नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) भले ही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Athletics Championship) में भारत के लिए सिल्वर मेडल ले आए हों, लेकिन भारतीय एथलीट्स के लिए पिछला कुछ समय कम से कम डोपिंग के लिहाज से बिल्कुल अच्छा नहीं रहा.
कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने से पहले ही भारत के 3 एथलीट्स डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं. सेकर धनलक्ष्मी और ऐश्वर्या बाबू जैसे बड़े सितारों समेत भारत की 4x100 मीटर महिला रिले टीम की एक सदस्य डोप टेस्ट में फेल हो गए और अब अगले हफ्ते बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में इनका जाना लगभग नामुमकिन है.
ये सिर्फ इन 3 खिलाड़ियों के साथ नहीं है, बल्कि पिछले 12 महीने से भी कम समय में कम से कम 9 भारतीय एथलीट डोप टेस्ट में फेल हो चुके हैं. ये 2011 के बाद (जब छह महिला क्वार्टरमिलर डोपिंग के जाल में फंसी थीं) से भारतीय एथलेटिक्स के लिए शायद सबसे खराब साल है.
धनलक्ष्मी सेकर (Dhanalakshmi Sekar)
24 साल की धनलक्ष्मी सेकर ने हाल ही में 200 मीटर की रेस 22.89 सेकेंड में पूरा करके तीसरी सर्वश्रेष्ठ महिला धावक होने का रिकॉर्ड बनाया था. तब उनकी खूब वाहवाही हुई थी लेकिन अब कॉमनवेल्थ जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट से पहले डोप टेस्ट में फेल हो गई हैं. अब उनके लिए कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा ले पाना भी लगभग नामुमकिन है.
ऐश्वर्या बाबू (Aishwarya Babu)
कर्नाटक की ऐश्वर्या बाबू ट्रिपल जंप में नेशनल रिकॉर्ड धारक हैं, लेकिन कॉमलवेल्थ खेलों के लिए रवाना होने से पहले ये भी डोप टेस्ट में फेल हो गईं. अब एश्वर्या भी धनलक्ष्मी की तरह बर्मिंघम नहीं जा पाएंगी.
कमलप्रीत कौर (Kamalpreet Kaur)
पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर को इसी साल मई में डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया जिसके बाद एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट (AIU) ने उन्हें अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया. पिछले साल, कमलप्रीत कौर डिस्कस थ्रो में 65 मीटर की दूरी पार करने वाली पहली भारतीय बनीं थी.
शिवपाल सिंह (Shivpal Singh)
भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर शिवपाल सिंह पिछले साल के अंत में एक डोप टेस्ट में फेल हो गए थे, इसके बाद उन्हें कैंप से बाहर कर दिया गया और वे अस्थायी रूप से निलंबित भी कर दिए गए.
एमआर पूवम्मा (MR Poovamma)
एशियाड रिले स्वर्ण पदक विजेता एमआर पूवम्मा पिछले साल फरवरी 2021 में डोप टेस्ट में फेल हो गईं थी. राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी ने पटियाला में भारतीय ग्रैंड से पहले डोप टेस्ट में उन्हें पॉजिटिव पाया जिसके बाद 3 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया था.
राजेंद्र सिंह (Rajinder Singh)
जेवलिन थ्रो में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना चुके राजेंद्र सिंह ने पिछले साल अप्रैल में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया जिसके बाद वे डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे. एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट (AIU) ने अपनी नई लिस्ट में खुलासा किया है कि पिछले साल 30 अप्रैल को उन्होंने इसका सेवन किया था. जांच में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें 22 जुलाई, 2025 तक चार साल के लिए निलंबित कर दिया गया है.
तरनजीत कौर (Taranjit Kaur)
भारत की सबसे तेज अंडर-23 स्प्रिंटर दिल्ली की तरनजीत कौर राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी के डोप टेस्ट में फेल हो गई. सिर्फ 20 साल की तरनजीत कौर 2021 में स्प्रिंट में देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली युवाओं में से एक रही हैं.
के नरेश कुमार (K Naresh Kumar)
आंध्र प्रदेश में पिछले साल आयोजित राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले के नरेश कुमार भी डोप टेस्ट में फेल पाए गए थे, जिसके बाद उन पर 3 साल का बैन लगाया गया है.
इनके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों से महज 2 दिन पहले, भारत की 4x100 मीटर महिला रिले टीम की एक अन्य सदस्य ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) के टेस्ट में फेल हो गई हैं. इनका भी अब बर्मिंघम जाना कैंसिल हो गया है. हालांकि इस एथलीट के नाम का खुलासा अभी नहीं किया गया है.
इसमें कोई शक नहीं कि ये एथलीट डोपिंग के चलते बैन न होते और भारत के लिए टूर्नामेट्स खेलते तो शायद मेडल भारत की झोली में आते, यानी सीधे तौर पर इनकी डोपिंग से भारत को नुकसान हुआ है. चिंता की बात इसलिए भी है, क्योंकि पिछले कुछ समय में ये काफी ज्यादा देखने को मिला है.
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