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महादेव सट्टेबाजी ऐप (Mahadev Betting App) उन 22 सॉफ्टवेयरों और वेबसाइटों में से एक है, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के बाद रविवार, 5 नवंबर को केंद्र सरकार ने बैन कर दिया.
ये कार्रवाई महादेव ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कथित संलिप्तता को लेकर चल रहे राजनीतिक विवाद के बीच हुई है.
इस स्टोरी में हम आपको बता रहे हैं कि महादेव ऐप क्या है, केंद्र ने इस पर बैन क्यों लगाया और भूपेश बघेल पर क्या आरोप हैं.
महादेव ऐप क्रिकेट, टेनिस, फुटबॉल, बैडमिंटन आदि जैसे अलग-अलग खेलों में "अवैध" सट्टेबाजी का एक मंच है. इसमें पोकर, तीन पत्ती, ड्रैगन टाइगर और वर्चुअल स्पोर्टिंग गेम्स जैसे कई कार्ड गेम में भी सट्टेबाजी होती है.
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल इस ऐप के प्रोमोटर हैं जो मूल रूप से छत्तीसगढ़ के भिलाई से हैं, लेकिन दुबई में रहते हैं. ED ने आरोप लगाया कि वे अपने सहयोगियों को 70-30 के अनुपात पर "पैनल/शाखाओं" की फ्रेंचाइजी देकर ऐप चलाते हैं.
प्रमोटर लोगों को ऐप के जरिए दांव (बेटिंग) लगाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और इस तरह पुरस्कार राशि जीतने के लिए अलग-अलग वेबसाइटों पर कॉन्टेक्ट नंबरों का विज्ञापन किया जाता है.
एक बार जब कोई दिए गए नंबरों पर संपर्क करेगा, तो उसे दो और नंबर दिए जाएंगे. एनडीटीवी के अनुसार, उनमें से एक का उपयोग पैसे जमा करने और लगाए गए दांव के लिए अंक जमा करने के लिए किया जाता है, जबकि दूसरे का उपयोग वेबसाइट से संपर्क करने और मिले अंकों को भुनाने के लिए किया जाता है.
हालांकि, प्लेटफॉर्म पर गेमिंग में कथित तौर पर प्रमोटरों द्वारा धांधली की जाती है. यूजर्स शुरुआती दांव लगाने के बाद मुनाफा कमाते हैं, इस तरह उन्हें ऐप का आगे उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन समय के साथ उन्हें भारी मात्रा में नुकसान होने की संभावना होती है. इसके अलावा, ऐप से भुगतान उन बैंक खातों के माध्यम से किया जाता है जो धोखाधड़ी से खोले गए हैं.
इस साल की शुरुआत में, ED ने बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर, श्रद्धा कपूर और कपिल शर्मा से भी पूछताछ की थी. उन्होंने कथित तौर पर चंद्राकर की शादी में परफॉर्म किया था, जिसके लिए उन्हें हवाला के जरिए पैसे मिले थे.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने कहा कि उसने ईडी की जांच के बाद 22 सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. जांच में पता चला था कि ये प्लेटफॉर्म "गैरकानूनी" कार्यों में लिप्त थे.
केंद्र ने एक बयान में कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने महादेव बुक और रेड्डीअन्नाप्रिस्टोप्रो सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों के खिलाफ ब्लॉकिंग आदेश जारी किए हैं."
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी महादेव ऐप की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जरूरी कदम न उठाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, "ईडी से पहला और एकमात्र अनुरोध मिला है और उस पर कार्रवाई की गई है. छत्तीसगढ़ सरकार को पहले भी इसी तरह का अनुरोध करने से कोई नहीं रोक रहा था."
केंद्र ने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस में भीम सिंह यादव नाम का एक कांस्टेबल और एक अन्य व्यक्ति, असीम दास, मामले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हिरासत में हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ED ने दावा किया कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक आरोपी ने एजेंसी को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल को ऐप के प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये मिले.
ये छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ है. इन चुनावों का पहला चरण मंगलवार, 7 नवंबर को होना है.
इस साल की शुरुआत में, ED ने बघेल के राजनीतिक सलाहकार और दो विशेष कर्तव्य अधिकारियों (OSD) के परिसरों पर छापेमारी की थी. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि "मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े उच्च पदस्थ अधिकारियों" को ऐप को राज्य की सीमा के भीतर काम करने की अनुमति देने के लिए लाभ मिला था.
कोलकाता, मुंबई और भोपाल जैसे कई शहरों में ऐप के संस्थापकों के कार्यालयों पर भी छापे मारे गए और करोड़ों की संपत्ति जब्त की गई.
ED के आरोपों और भारतीय जनता पार्टी के मीडिया संयोजक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुभम सोनी का वीडियो जारी किया. इसके बाद बघेल ने सार्वजनिक रूप से आरोपों का खंडन किया.
छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा, "ये कोई रहस्य नहीं है कि यह वीडियो क्यों और कैसे आया और ये समझना भी मुश्किल नहीं है कि चुनाव के समय ऐसा बयान केवल बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए जारी किया गया था."
उन्होंने कहा, "हर कोई समझता है कि ये ईडी को हथियार बनाकर किया जा रहा है. वास्तव में, बीजेपी अब ईडी की मदद से चुनाव लड़ रही है और मुझे बदनाम करने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रही है."
वीडियो में शुभम सोनी ने कथित तौर पर दावा किया कि वह महादेव ऐप के मालिक हैं और उन्होंने 2021 में इसकी स्थापना की थी.
भूपेश बघेल ने एक्स पर लिखा, "ये व्यक्ति (शुभम सोनी) दावा कर रहा है कि वह 'महादेव ऐप' का मालिक है. हैरानी की बात यह है कि महीनों से इस मामले की जांच कर रही एजेंसी ईडी को भी इसकी जानकारी नहीं थी और दो दिन पहले तक ईडी उसे मैनेजर कह रही था."
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