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साल 2022 के लिए नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize 2022) की घोषणा सोमवार, 3 अक्टूबर से शुरू हो गयी है. अभी तक मेडिकल और फिजिक्स के फील्ड के लिए इन पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है. हर साल नोबेल पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने-अपने काम से संबंधित फील्ड में मानव जाति को सबसे बड़ा लाभ देने का काम किया है.
नोबेल पुरस्कार के विजेताओं को 10,00,000 स्वीडिश क्रोना (लगभग 7.3 करोड़ रुपए) की पुरस्कार राशि भी मिलती है. यानी कुल 6 फील्ड में यह पुरस्कार राशि हर साल 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का है. हालांकि नोबेल पुरस्कार किसी देश के सरकारीे खजाने से नहीं दिया जाता. तो नोबेल पुरस्कार विजेताओं के लिए पैसा कहां से आता है? किसको पुरस्कार मिलेगा, इसका फैसला कौन करता है? कुछ ऐसे ही सवालों के जवाबों को खोजने की कोशिश करते हैं.
नोबेल पुरस्कार साहित्य, चिकित्सा या शरीर विज्ञान, फिजिक्स, केमिस्ट्री और शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम के लिए दिया जाता है. नोबेल पुरस्कार के शुरू होने की कहानी भी कम रोचक नहीं है. इसे जानने के लिए आपको 19वीं सदी के आखिरी दशकों में अल्फ्रेड नोबेल के दौर में चलना होगा.
अल्फ्रेड नोबेल एक वैज्ञानिक, केमिस्ट और आविष्कारक थे. अपने जीवनकाल में उन्होंने अपने 355 आविष्कारों और पेटेंटों से पैसा कमाया था. उनके आविष्कारों में एक बड़ी संख्या हथियार, गोला-बारूद या विस्फोटक की थी, लेकिन वे डायनामाइट के आविष्कार के लिए सबसे प्रसिद्ध हुए.
अखबारों ने कथित रूप से यहां तक लिखा कि, "डॉ अल्फ्रेड नोबेल, जो पहले से कहीं अधिक तेजी से लोगों को मारने के तरीके खोजकर अमीर बने, कल उनकी मृत्यु हो गई." कहा जाता है कि इस वाकये ने अल्फ्रेड की आंखें खोल दी और वे सोचने लगे कि उनकी मौत के बाद उन्हें दुनिया कैसे याद करेगी. वह नहीं चाहते थे कि उसे केवल विनाश के हथियार बनाने और उसके आविष्कारों के लिए याद किया जाए.
इस वाकये के 8 साल बाद, दिसंबर 1896 में, जब अल्फ्रेड नोबेल की इटली में सच में मौत हुई तो उनके आलोचकों को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उन्होंने अपनी वसीयत में संपत्ति का 94% भाग (उस समय लगभग 31 मिलियन SEK) उन लोगों को पुरस्कार देने के लिए रख दिया है, जिनके प्रयासों ने साहित्य, चिकित्सा या शरीर विज्ञान, फिजिक्स, केमिस्ट्री और शांति के क्षेत्र में अपने काम से "मानव जाति को सबसे बड़ा लाभ" देने का काम किया है.
इसके ठीक 5 साल बाद 1901 में नोबेल की अंतिम वसीयत को अमलीजामा पहनाया गया और नोबेल पुरस्कार देने का काम शुरू हुआ.
अल्फ्रेड नोबेल के वसीयतनामें में यह विस्तार से बताया गया है कि साहित्य, चिकित्सा या शरीर विज्ञान, फिजिक्स, केमिस्ट्री और शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी. उनकी वसीयत में लिखा है कि:
आज भी ये ही संस्थाएं विजेताओं की घोषणा करती हैं. अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार रग्नार सोहलमैन और रुडोल्फ लिलजेक्विस्ट ने नोबेल फाउंडेशन की स्थापना की, जो नोबेल के संपत्ति और हर साल पुरस्कार देने की प्रक्रिया की निगरानी करता है.
1968 में, स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने अल्फ्रेड नोबेल की याद में आर्थिक विज्ञान (economic sciences) में द सेवरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार की स्थापना की. यह बैंक हर साल आर्थिक विज्ञान के फील्ड में यह पुरस्कार देता है.
यह एक ऐसा सवाल है जो अतीत में कई बार सामने आया है. 1896 में नोबेल की मौत के वक्त उनकी संपत्ति 31 मिलियन स्वीडिश क्रोना (SEK) आंकी गयी थी. 2021 तक 975 विजेताओं को नोबेल पुरस्कार 609 से अधिक बार दिया जा चुका है. हर पुरस्कार के साथ 10,00,000 स्वीडिश क्रोना (लगभग 7.3 करोड़ रुपए) की पुरस्कार राशि भी मिलती है, तो नोबेल विजेताओं के लिए इतना धन कहां से आता है? अपने बिल्कुल सही समझा- निवेश के रास्ते.
फाउंडेशन के स्वामित्व वाले फंड की वैल्यू 3.6 बिलियन SEK या लगभग 560 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है. विजेताओं को मिलने वाली पुरस्कार राशि अमेरिकी डॉलर में कितनी होगी, यह हर साल स्वीडिश क्रोना की गिरते-बढ़ते एक्सचेंज रेट के आधार पर साल-दर-साल बदलती रहती है.
नोबेल के लिए नॉमिनेटेड व्यक्तियों को laureates कहा जाता है. नोबेल कमिटी पुरस्कार दिए जाने से एक साल पहले सितंबर महीने में 3,000 से अधिक लोगों को नॉमिनेशन फॉर्म भेजती है. ये लोग आमतौर पर अपने-अपने संबंधित क्षेत्रों में प्रसिद्ध शिक्षाविद या विशेषज्ञ होते हैं.
वे 31 जनवरी से पहले नॉमिनेशन फॉर्म भरकर वापस भेजते हैं, जो फॉर्म जमा करने की समय सीमा है. शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेशन फॉर्म पूर्व पुरस्कार विजेताओं और तमाम देश की सरकारों को भेजा जाता है, जो अपनी सिफारिश भेजते हैं. साथ ही शांति पुरस्कार के लिए ये फॉर्म नॉर्वेजियन नोबेल समिति के पूर्व सदस्यों को भी भेजे जाते हैं. यही संस्थान शांति पुरस्कार विजेता का फैसला करती है.
विजेताओं पर अंतिम निर्णय के लिए ये नाम फिर संबंधित संस्थानों को वापस भेज दिए जाते हैं. विजेताओं के अलावा अन्य नॉमिनेटेड व्यक्तियों के नाम सील कर दिए गए हैं और पुरस्कार की घोषणा के 50 साल बाद तक इसका खुलासा नहीं किया जाता है.
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