांग की

इसके बाद जो हुआ वह बहुत कुछ वैसा ही था जैसा हाल के दिनों में बॉलीवुड की कुछ बड़ी फिल्मों के साथ हुआ था. ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से इसके बहिष्कार के ऐलान किए गए - इसके साथ ही जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए

...लेकिन यह कहानी यहां से शुरु नहीं होती

BoycottPathaan ट्रेंड ने साल 2020 में सोशल मीडिया पर रफ्तार पकड़नी शुरु कर दी थी. लेकिन पठान के खिलाफ विरोध के पीछे के क्या कारण हैं? और क्या आक्रोश बनाया गया है या खुद पैदा हुआ है?

इन सवालों के जवाब के लिए हमने फिल्म बॉयकॉट के बढ़ते ट्रेड की जांच की.अगले तीन चैप्टर में आक्रोश और इसके पीछे के लोगों पर हमारी जानकारी का ब्यौरा दिया गया है. पढ़ने के लिए नीचे दी गई इमेज पर क्लिक करें

भाग 1-नाराजगी कैसे हुई शुरू?                            

भाग 2- कौन इस बहिष्कार अभियान को जिंदा रख रहे हैं?

भाग 3- क्या हैं इस अभियान के मुख्य बिंदु?

(यह #BoycottPathaan ट्रेंड की जांच करने वाली तीन एपिसोड की  सीरीज का पहला एपिसोड है. अन्य एपिसोड को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें, या अपनी स्क्रीन के शीर्ष पर नेविगेशन बार का उपयोग करें.)

पठान की रिलीज के बारे में अगस्त 2020 में एक रिपोर्ट विभिन्न एंटरटेनमेंट  और न्यूज वेबसाइटों पर प्रकाशित हुई थी. और तब हमने फिल्म बहिष्कार के ऐलान पर गौर किया. बहिष्कार के ऐलान की उत्पत्ति को समझने के लिए आइए जून 2020 में वापस चलते हैं.

निशाना बनाने के लिए कब-क्या हुआ? एक रुपरेखा

2020 जून - जून, 2020 में एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, और इसके बाद साजिश का ‘पिटारा’ खुला. इस दौरान, कई वेबसाइटों और पोर्टल ने शाहरुख की नई फिल्म पठान के बारे में सोर्स-बेस्ड जानकारी प्रकाशित की. दिलचस्प बात है कि एक अनऑफिसियल ट्रेलर को फैंस ने रिलीज कर दिया और उसे बहिष्कार का सामना करना पड़ा. लोगों से ट्रेलर को 'नापसंद' करने और फिल्म का 'बहिष्कार' करने का आग्रह करने वाले पोस्ट किए गए

2021 सितंबर - बहिष्कार ट्रेंड में बड़ा उछाल सितंबर 2021 में देखा गया. जब राइट विंग समाचार संगठन सुदर्शन न्यूज चैनल ने शाहरुख खान पर एक शो प्रसारित किया, जिसे अक्सर सांप्रदायिक रूप से गलत सूचना फैलाने के लिए जाना जाता है

चैनल के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाण ने शाहरुख खान पर मनगढ़ंत आरोप लगाए. उन्होंने 'टीपू सुल्तान' नाम की एक फिल्म का नकली पोस्टर भी ट्वीट किया और अभिनेता पर निशाना साधा. इसके कारण कुछ लोगों ने शाहरुख की फिल्म पठान के बहिष्कार का ऐलान किया

2021 अक्टूबर - और फिर अक्टूबर 2021 में खान के बेटे आर्यन को ड्रग से जुड़े एक मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एक क्रूज से गिरफ्तार किया था. इसके चलते न सिर्फ अभिनेता और उनके परिवार को ट्रोल किया गया, बल्कि फिल्म बहिष्कार के भी ऐलान किए गए

2022 मार्च - 2 मार्च 2022 को यश राज फिल्म्स (YRF) ने फिल्म का पहला मोशन पोस्टर जारी किया और रिलीज की तारीख का ऐलान किया.पोस्टर के रिलीज होने के बाद एक बार फिर ट्रोलर हावी हो गए और हेट कैंपेन को बढ़ावा मिला, जिससे फिर से लोगों ने फिल्म का बहिष्कार करने के लिए ठोस प्रयास किया. इस दौरान हमने देखा कि विशेष रुप से हिंदुओं के लिए अपील की गई थी , जिसमें शाहरुख को हिंदू विरोधी बताया गया.

