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NEET कितना नीट एंड क्लीन? धांधली से लेकर पेपर लीक के आरोप, जानिए सब कुछ?

NEET-UG 2024: ग्रेस मार्क्स रद्द, 1563 बच्चों के लिए 23 जून को फिर टेस्ट लेगा NTA.

मोहन कुमार
कुंजी
Updated:
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SC ने NEET पेपर लीक की CBI जांच को लेकर केंद्र-NTA को नोटिस जारी किया 

फोटो: क्विंट हिंदी)

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देश के मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली NEET-UG 2024 (National Eligibility-cum-Entrance Test) परीक्षा पर विवाद जारी है. ग्रेस मार्क्स देने को लेकर उठे सवालों के बीच अब पेपर लीक के आरोप लग रहे हैं. इस मामले में शुक्रवार, 14 जून को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की याचिका पर शीर्ष अदालत ने निजी पक्षों को नोटिस जारी किया है. दूसरी तरफ SC ने पेपर लीक के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग पर केंद्र और NTA से भी जवाब तलब किया है.

चलिए आपको एक-एक करके बताते हैं कि नीट परीक्षा को लेकर अब तक क्या हुआ है? मामला सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा, NTA ने क्या जवाब दिया और अब पेपर लीक के आरोप कैसे लग रहे हैं?

NEET को लेकर क्या विवाद और NTA ने क्या कहा?

4 जून को एक तरफ लोकसभा चुनाव के नतीजे आए और दूसरी तरफ NTA ने NEET-UG 2024 का रिजल्ट जारी किया. परीक्षा में एक, दो या तीन नहीं बल्कि इस बार 67 छात्रों ने टॉप किया. सभी को 720 में से 720 नंबर मिले.

  • पहला सवाल- नीट जैसी परीक्षा में एक साथ 67 अभ्यर्थी कैसे टॉप कर गए. बता दें कि 2019 के बाद से NEET UG परीक्षा में तीन से अधिक टॉपर नहीं हुए हैं. इसके साथ ही आरोप लगे कि 8 टॉपर एक ही सेंटर से हैं.

  • इस बार परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स भी दिया गया. जिसके बाद दूसरा सवाल उठा कि क्या नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षा में ग्रेस मार्क्स दिया जा सकता है? वहीं कुछ अभ्यर्थियों को 718 और 719 नंबर भी मिले हैं. आरोप लगाया गया कि परीक्षा पैटर्न के हिसाब इतने मार्क्स नहीं आ सकते हैं

  • अब इस मामले में पेपर लीक के भी आरोप लग रहे हैं. इस पर हम आगे बात करेंगे.

NEET का रिजल्ट जारी होने के बाद सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया. परीक्षा में धांधली को लेकर बवाल मचने के बाद NTA ने 6 जून को प्रेस रिलीज जारी कर स्थिति साफ की.

ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए?: NTA की ओर से बताया गया, "नीट (यूजी) 2024 के अभ्यर्थियों की ओर से 5 मई को आयोजित हुई परीक्षा के बाद पंजाब एवं हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रिट याचिकाएं दायर की गई थी. अभ्यर्थियों ने परीक्षा के दौरान समय की बर्बादी का मुद्दा उठाया था."

मामले की गंभीरता को देखते हुए NTA की ओर से शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया. इस समिति में परीक्षा और शिक्षा क्षेत्र से प्रख्यात विशेषज्ञों को शामिल किया गया था.

NTA की ओर से कहा गया है, "समिति ने तथ्यात्मक रिपोर्टों और संबंधित परीक्षा केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शिकायतों पर विचार किया. परीक्षा के दौरान समय की बर्बादी का पता लगाया गया और ऐसे उम्मीदवारों को उनकी उत्तर देने की दक्षता और बर्बाद समय के आधार पर मार्क्स दिए गए. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 जून 2018 को W.P 551/2018 मामले में स्थापित तंत्र/सूत्र के आधार पर अभ्यर्थियों को मार्क्स दिए गए हैं."

NTA ने बताया कि 1563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दिया गया. ऐसे उम्मीदवारों के संशोधित मार्क्स 20 से 720 तक वैरी करते हैं. इनमें से दो उम्मीदवारों के अंक भी ग्रेस मार्क्स की वजह से क्रमशः 718 और 719 अंक हैं.

टॉपर्स की संख्या कैसे बढ़ी?: NTA की ओर से कहा गया है, "2023 में 20,38,596 छात्रों ने परीक्षा दी थी जो कि 2024 में बढ़कर 23,33,297 हो गई. छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी से हाई स्कोर पाने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है."

NTA ने बताया कि 720/720 अंक पाने वाले 67 छात्रों में से 44 को फिजिक्स के एक सवाल के बदले और 06 को पूरा समय नहीं मिलने की वजह से ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं.

