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मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में रविवार को हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में नई शराबनीति (New Excise Policy of Madhya Pradesh) को मंजूरी दी गई है. नई नीति में शिवराज सरकार ने प्रदेश के सभी अहाते और शॉप बार बंद करने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले पर मध्य प्रदेश की फायरब्रांड हिंदुत्व नेता और शराब की बिक्री के खिलाफ मुहिम चलाने वाली उमा भारती ने 'ऐतिहासिक' बताया है.
बता दें कि अपनी शराब नीतियों को लेकर मध्य प्रदेश की सरकार लगातार भारती के निशाने पर रही है.
अब सरकार के नए आबकारी नीति पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा कहते हैं,
तो, नई उत्पाद शुल्क नीति असल में क्या है? और क्या यह उमा भारती जैसे आलोचकों की जीत है?
सबसे पहले, नई आबकारी नीति के तहत राज्य भर में शराब की खपत के लिए दुकान बार और स्थानों पर बैठने की सुविधा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है.
दूसरा, शिक्षण संस्थानों, लड़कियों के छात्रावासों और धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों को चलाने की अनुमति नहीं होगी.
मीडिया से बात करते हुए राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा-
तीसरा, राज्य सरकार शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में सजा को और मजबूत करेगी. वर्तमान में पहली बार शराब पीकर गाड़ी चलाने के अपराध के लिए छह महीने की जेल या 2,000 रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. तीन साल के भीतर दूसरी बार शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पकड़ाने पर अपराध के लिए, दो साल की जेल या 3,000 रुपये या दोनों का प्रावधान है.
राज्य सरकार ने अब शराब के नशे में वाहन चलाते पकड़े गए लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबित करने का प्रस्ताव दिया है.
जब से मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और शराब विरोधी उमा भारती ने शराब की खपत के मुद्दे उठाया है, तब से राज्य सरकार पर कार्रवाई करने का भारी दबाव था.
सोमवार, 20 फरवरी को, उमा भारती ने ट्विटर पर आभार व्यक्त किया और नई शराब नीति को "सरकार द्वारा एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम" बताया.
2023 के अंत तक होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भारती धीरे-धीरे शराब की बिक्री और खपत पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग से शराब की नियंत्रित और नियमित बिक्री की मांग करने लगीं.
ट्विटर पर शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देते हुए भारती ने लिखा,
अपने 'बेबाक' (कठोर और निडर) व्यक्तित्व के लिए जानी जाने वाली, भारती 2003 के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुई थीं.
2003 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उमा भारती को बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया था, तब उनके नेतृत्व में बीजेपी ने 10 साल से सत्ता पर काबिज दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस को बुरी तरह से हराया था.
उमा भारती, ने पार्टी पर हावी होने के लिए कड़ा संघर्ष किया. चाहे वह शराब की दुकानों पर पथराव का सहारा लेना हो या लोधी मतदाताओं से कहना कि बीजेपी को वोट देने की की कोई बाध्यता नहीं है. लोध - ओबीसी समुदाय का एक वर्ग और बुंदेलखंड क्षेत्र और बालाघाट, सागर, होशंगाबाद और सिवनी जैसे जिलों में एक निर्णायक फैक्टर है.
मध्य प्रदेश 2023 के विधानसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में बीजेपी ओबीसी मतदाताओं को परेशान करने का जोखिम नहीं उठा सकती है, जो राज्य के आबादी का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं.
नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ पत्रकार ने द क्विंट से बात करते हुए कहा,
दूसरी ओर, नरोत्तम मिश्रा कहते हैं, "मध्य प्रदेश में 2010 से कोई नई शराब की दुकान नहीं हुई है. वास्तव में, वे बंद थे. नर्मदा यात्रा के दौरान (सीएम शिवराज द्वारा) राज्य में कुल 64 शराब की दुकानें बंद कर दी गईं."
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