पठान की तुलना विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स से भी की गई थी, जो 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित थी और कई लोगों ने इसे "प्रोपगेंडा" कहा था

कुछ पोस्ट ऐसी थीं जो बॉलीवुड में मुसलमानों के उत्पीड़न और हिंदुओं को बुरी स्थिति में पेश करने के  बारे में  बात करती थीं. द कश्मीर फाइल्स मार्च में रिलीज हुई थी और हमने इस दौरान पठान के खिलाफ राइट विंग की ऑनलाइन गतिविधि को देखा

2022 अगस्त -फिर अगस्त आया और एक और खान की एक और बड़ी रिलीज का समय आया- यह आमिर खान और करीना कपूर खान स्टारर  लाल सिंह चड्ढा थी, जो आमिर खान के पुराने बयानों के कारण विवादों में घिर गई थी.

2022 सितंबर - सितंबर में आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की ब्रह्मास्त्र भी इसी तरह के बहिष्कार अभियान का शिकार हो गई. लाल सिंह चड्ढा और ब्रह्मास्त्र के साथ-साथ यह पठान थी जिसने भारी आलोचना का सामना किया

BoycottBollywood ट्रेंड पर हमने हाल ही में एक स्टोरी की थी,जिसमें हमने विस्तार से बताया था कि कैसे राइट विंग के समूहों और एसएसआर समर्थकों ने इस तरह के ट्रेंड को बढ़ावा दिया था.

क्राउडटैंगल के डेटा के अनुसार, "संघर्ष निरंतर जारी हैं अब पठान की बारी हैं" के स्लोगन के साथ एक पोस्ट फेसबुक पेज और ग्रुपों में पोस्ट की गई, जिसे 14 अगस्त से लेकर 20 अगस्त तक 1,44,000 इंटरैक्शन मिले

इस दौरान बॉयकॉट जैसे ट्रेंड को बढ़ावा देने के लिए सैकड़ों पोस्ट किए गए थे.यह सिलसिला अगस्त और सितंबर तक जारी रहा. हमने इस दौरान कुछ पोस्ट ऐसे देखे जिसमें सलमान खान की आने वाली फिल्म टाइगर 3 के बॉयकॉट का ऐलान किया गया था.

और हाल ही में पठान का पहला गाना बेर्शम रंग रिलीज होने के बाद #BoycottPathaan फिर से ट्रेंड करने लगा. ट्विटर पर यह अगले 3 दिनों तक ट्रेड करता रहा.यह गाना 12 दिसंबर को रिलीज हुआ था लेकिन #BoycottPathaan पिछली रात से ही ट्रेंड करने लगा.और गाने के रिलीज होने के बाद इस ट्रेंड को और हवा मिलने लगी.

वजह थी बेशर्म रंग को निशाना बनाना

गाने में दीपिका पादूकोण को भगवा बिकिनी में दिखाया गया था और यह लोगों को नाराज करने के लिए काफी था.2020 में दिल्ली की जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्दालय में हिंसा के दो दिन बाद दीपिका के जेएनयू जाने के लिए उन्हें निशाना बनाया गया था. और एक बार फिर...दीपिका के कपड़ों को लेकर नाराजगी केवल ऑनलाइन यूजर्स तक सीमित नहीं थी, यहां तक की राजनीतिक नेताओं और मंत्रियों ने भी नाराजगी जताई थी

बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि गाने को गंदी मानसिकता के शूट किया गया था. बीजेपी विधायक राम कदम  ने कहा कि हिंदुत्व का अपमान करने वाली कोई भी फिल्म बर्दाश्त नहीं की जाएगी"

इसे शाहरुख और उनके धर्म को निशाना बनाने के लिए एक अवसर  के रुप में इस्तेमाल किया गया था ताकि यह दावा किया जा सके कि वह हिंदुओं और भारत का अपमान करते हैं.यहां तक की उनकी फिल्म डॉन 2 की एक क्लिप, जिसमें उन्हें नारंगी रंग की वर्दी पहने मलेशियाई जेल में दिखाया गया था, को पठान की एक क्लिप के रूप में शेयर किया गया था.

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द प्लेयर्स - कौन रख रहे हैं इस बहिष्कार अभियान को जिंदा?

अब तक इस बॉयकॉट में शामिल प्रमुख लोगों में सुशांत सिंह राजपूत के लिए इंसाफ मांगने वाले और राइट विंग विचारधारा की सदस्यता लेने वाले लोग रहे हैं.

