Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Explainers Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019रिलायंस के खिलाफ अमेजन की जीत,फ्यूचर ग्रुप डील को लेकर क्यों छिड़ा'युद्ध'?

रिलायंस के खिलाफ अमेजन की जीत,फ्यूचर ग्रुप डील को लेकर क्यों छिड़ा'युद्ध'?

समझिए कि रिलांयस और फ्यूचर ग्रुप की डील का पेंच कहां फंसा है

क्विंट हिंदी
कुंजी
Updated:
अमेजॉन का आरोप है कि फ्यूचर ग्रुप ने कंपनी के साथ कॉन्ट्रेक्ट के नियमों का उल्लंघन किया है.
i
अमेजॉन का आरोप है कि फ्यूचर ग्रुप ने कंपनी के साथ कॉन्ट्रेक्ट के नियमों का उल्लंघन किया है.
(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के रिलायंस रिटेल के साथ 24,731 करोड़ रुपए की मर्जर डील पर रोक लगाने का सिंगापुर के आर्बिट्रेटर का फैसला भारतीय कानूनों के तहत वैध और लागू करने लायक है. वही फैसला अब भारत में भी लागू होगा. US की ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने अपने भारत स्थित पार्टनर फ्यूचर ग्रुप को अक्टूबर महीने की शुरुआत में कानूनी नोटिस भेजा था और आरोप लगाया था कि फ्यूचर ग्रुप (Future Group) ने रिलायंस के साथ डील करके कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का उल्लंघन किया है.

अब आपको एक-एक करके समझाते हैं कि इस केस का पेंच कहां फंसा है. अमेजन को रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील से क्या दिक्कत है. अब रिलायंस रिटेल की आगे की क्या योजना है.

मुकेश अंबानी की RIL और किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप में क्या डील हुई थी?

इसी साल अगस्त महीने में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिडेट की सब्सिडियरी रिलायंस रिटेल और किशोर बियानी के नेतृत्व वाली फ्यूचर ग्रुप के बीच 27,513 करोड़ रुपये की डील हुई थी. इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप ने अपना सारा रिटेल कारोबार, होलसेल कारोबार, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस रिलायंस को बेचने दिया था. इस डील में फ्यूचर रिटेल सुपरमार्केट चेन बिग बाजार, फूड सप्लाई यूनिट फूडहॉल, फैशन एंड क्लोद्स रिटेल फैक्टरी रिटेल रिलायंस के बेचने का ऐलान हुआ था.

फ्यूचर ग्रुप को ये डील करने की नौबत क्यों आई?

फ्यूचर ग्रुप अपने कर्जदारों के भारी दबाव में था. फ्यूचर ग्रुप चाह रहा था कि कैसे भी करके उसका कर्ज कम हो. इस डील से फ्यूचर ग्रुप को उम्मीद जागी कि उसका कर्ज चुकता हो सकता है. अगस्त में होने वाली रिलायंस-फ्यूचर डील से पहले किशोर बियानी कई कंपनियों में शेयर बेचने की कोशिश कर रहे थे ताकि उनका कर्ज कम हो सके. लेकिन बियानी को इसमें ज्यादा सफलता नहीं मिल सकी.

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च महीने में लगे लॉकडाउन के बाद से फ्यूचर रिटेल पर दबाव बढ़ता चला गया. फ्यूचर ग्रुप के कई सारे स्टोर्स में बिक्री बंद हो गई और कंपनी नए संकट में फंस गई.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अमेजन को रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील से क्या दिक्कत है?

पिछले साल किशोर बियानी के फ्यूचर रिटेल ने ई-कॉमर्स में दुनियाभर में मशहूर कंपनी अमेजन के साथ एक डील की थी. इस डील के मुताबिक अमेजन ने फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर कंपनी फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सा खरीदा था. अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच ये डील करीब 2000 करोड़ रुपये में हुई थी. इस डील के तहत ये भी तय हुआ था कि फ्यूचर रिटेल अपने प्रोडक्ट अमेजन के ऑनलाइन मार्केट प्लेस पर बेच पाएगा.

शेयर होल्डर एग्रीमेंट के तहत अमेजॉन को कॉल ऑप्शन दिया गया था जिसमें कंपनी के पास विकल्प था कि वो फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर शेयरहोल्डिंग पूरी या फिर उसका कुछ हिस्सा खरीद सकते थे. ये तीसरे और दसवें साल के बीच में किया जा सकता था.

अमेजन का क्या दावा था?

अमेजन का मानना है कि रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच जो डील हुई है उससे अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील की शर्तों का उल्लंघन हुआ है. कंपनी का मानना है कि रिलायंस के साथ डील किए जाने से पहले अमेजन को सूचित किया जाना चाहिए था.

सिंगापुर कोर्ट में क्या हुआ है?

सिंगापुर कोर्ट का अंतरिम आदेश अमेजन के पक्ष में आया है और फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिडेट की डील पर स्टे लग गया है. रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिडेट (RRVL) ने बयान जारी कर बताया है कि "RRVL फ्यूचर रिटेल को एक्वायर करने की डील में शामिल हुआ है. इस डील को करने के लिए अच्छी तरह से कानूनी राय ली गई थीं और ये डील भारतीय कानून के मुताबिक बिल्कुल सही है. RRVL बिना किसी देरी के फ्यूचर ग्रुप के साथ डील पूरी करेगा."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 26 Oct 2020,12:05 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT