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ये उनकी बड़ी वापसी मानी जा रही थी. पहले चोटों के चलते कई साल तक प्रतियोगिता से दूर रहना पड़ा, फिर डोप बैन झेलना पड़ा, लेकिन इन सबके बाद अब दीपा करमाकर (Dipa Karmakar) एशियन गेम्स 2023 (Asian Games 2023) में अपनी वापसी की उम्मीद कर रही थीं, और इस वापसी को संभव बनाने के लिए उन्होंने वो सब किया जिसकी जरूरत थी.
उन्होंने ट्रायल्स में टॉप किया, फेडरेशन से मंजूरी भी मिल गई, लेकिन हांग्जो में 23 सितंबर से शुरू हो रहे एशियन गेम्स में एंट्री देने से खेल मंत्रालय ने मना कर दिया.
दीपा ने इसके बाद सोशल मीडिया पर जाकर अपनी चिंताएं साझा कीं. उन्होंने कहा, "मैं हैरान हूं, राष्ट्रीय ट्रायल्स में टॉप और चयन मानदंडों को पूरा करने के बावजूद, ऐसा लग रहा है कि मैं 19वें एशियन खेलों में भाग नहीं ले पाऊंगी."
तो, एशियन खेलों में वो भाग क्यों नहीं ले पा रहीं?
समझिए क्विंट हिंदी के साथ
भारतीय जिमनास्ट की पहचान और 2016 रियो ओलंपिक में चौथा स्थान हासिल कर देश को जिमनास्ट में पहचान दिलाने वाली दीपा करमाकर की वापसी की उम्मीदों को खेल मंत्रालय से झटका लगा है. मंत्रालय ने एशियाई खेलों के लिए जिमनास्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया की सिफारिशों को खारिज कर दिया है.
दीपा 2017 से चोट के चलते एक्टिव नहीं हैं, इसके अलावा उन्हें 21 महीनों का डोपिंग सस्पेंशन भी झेलना पड़ा था, जो 20 जुलाई 2023 को खत्म हुआ है. इससे वो नेशनल ट्रायल्स में भाग लेने के लिए योग्य हो गईं थी. 22 मई को जारी लिस्ट में, 11 और 12 जून को होने वाले ट्रायल्स के लिए चयनित खिलाड़ियों की सूची में उनका नाम था. ट्रायल्स में उन्होंने पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया और हांग्जो एशियन खेलों में मेडल जीतने की सबसे मजबूत भारतीय दावेदार बनीं.
जिमनास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया की अंतिम सूची में नौ जिमनास्टों ने जगह बनाई, लेकिन खेल मंत्रालय की अंतिम सूची में सिर्फ प्रणति नायक का नाम था.
क्वालीफिकेशन में टॉप करने और जिमनास्टिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की सिफारिश के बावजूद, खेल मंत्रालय ने 10 जुलाई, 2023 को निर्धारित क्वालीफिकेशन नियम के आधार पर दीपा की एंट्री को खारिज कर दिया.
खेल मंत्रालय के नए चयन मानदंडों के अनुसार, "एशियाई खेलों के शुरू होने से पहले 12 महीनों के दौरान व्यक्तिगत इवेंट्स में खिलाड़ियों का प्रदर्शन, 2018 एशियाई खेलों में पहले 8 स्थान हासिल करने वाले खिलाड़ियों के प्रदर्शन से कम नहीं होना चाहिए"
पिछले महीने ही नियम लागू होने के साथ, GFI ने अपने सात एथलीटों की एंट्री खारिज होने का विरोध किया था. फेडरेशन ने एक पत्र में कहा है,
“हमने SAI अधिकारियों के मूल्यांकन की समीक्षा की और महसूस किया कि SAI अधिकारियों ने जिमनास्टों का मूल्यांकन करने के लिए एक पूरी तरह से नए मानदंड का उपयोग किया जो MYAS के मानदंडों के अनुरूप नहीं था. चयन मानदंडों के आवेदन में इस तरह की परेशानी के चलते दीपा करमाकर, राकेश पात्रा, योगेश्वर सिंह जैसे बड़े जिमनास्टों को हटा दिया गया है, जो पहले ही अपनी क्षमता साबित कर चुके हैं और MYAS के मानदंडों को पूरा करते हैं"
जैसा कि आपको पहले बताया कि, सिर्फ एक जिमनास्ट प्रणति नायक खेल मंत्रालय के क्वालिफिकेशन मार्क तक पहुंच पाई हैं. हालांकि, दीपा के कोच बिश्वेश्वर नंदी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि, अगर खेल मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों का पालन किया जाए, तो उनका (प्रणति नायक) स्कोर भी क्वालिफिकेशन मार्क नहीं बन पाएगा.
"मेरे पास प्रणति नायक के खिलाफ कुछ भी नहीं है, लेकिन उनका जून एशियाई चैम्पियनशिप स्कोर ऑल अराउंड (44.432) या वॉल्ट (क्वालीफिकेशन में 12.733 और फाइनल में 12.417), एशियाई खेलों के पहले 8 की तुलना (ऑल अराउंड में 49.900 और 13.225 क्वालिफिकेशन और वॉल्ट में 12.650 फ़ाइनल) से मेल नहीं खाता. उन्हें ट्रायल से छूट दी गई थी और कोई नहीं जानता कि उनकी फिटनेस अभी कहां है," उन्होंने कहा कि उनका क्वालिफिकेशन स्कोर भी आखिरी एशियाई खेल में पहले आठ स्कोर से मेल नहीं खाता है.
टीम खेल के लिए मंत्रालय के नियम के आधार पर पुरुष और महिला फुटबॉल टीमों को शुरू में हांगझू में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं थी, जिसमें कहा गया था कि एशियाई रैंकिंग के टॉप 8 में शामिल टीमों को ही एशियाई खेलों में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दी जाएगी. भारतीय पुरुष और महिला टीमें 18वें और 11वें स्थान पर रहीं. हालांकि, वर्तमान और पूर्व खिलाड़ियों और सोशल मीडिया पर प्रशंसकों के दबाव के बाद, मंत्रालय को नरम होना पड़ा और टीमों को भाग लेने की अनुमति दी गई.
दीपा ने 15 के अगस्त के दिन सोशल मीडिया पोस्ट करके खुद को एंट्री न दिए जाने को लेकर अपनी आवाज उठाई. इसमें उन्होंने कहा,
"इस स्वतंत्रता दिवस पर, मैं हाल की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग कर रही हूं जो बहुत निराशाजनक और हतोत्साहित करने वाली साबित हुई हैं. एशियाई खेल 2023, एक ऐसा आयोजन जिसका मैं पिछले दो सालों से उत्सुकता से इंतजार कर रही था, अब दूर जाता दिख रहा है."
उन्होंने कहा, "इससे भी बुरी बात यह है कि इस फैसले के पीछे के कारण मुझे पता नहीं हैं और आधिकारिक तौर पर इसकी सूचना नहीं दी गई है. इसके बजाय, मैं और मेरे साथी जिम्नास्ट खेलों से हमें खारिज किए जाने के बारे में समाचारों में पढ़ रहे हैं और मुझे नहीं पता कि इसका क्या मतलब निकाला जाए. मैं बस इतना चाहती हूं कि चयन मानदंड सभी खेलों में निष्पक्ष और लगातार लागू किए जाएं."
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