उच्चस्तरीय समिति ने क्या सिफारिश की?

परिणाम घोषित होने के बाद, कई छात्रों और अन्य हितधारकों ने NTA और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि स्थिति से निपटने का यह सही तरीका नहीं है.

8 जून को शिक्षा मंत्रालय और NTA ने संबंधित 1,563 उम्मीदवारों के नतीजों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति (HPC) का गठन किया, जिसमें NTA अध्यक्ष प्रोफेसर प्रदीप कुमार जोशी, प्रोफेसर टीसीए अनंत, प्रोफेसर सीबी शर्मा और डॉ (प्रोफेसर) बी श्रीनिवास शामिल थे. समिति को सात दिनों के भीतर उचित सिफारिशें पेश करने के लिए कहा गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 10, 11 और 12 जून को बैठक करने के बाद समिति ने सुझाव दिया कि सभी 1,563 उम्मीदवारों के ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए जाएं.

इसके साथ ही कहा कि प्रभावित छात्रों को उनके रजिस्टर्ड ईमेल आईडी के माध्यम से उनके वास्तविक अंक (ग्रेस मार्क्स के बिना) की जानकारी दी जानी चाहिए और उन्हें दोबारा परीक्षा में बैठने का अवसर भी दिया जाना चाहिए. जो छात्र इस दोबारा परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते हैं, उन्हें 5 मई को आयोजित परीक्षा में उनके वास्तविक अंक दिए जाने चाहिए. जो छात्र दोबारा परीक्षा में शामिल होते हैं, उनके पिछले अंक अमान्य कर दिए जाएं. एनटीए ने इन सुझावों को स्वीकार कर लिया.

इसके साथ ही उच्चस्तरीय समिति ने कहा की शिकायत निवारण समिति CLAT 2018 सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नॉर्मलाइजेशन फार्मूले को अपनाते समय कुछ बिंदुओं पर विचार करने में विफल रहा.

एनटीए को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में, समिति ने कहा कि शिकायत निवारण समिति ने इस बात पर विचार नहीं किया कि कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं के विपरीत, नीट-यूजी जैसी OMR-आधारित परीक्षाओं में समय मूल्यांकन (यानी परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी की गतिविधियों का टाइमस्टैम्प) के लिए एक स्वचालित प्रणाली नहीं है.

एनटीए ने परीक्षा निरीक्षकों, कर्मचारियों, पर्यवेक्षकों और सीसीटीवी फुटेज की जांच की रिपोर्ट के आधार पर छात्रों के बर्बाद हुए समय (एनटीए के निरीक्षकों और कर्मचारियों की ओर से देरी के कारण) का निर्धारण किया था. लेकिन समिति को लगता है कि इसके निर्धारण में एक समान पैमाना नहीं था.

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सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

NTA की ओर से नीट परीक्षा में दिए गए ग्रेस मार्क्‍स पॉलिसी, पेपर लीक सहित अन्य मुद्दों को लेकर फिजिक्स वाला के CEO अलख पांडे और दो अन्‍य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई.

  • मंगलवार, 11 जून को सुनवाई के कोर्ट ने NTA को नोटिस जारी किया. हालांकि, काउंसलिंग पर अंतरिम रोक से SC ने इनकार कर दिया. जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें जवाब चाहिए.

  • गुरुवार, 13 जून को NTA ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिया गया है और जिन 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिले हैं उनकी परीक्षा दोबारा करवाएंगे.

NTA की ओर से कहा गया है कि जिन स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं उन्हें दो ऑप्शन दिए हैं. ये छात्र या तो 23 जून को री-एग्जाम में बैठ सकते हैं या फिर बिना ग्रेस मार्क्स वाले पुराने स्कोर के साथ ही काउंसलिंग की तरफ आगे बढ़ सकते हैं.

हालांकि, इसके बाद भी सवाल उठ रहे हैं. फिजिक्स वाला के सीईओ अलख पांडे ने कहा, "आज एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट के सामने स्वीकार किया कि छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स गलत थे और वे इस बात से सहमत हैं कि इससे छात्रों में असंतोष पैदा हुआ है."

इसके साथ ही उन्होंने कहा,

"सवाल यह है कि क्या एनटीए में अन्य विसंगतियां हैं जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं है. ऐसे में एनटीए को लेकर विश्वास की कमी दिख रही है. पेपर लीक का मुद्दा खुला है और उस पर सुनवाई जारी रहेगी."
अलख पांडे
  • शुक्रवार, 14 जून को NTA की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें अलग-अलग हाईकोर्ट में दायर मामलों को शीर्ष अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की गई है. इस पर कोर्ट ने निजी याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया है.

  • शीर्ष अदालत ने नीट यूजी 2024 में पेपर लीक सहित अन्य अनियमितताओं के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र और एनटीए को नोटिस भी जारी किया है.

वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "केंद्र सरकार NEET परीक्षार्थियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. मैं छात्रों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी सभी चिंताओं का निष्पक्षता और समानता के साथ समाधान किया जाएगा. किसी भी छात्र का नुकसान नहीं होगा और किसी भी बच्चे के करियर को खतरे में नहीं डाला जाएगा."

"NEET परीक्षा से संबंधित तथ्य माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में हैं. केंद्र सरकार छात्रों की भलाई के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाएगी. NEET की काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी और बिना किसी भ्रम के इस दिशा में आगे बढ़ना अत्यंत महत्वपूर्ण है."
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

क्या नीट ने ग्रेस मार्क्स और जिन सेंटर्स पर समय की बर्बादी हुई उसकी जानकारी दी थी?

अलख पांडे ने सवाल उठाते हुए कहा, "पहली बार आपने कैसे ग्रेस मार्क्स दे दिए, किस बेसिस पर आपने सोच लिया, बिना किसी को बताए और जब रिजल्ट आया तो भी आपने नहीं बताया."

NTA ने परीक्षा के बाद और रिजल्ट से पहले ग्रेस मार्क्स को लेकर कोई जानकारी नहीं दी थी. NTA ने 6 जून को रिजल्ट जारी होने के दो दिन बाद एक प्रेस रिलीज जारी किया था, जिसमें इन सवालों के जवाब थे. इसके बाद NTA की ओर से एक FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) जारी किया गया था. जिसमें 37 सवालों के जवाब दिए गए थे.

बता दें कि परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर NTA की ओर से 5 मई को एक प्रेस रिलीज जारी किया गया था, जिसमें बताया गया था कि सवाई माधोपुर में एक सेंटर पर परीक्षा के दौरान गलत प्रश्नपत्र बांटे गए थे और उसी दिन उस सेंटर पर दोबारा परीक्षा हुई थी. इसके साथ ही दावा किया था कि इस घटना से दूसरे केंद्रों पर आयोजित परीक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. NTA ने ये भी दावा किया था कि उक्त सेंटर को छोड़कर अन्य जगहों पर समय से परीक्षा शुरू हुई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में दो, मेघालय, सूरत, हरियाणा और चंडीगढ़ के एक-एक सेंटर पर परीक्षा देरी से शुरू हुई थी.

क्या नीट का पेपर लीक हुआ? 

NEET मामले को लेकर अब तक तीन राज्यों- बिहार, गुजरात और दिल्ली में FIR दर्ज हुई है. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि न केवल NEET UG 2024 का प्रश्न पत्र लीक हुआ बल्कि छात्रों को एक रात पहले उत्तर भी उपलब्ध कराए गए और आरोपियों ने कैंडिडेट से उत्तर लिखने के लिए 10 लाख रुपये लिए.

5 मई को NEET परीक्षा के दिन बिहार के पटना के शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन में पुलिस इंस्पेक्टर अमर कुमार द्वारा दर्ज कराई गई FIR (जिसे द क्विंट ने देखा) में कहा गया है कि NEET UG 2024 का पेपर लीक हो गया था और परीक्षा से एक रात पहले कई छात्रों को आंसर की मिल गई थी.

आरोपियों में से एक सिकंदर यादवेन्दु ने पुलिस के सामने कबूल किया कि पटना के कई छात्रों को पेपर और आंसर-की मिली थी. जांच के दौरान पटना पुलिस ने चार परीक्षार्थियों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया है.

8 मई को जिला शिक्षा अधिकारी किरीटकुमार मणिलाल पटेल ने गुजरात के गोधरा तालुका पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज करवाई थी. FIR में तुषारभाई रजनीकांत भट्ट का नाम है, जो गोधरा के जय जलारा स्कूल में फिजिक्स के टीजर थे और उन्हें स्कूल में NEET परीक्षा आयोजित करने के लिए उप अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था.

भट्ट के फोन में 16 छात्रों के नाम, उनके रोल नंबर और परीक्षा केंद्र की जानकारी मिली. इसके साथ ही परीक्षा के दिन भट्ट की कार से 7 लाख रुपये की नकदी से भरे दो बैग भी बरामद किए गए थे. आरोपियों में परशुराम रॉय और आरिफ वोरा का नाम शामिल है.

पुलिस ने इन तीनों के अलावा दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा और शिक्षा सलाहकार विभोर आनंद शामिल हैं.

परीक्षा के एक दिन बाद दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में भी FIR दर्ज की गई. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, दो मेडिकल छात्रों- केशरवानी और मंडोलिया को किशोर लाल नामक एक शख्स ने परीक्षा देने के लिए 7-10 लाख रुपये की पेशकश की थी. पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और ‘पेपर सॉल्वर गिरोह’ की संलिप्तता की जांच जारी है.

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Published: 14 Jun 2024,10:28 PM IST

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