एसएसआर समूह -  2020 में #JusticeforSSR अभियान के साथ इस बॉयकॉट की मांग उठी. अगस्त 2020 में, 'SSRians' (जैसा कि वे खुद को कहते हैं) ने आने वाली सभी बड़ी रिलीज का एक कोलाज पोस्ट किया और पठान सहित उनके बॉयकॉट का ऐलान किया

क्राउडटैंगल के अनुसार, अगस्त और दिसंबर के बीच फेसबुक पर SSR से संबंधित पेजों और ग्रुपों पर "पठान का बॉयकॉट" से संबंधित 130 पब्लिक पोस्ट थे, जिसमें करीब 9,000 इंटरैक्शन थे.

उदाहरण के लिए, यह वीडियो, 2019 IIFA अवार्ड्स से, जिसमें शाहरुख खान और शाहिद कपूर को सुशांत सिंह राजपूत और आयुष्मान खुराना का मजाक उड़ाते हुए देखा गया था, फिर से सामने आया है. SSRians वीडियो का उपयोग पठान के बॉयकॉट की अपील करने के लिए कर रहे हैं, और शाहरुख पर बॉलीवुड में "बाहरी लोगों" के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा रहे हैंशाहरुख के 2015 के शो सबसे शाना कौन का एक और क्लिप भी वायरल हुआ है, जिसमें सुशांत मेहमान थे. SRK ने अपने शो पर सुशांत का मजाक उड़ाया, जिसे 'SSRians' अपमान कहते हैं.

राइट विंग ग्रुप

राइट विंग का दावा है कि पठान और अन्य बॉलीवुड फिल्मों के खिलाफ उसका गुस्सा इंडस्ट्री के कथित "इस्लामीकरण" से उपजा है.वे फिल्म निर्माताओं पर दर्शकों पर "इस्लामी संस्कृति" थोपने का आरोप लगाते हुए बॉलीवुड को 'उर्दूवुड' कहते हैं.हमने देखा कि कई राइट विंग इन्फ्लुएंसर अपने प्रोफाइल पर इन दावों को आगे बढ़ा रहे हैं

निम्नलिखित प्रमुख राइट विंग इन्फ्लुएंसर के फेसबुक पेज पर कितने फॉलोअर्स हैं, यहां देखें

हिंदू आर्मी चीफ सुशील तिवारी -73 K Followers

एडवोकेट इशकरण सिंह भंडारी - 404 K Followers

हिंदू समाज पार्टी मोहित राज - 216 K Followers

उपदेश राणा - 856 K Followers

क्रिएटली जैसे प्रोपगंडा प्लेटफॉर्म पर भी इस तरह के पोस्ट की भरमार थी.फेसबुक लाइव और वीडियो के जरिए ये इन्फ्लुएंसर पठान के बॉयकॉट का दवाब बना रहे हैं.इनका ज्यादातर कंटेंट इन विषयों और दावों के आस-पास केंद्रित होता है.जैसे- "बॉलीवुड पाकिस्तान में आतंकवाद को फंड करता है"."हिंदू संस्कृति का अपमान", "युवाओं पर प्रभाव" आदि

हमें कुछ ऐसे न्यूज चैनल भी मिले जो नियमित रुप से राइट विंग इन्फ्लुएंसर की मेजबानी करते हैं. और उन्हें मुसलमानों, बॉलीवुड के खानों और विशेष रूप से फिल्म पठान के बारे में नफरत फैलाने के लिए एक मंच देते हैं

बदले में इन्फ्लुएंसर अपने फॉलोवर्स के लिए समाचार चैनलों से साक्षात्कार और अन्य वीडियो अपने सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं

उदाहरण के लिए, लंकादहन नामक एक चैनल पर राइट विंग इन्फ्लुएंसर  का इंटरव्यू  लिया गया, जहां उन्होंने 'बेशरम रंग' गाने के कारण पठान का बॉयकॉट करने की बात कही. एक दिन बाद, इंटरव्यू को सुशील तिवारी ने अपने पेज पर शेयर किया. तिवारी को अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कई बार लंकादहन के चैनल पर दिखाया गया है.

ऑरिजिनल वीडियो को 1,63,000 से अधिक बार देखा गया और 700 से अधिक अकाउंट्स द्वारा शेयर किया गया.सच तक न्यूज नाम के एक अन्य चैनल ने भी कई राइट विंग इन्फ्लुएंसर को होस्ट किया है

लंकादहन के 37,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और सच तक न्यूज के 17 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. इससे पहले दावा किया गया कि चैनल के सबसे ज्यादा दर्शक लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित है, वहीं दूसरे चैनल के पटना, बिहार में स्थित होने का दावा करते हैं. हालांकि, हमने देखा कि दोनों चैनलों ने समान लोगों को होस्ट किया.

