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अगर सब सामान्य होता तो हम कंगना रनौत को जयललिता के किरदार में बड़े पर्दे पर देख चुके होते. कंगना की अगली बड़ी फिल्म “थलाइवी” तमिल स्टार और तमिलनाड़ु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के जीवन पर आधारित है. फिल्म की रिलीज के लिए 26 जून की तारीख तय की गई थी. लेकिन महामारी के कारण ऐसा ना हो सका.
कंगना और उनकी फिल्मों के निर्माताओं के लिए ये समस्या किसी एक फिल्म तक सीमित नहीं है. उनकी आने वाली सभी फिल्मों में उनके राजनीतिक विवादों का असर दिखेगा. तो आइए कंगना की आने वाली फिल्मों पर एक नजर डालते हैं:
थलाइवी जयललिता की बायोपिक है जिसे हिंदी, तमिल और तेलेगु में साथ साथ शूट किया गया है. इस बायोपिक के निर्देशक ए.एल विजय हैं. कंगना इस फिल्म के लिए पूरी मेहनत और लगन से तमिल भाषा और भारतनाट्यम सीख रहीं थीं. कंगना के अलावा इस फिल्म में अरविंद स्वामी एमजी रामचंद्रन की भूमिका में और प्रकाश राज एम करुणानिधि की भूमिका में नजर आएंगे.
कंगना मानती हैं कि जयललिता की कहानी उनकी कहानी से बहुत मिलती जुलती है. इसलिए उन्होंने ये फिल्म करने का फैसला किया.
थलाइवी विष्णु वर्धन इंदुरी और और शैलेष आर सिंह की प्रोडक्शन हाउस की फिल्म है. पिछली फिल्म 'पंगा' के फ्लॉप होने के बाद थलाइवी हर मायने में कंगना के लिए महत्वपूर्ण फिल्म है.
पिछले साल अगस्त में एक एक्शन पैक फिल्म 'धाकड़' के टीजर में कंगना नजर आईं. मशीन गन और देसी उमा थर्मन स्टाइल के साथ फिल्म में चमकीले डार्क सेटिंग दिखाई दे रही है. सोहेल मकलाई के प्रोडक्शन हाउस असायलम फिल्म्स के तहत बनी इस फिल्म को रजनीश घाई ने डायरेक्ट किया है.
कंगना के कामों के लिस्ट में 'तेजस' का भी नाम है. एक ऐसी फिल्म जो महिला फाइटर पायलट और भारतीय वायु सेना की कहानी दिखाएगी. इस कहानी में 2016 में भारतीय वायु सेना के महिलाओं को कॉम्बैट जोन में जाने देने का फैसला मुख्य आकर्षण है.
रॉनी स्क्रुवाला इस फिल्म के प्रोड्यूसर हैं और सर्वेश मेवारा इस फिल्म से अपने निर्देशन का डेब्यु कर रहे हैं. महामारी के बावजूद तेजस की शूटिंग दिसंबर 2020 में शुरू की जाएगी.
नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर जन्मभूमि फैसले के आने के कुछ दिन बाद ही कंगना ने घोषणा की कि वो एक फिल्म के जरिए वो इस मामले की तह तक जाना चाहती हैं.
फिल्म का नाम 'अपारजिता अयोध्या' रखा गया. फिल्म का मुख्य किरदार एक नास्तिक से आस्तिक बनता है और कहानी खत्म हो जाती है. कंगना इसे अपनी कहानी का भी हिस्सा मानती हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि वो फिल्म में एक्टिंग नहीं डायरेक्शन करेंगी. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर बन रही फिल्म कंगना के प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म होगी.
सबसे बड़ा सवाल फिलहाल यही है कि क्या विवादों से घिरे होने के असर कंगना की फिल्मों पर भी पड़ेगा. लेकिन इतिहास देखते हुए तो यही लग रहा है कि सोशल मीडिया में हेट कैंपेन और ट्रोलिंग का बॉक्स ऑफिस पर असर नहीं होता. चाहे फिर वो सलमान, शाहरुख, आमिर और दीपिका ही क्यों ना हों. उनकी फिल्मों की सफलता सिर्फ फिल्म पर निर्भर रही है. जैसे कि आमिर की फिल्म 'दंगल' के खिलाफ बॉयकॉट कैंपेन के बाद भी फिल्म बॉलीवुड की सबसे सफल फिल्म है.
हाल में तो किसी भी स्थापित फिल्म निर्माता ने कंगना के साथ कोई भी प्रोजेक्ट साइन नहीं किया है. थलाइवी, तेजस और धाकड़ के अलावा उनके पास कोई और फिल्म नहीं है.
जाने माने सिनेमेटोग्राफर और डायरेक्टर PC श्रीराम ने एक ट्वीट में कहा है कि उन्होंने कंगना के साथ एक फिल्म करने से मना कर दिया है, क्योंकि उन्हें सही नहीं लग रहा था.
विक्रम भट्ट से जब पूछा गया कि क्या वो आगे कंगना के साथ काम करना चाहेंगे तो इसपर उन्होंने कहा कि कंगना एक शानदार कलाकार हैं. उनके सेट पर होने से वो बस तालियां बजाते रह जाएंगे. कंगना के पहले भी निर्माता निर्देशकों के साथ अनबन चलती आई है.
इंडस्ट्री में बने रहने के लिए कंगना को कमर्शियल फिल्मों की जरूरत तो है. क्योंकि उनकी आखिरी कमर्शियली हिट फिल्म 2015 में 'तनु वेड्स मनु रिटर्न' थी. उसके बाद से I Love NY, कट्टी बट्टी, रंगून, सिमरन, मेंटल है क्या और पंगा हिट नहीं रहीं. उनकी खुद की प्रोड्यूस्ड फिल्म 'मणिकर्निका' भी कोई खास कमाल नहीं कर पाई थी.
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