NEET 2024 के रिजल्ट को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. एक ओर इस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों ने ग्रेस मार्क्स देने पर आपत्ति जताई जबकि कई छात्र पेपर लीक का दावा कर रहे हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा तो 1563 छात्रों के ग्रेस मार्क्स का फैसला रद्द कर दिया गया है और उन्हें दोबारा परीक्षा देने का ऑप्शन दिया जाएगा लेकिन एक सवाल है कि पेपर लीक की बात कहां से आई और क्यों? इसका आधार क्या है?
13 जून को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेपर लीक के दावों को खारिज किया था. उन्होंने कहा...
"कोई भ्रष्टाचार नहीं है. NEET परीक्षा में 24 लाख छात्र परीक्षा में शामिल होते हैं. आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और इस पर मामला करीब 1500 छात्रों से जुड़ा है. सरकार कोर्ट को जवाब देने के लिए तैयार है. इस खास मुद्दे पर विचार किया जा रहा है और सरकार इसे कोर्ट के सामने पेश करेगी, देश में प्रमुख परीक्षाएं यानी NEET, JEE और CUET NTA सफलतापूर्वक आयोजित करता है. हम जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे...''
अब जानते हैं कि पेपर लीक के दावे का आधार क्या है?
अब तक तीन अलग-अलग जगहों बिहार, गुजरात और दिल्ली में इसको लेकर FIR दर्ज की गई है. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि न केवल NEET UG 2024 का प्रश्न पत्र लीक हुआ बल्कि छात्रों को एक रात पहले उत्तर भी उपलब्ध कराए गए और आरोपियों ने कैंडिडेट से उत्तर लिखने के लिए 10 लाख रुपये लिए.
इसके अलावा, एक RTI कार्यकर्ता और मामले में याचिकाकर्ता डॉ. विवेक पांडे ने द क्विंट से बातचीत में आरोप लगाया कि NEET 2024 का प्रश्न पत्र "बड़े पैमाने पर लीक हुआ है." उन्होंने फिर से परीक्षा करवाने की बात पर जोर दिया.
चलिए जानते हैं कि FIR क्या कहती है और गिरफ्तार आरोपियों ने क्या बताया?
5 मई को NEET परीक्षा के दिन, बिहार के पटना के शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन में पुलिस निरीक्षक अमर कुमार द्वारा दर्ज कराई गई एक FIR (द क्विंट द्वारा एक्सेस की गई) में कहा गया है कि NEET UG 2024 का पेपर लीक हो गया था और कई छात्रों को परीक्षा से एक रात पहले आंसर की मिली थी.
FIR में यह भी कहा गया कि एक संगठित गिरोह के सदस्य कार में सवार होकर एक परीक्षा केंद्र के आसपास घूम रहे थे. सूचना मिलने पर, गिरोह के कम से कम तीन सदस्यों को पकड़ लिया गया और उनके वाहन से चार प्रवेश पत्रों की फोटोकॉपी बरामद की गईं.
क्या लिखा है FIR में?
SI अमर कुमार ने अपने द्वारा दर्ज कराई गई FIR में बताया कि 5 जून को करीब 14:05 बजे गश्ती के दौरान सूचना मिली कि आज नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा आयोजित Eligibility cum Entrance Test (NEET) Exam में एक संगठित गिरोह कुछ विद्यार्थियों और परीक्षा संचालन करने वाले कर्मियों के मिली भगत से प्रश्न पत्र लीक किया गया है. बताया गया कि सफेद रेनाल्ड डस्टर गाड़ी सं० 111018W0019 से संगठित गिरोह के सदस्य परीक्षा केंद्र के आसपास घूम रहे हैं. घेराबंदी कर सफेद रेनाल्ड डस्टर कार रजि० नं० JH018W0019 पकड़ी गई. गाड़ी से चार एडमिट कार्ड मिले.
एक आरोपी सिकंदर यादवेंदु ने पुलिस के सामने कबूल किया कि पूरे पटना में कई छात्रों को प्रश्न पत्र और आंसर की मिली थी. इसके बाद पुलिस ने कैंडिडेट आयुष राज से पूछताछ कर इसकी पुष्टि की, जिसका एडमिट कार्ड आरोपी की कार से बरामद हुआ था.
आयुष राज ने पुलिस को बताया "रामकृष्णानगर थाना अंतर्गत खेमनीचक स्थित Leam Boys Hostel और Leam Play School में मुझे 4-5 जून की रात में ले जाकर प्रश्न पत्र उत्तर सहित दिया गया था और याद करने के लिए कहा गया था. आज के परीक्षा में सभी प्रश्न शत प्रतिशत मिले. मेरे साथ अन्य 20-25 परीक्षार्थी को भी प्रश्न पत्र उत्तर सहित दिया गया और रटाया गया था."
FIR में कौन आरोपी और किस धारा में FIR दर्ज?
FIR में एक अज्ञात समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जिनमें नीतीश, रॉकी, इन दोनों के पिता और पता दोनों ही दर्ज प्राथमिकी में नहीं है. एक अज्ञात पर भी FIR दर्ज की गई है.
इसके अलावा, इन लोगों का FIR में नाम दर्ज हैं:
अखिलेश कुमार पिता शिवशंकर राय उम्र 43 वर्ष सुल्तानपुर थाना, पटना
सिकंदर यादुवेंदु पिता स्व. भुट्टो यादव, समस्तीपुर
आयुष राज पिता अभिषेक कुमार, दानापुर
बिट्टू कुमार सिंह पिता चंद्रमा सिंह पता रोहतास
संजीव सिंह
अमित आनंद
आरोपियों पर भारतीय दंड की धारा 407 (आपराधिक विश्वासघात), 408 (आपराधिक विश्वास भंग), 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और 120-बी (आपराधिक साजिश के लिए सजा) के तहत आरोप लगाए गए हैं.
