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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने अपनी मुफ्त राशन योजना (Free Ration Scheme) को अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है. योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट बैठक में आज यह निर्णय लिया गया, जिन्होंने कल दूसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
कैबिनेट बैठक के बाद सीएम योगी ने कहा कि इस योजना से राज्य के 15 करोड़ लोगों को लाभ होगा. दूसरी तरफ सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस योजना के लिए योगी सरकार 3,270 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है.
कोरोना महामारी के दौरान मार्च 2020 में लॉकडाउन की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को अतिरिक्त मात्रा में मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए PMGKAY योजना शुरू की थी.
इन गरीब लाभार्थियों को कोविड महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति महीने अतिरिक्त 5 किलो गेहूं या चावल दिया जाता है. मालूम हो कि NFSA के तहत पहले से ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से 5 किलो सब्सिडी वाले खाद्यान्न उपलब्ध कराए जा रहे थे.
योजना का पहला चरण साल 2020 में अप्रैल से जून तक चला जिसके बाद इस योजना को आगे नवंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया था. जानलेवा कोविड की दूसरी लहर के दौरान योजना का तीसरा चरण मई से जून 2021 तक चला था और इसे नवंबर 2021 तक फिर से बढ़ा दिया गया था. नवंबर के आखिरी हफ्ते में केंद्र सरकार ने इस योजना को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया, जो जल्द ही खत्म होने वाला है.
मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम PMGKAY के पहले और दूसरे चरण के दौरान खाद्यान्न वितरण के संबंध में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे.
तीसरे और चौथे चरण में छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, मिजोरम, दिल्ली और पश्चिम बंगाल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा.
केरल सरकार ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से अलग अपने सत्र पर राज्य के 90 लाख परिवारों को मुफ्त फूड किट बांटे जिसमें चावल, गेंहू, तेल जैसे कुल 17 जरूरी सामान दिए गए.
महामारी के कारण लॉकडाउन लगने के बाद से ही राज्य में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) राशन कार्ड धारकों सहित प्रत्येक परिवार को यह समान प्राप्त हो रहा था.
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