हिंदू समाज पार्टी के राइट विंग इन्फ्लुएंसर मोहित राज भी नियमित रूप से लंकादहन के चैनल पर मुसलमानों और भीम आर्मी के खिलाफ बोलते हैं.जब राइट विंग इन्फ्लुएंसर की मेजबानी नहीं की जाती है, तो चैनल बॉयकॉट अभियान के बारे में लोगों से पूछते हुए वॉक्स पॉप करता है, जिनमें से अधिकांश इसका समर्थन करते हैं.

दूसरी ओर, क्रिएटली लगातार बॉलीवुड फिल्मों को निशाना बनाते हुए पोस्ट करता है. अभी पठान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. इसके अलावा, पेज इस बात पर खबर प्रकाशित करता है कि बॉलीवुड कैसे "हिंदू विरोधी" है.

अन्य पोस्ट में शाहरुख और पादुकोण को उनके पुराने बयानों के लिए निशाना बनाया गया है.जब फिल्म के बारे में पोस्ट नहीं किया जाता है तो पेज शाहरुख खान की सभी प्रचार गतिविधियों के लिए उनका मजाक उड़ाते हुए कंटेंट पोस्ट करता है

पठान के समर्थन में काउंटर अभियान

जहां एक ओर व्यापक रुप से बॉयकॉट का ऐलान चल रहा है. वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर फिल्म और अभिनेताओं के समर्थन में एक छोटा लेकिन समानांतर अभियान चलाया जा रहा है.

हमने समर्थन में कुछ ट्वीट और हैशटैग देखे

#ISupportPathaan

#PathaanFirstDayFirstShow

PATHAAN DEKHEGA HINDUSTAN

Hindustaan Dekhega Pathaan

ट्वीट में शाहरुख और पादुकोण की तारीफ की गई और लोगों से फिल्म देखने को कहा गया. हालांकि, हमने शाहरुख के फैंस द्वारा फैलाई गई गलत सूचना का एक अंश देखा. पीएम मोदी का एक पुराना, क्लिप किया हुआ वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया गया कि प्रधानमंत्री फिल्म के समर्थन में सामने आए हैं.

उन्होंने ऐसा नहीं किया है और आप इसके बारे में हमारा फैक्ट चेक यहां पढ़ सकते हैं.फिल्म के खिलाफ अभियान अगस्त 2020 में शुरु हुआ था.जब फिल्म की रिलीज के बारे में कुछ ही खबरें आई थीं. रिलीज की तारीख नजदीक आते ही सोशल मीडिया पोस्ट बढ़ गए हैं, लेकिन यह बात यहां खत्म नहीं होती.

विभिन्न राज्यों में राइट विंग ग्रुपों ने ऐलान किया कि वे उन सिनेमाघरों को आग लगा देंगे जिनमें यह फिल्म दिखाई जाएगी.

यह ऑनलाइन अभियान अक्सर गलत सूचना और भ्रामक पोस्ट पर आधारित होता है, जिसने इंटरनेट को प्रदूषित कर दिया है जो शारीरिक नुकसान और क्षति के वास्तविक खतरे के साथ आता है. आगे, हमारे #BoycottPathaan जांच के भाग 3 में बहिष्कार अभियान के प्रमुख अंशों पर हमारा वीडियो देखें और कैसे इस ट्रेंड को लागू किया गया.

क्या हैं इसके मुख्य बिंदु?

ट्रेड की जांच के दौरान हमें ये मिला

1-फिल्म का बॉयकॉट करने का पहला ऐलान अगस्त 2020 में किया गया था - यह किसी भी आधिकारिक घोषणा से पहले ही किया गया था.

2- पिछले 2 साल में ये बॉयकॉट कॉल कई घटनाओं के साथ आगे बढ़ी हैं. उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2021 में आर्यन खान की गिरफ्तारी

3-हमारी जांच के अनुसार - इन कॉलों का समर्थन करने वाले या तो राइट विंग हिंदुत्व विचारधारा से जुड़े हैं या "सुशांत सिंह राजपूत के लिए न्याय" की मांग करने वालों में से हैं.

4-12 दिसंबर को फिल्म के गाने बेशरम रंग के रिलीज होने के बाद हमने इस ट्रेड में एक बड़ा उछाल देखा

5-बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राज्य में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव देते हुए कहा कि गाने को "गंदी मानसिकता के साथ शूट किया गया" था.

इस तरह किसी फिल्म को निशाना बनाते हुए पहले भी लाल सिंह चड्ढा जैसी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस भाग्य को प्रभावित किया है. शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की पठान पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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