मामले की जांच के दौरान पटना पुलिस ने चार परीक्षार्थियों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेपर लीक गिरोह ने कथित तौर पर उम्मीदवारों से 30 से 50 लाख रुपये लिए थे.
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) अब मामले की जांच कर रही है और उसने NTA से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं.
इस बीच NTA ने एक्स पर बताया कि उसने पटना पुलिस को सभी प्रासंगिक जानकारी और दस्तावेज "सक्रिय रूप से प्रदान किए" थे, उन्होंने कहा कि वे "सभी जांच और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पूरी तरह से समर्थन और सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध" हैं."
गुजरात में शिक्षक गिरफ्तार, गाड़ी से कैश और कैंडिडेट लिस्ट मिली
बिहार के अलावा, गुजरात में एक और FIR 8 मई को गुजरात के गोधरा तालुका पुलिस स्टेशन में जिला शिक्षा अधिकारी किरीटकुमार मणिलाल पटेल द्वारा दर्ज की गई थी.
FIR में तुषारभाई रजनीकांत भट्ट का नाम है, जो गोधरा के जय जलारा स्कूल में फिजिक्स के टीचर थे और उन्हें स्कूल में NEET परीक्षा आयोजित करने के लिए डिप्टी सुपरीटेंडेंट के रूप में नियुक्त किया गया था.
जब जिला शिक्षा विभाग ने भट्ट के फोन को देखा तो उन्हें रॉय ओवरसीज के मालिक और मामले के दूसरे आरोपी परशुराम रॉय के साथ व्हाट्सएप पर हुई बातचीत में 16 छात्रों के नाम, उनके रोल नंबर और उनके परीक्षा केंद्र के नाम मिले.
रजनीकांत भट्ट के पास से दो लिस्ट बरामद की गईं, जिनमें एक में नीली स्याही से अंकित 20 छात्रों के नाम और दूसरी लिस्ट में लाल स्याही से अंकित छह छात्रों के नाम थीं जबकि पहली में जय जलारा स्कूल की एक अन्य ब्रांच में NEET परीक्षा देने वाले कैंडिडेट की एक लिस्ट थी, दूसरी स्कूल की गोधरा ब्रांच में कैंडिडेट के नाम थे, जहां भट्ट मौजूद थे.
परीक्षा के दिन भट्ट की कार से 7 लाख रुपये की नकदी के दो बैग भी बरामद किए गए थे और कथित तौर पर तीसरे आरोपी आरिफ वोरा ने उन्हें दिए थे.
किरीटकुमार पटेल ने द क्विंट को बताया कि उनकी टीम ने "5 मई को परीक्षा से पहले कदाचार के प्रयास को सफलतापूर्वक फेल कर दिया था."
अब तक इन तीनों के अलावा दो और आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें स्कूल के प्रिंसिपल प्रिंसिपल पुरषोत्तम शर्मा और एजुकेशन कंसल्टेंट विभोर आनंद शामिल हैं.
गोधरा के पुलिस उपाधीक्षक एनवी पटेल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया रॉय के लिए रिमांड की मांग करते हुए बताया..
"वडोदरा में रहने वाले लेकिन बिहार के रहने वाले विभोर आनंद ने छात्रों को रॉय के संपर्क कराया. पटेल ने अखबार को बताया, "अन्य राज्यों के छात्रों ने भी सोशल मीडिया पर अपने विज्ञापनों के माध्यम से आनंद से संपर्क किया था और उन्होंने कुछ छात्रों को रॉय के पास भेजा था"
पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि सूची में नामित 26 छात्रों में से कम से कम 16 ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक से थे लेकिन उन्होंने गोधरा के जय जलाराम स्कूल को अपने परीक्षा केंद्र के रूप में चुना था.
'दो MBBS छात्रों ने खुद को नीट कैंडिडेट बताया'
परीक्षा के एक दिन बाद दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में तीसरी एफआईआर दर्ज की गई. शिकायतकर्ता, अजय भारद्वाज को दिल्ली के केजी मार्ग पर एक NEET परीक्षा केंद्र के लिए केंद्र अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, केशरवानी और मंडोलिया दोनों मेडिकल छात्र हैं, जो क्रमशः उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के कॉलेजों से एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर रहे हैं. उन्हें राजस्थान में एक काउंसलिंग एजेंसी चलाने वाले किशोर लाल ने अपने साथ जोड़ा था और उन्हें परीक्षा में बैठने के लिए 7-10 लाख रुपये का ऑफर दिया गया.
पुलिस ने अब तक तीनों को गिरफ्तार कर लिया है और 'पेपर सॉल्वर गिरोह' की संलिप्तता के संबंध में जांच कर रही है.
NEET 2024 परीक्षा के दौरान दिल्ली में अलग-अलग मामलों में, पुलिस ने मालवीय नगर और अंबेडकर नगर से तीन अन्य को गिरफ्तार किया है.
पेपर लीक के आरोप सामने आने के बाद एनटीए ने कहा पेपर लीक के दावा करने वाली रिपोर्ट्स सबूत के आधार पर नहीं है. ये चीटिंग और दूसरे के बदले एग्जाम देने से जुड़ा मामला है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)