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रूस (Russia) ने अमेरिका (USA) के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) समेत 500 अमेरिकी नागरिकों पर रूस में एंट्री पर बैन लगा दिया है. रूस के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार, 19 मई को यह भी कहा कि, "रूस ने हिरासत में लिए गए वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर इवान गेर्शकोविच के लिए अमेरिका के काउंसलर एक्सेस के नए अनुरोध को भी ठुकरा दिया है." इवान गेर्शकोविच को मार्च में जासूसी के शक में गिरफ्तार किया गया था.
रूस ने यह कदम क्यों उठाया? बराक ओबामा के सिवा और किन मशहूर हस्तियों को बैन किया गया? अमेरिका ने इसका किस अंदाज में जवाब दिया? आपको इन सभी सवालों के जवाब देते हैं.
रूस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ संयुक्त राष्ट्र की यात्रा करने वाले मीडिया को वीजा देने से पिछले महीने अमेरिका के इनकार के बाद यह कदम उठाया गया है. इसमें कहा गया है कि "वाशिंगटन को बहुत पहले ही यह सीख लेना चाहिए था कि रूस पर एक भी शत्रुतापूर्ण हमला बिना सजा दिए नहीं जाएगा."
तो अगर आसान भाषा में कहा जाए तो रूस ने यह बैन रूस के खिलाफ अमेरिका द्वारा उठाए गए कदमों के बाद जवाबी कार्यवाही के रूप में किया गया है.
बराक ओबामा के सिवा इस लिस्ट में पूर्व अमेरिकी राजदूत जॉन हंट्समैन, कई अमेरिकी सीनेटर और संयुक्त प्रमुखों के अगले संभावित अध्यक्ष चार्ल्स क्यू ब्राउन जूनियर भी शामिल हैं. प्रसिद्ध अमेरिकी लेट नाईट टीवी शो के होस्ट जिमी किमेल, कोलबर्ट और सेठ मेयर्स को भी रूस द्वारा देश में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
रूसी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि...
6 जनवरी, 2021 को, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों ने राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन को रोकने की मांग की और यूएस कैपिटल पर हमला किया था.
अमेरिका ने सीधे तौर पर अबतक कोई बयान नहीं जारी किया है, लेकिन G7 सम्मलेन में इसका असर देखने को मिल रहा है. अमेरिका इस सम्मेलन में रूस पर अपना कड़ा रुख जाहिर कर रहा है. कई इंटरनेशनल मीडिया आउटलेट्स ने एक बेनाम अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि, अमेरिका ने नए सैंक्शंस के रूप में रूस और अन्य देशों की लगभग 70 कंपनियों को अमेरिकी निर्यात से काटना शामिल होगा.
अधिकारी ने कहा कि जी-7 नेताओं द्वारा व्यक्तियों, संस्थाओं, जहाजों और विमानों के खिलाफ 300 प्रतिबंधों की घोषणा की जाएगी.
अधिकारी ने कहा कि...
अमेरिका ने अब तक रूसी सेंट्रल बैंक के धन को रोक दिया है. वैश्विक वित्तीय लेनदेन के लिए प्रमुख प्रणाली - SWIFT तक बैंकों की पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया है और हजारों रूसी फर्मों, सरकारी अधिकारियों, कुलीन वर्गों और उनके परिवारों को प्रतिबंधित कर दिया है.
पिछले साल, G7 देशों ने सामूहिक रूप से रूसी तेल और डीजल पर $60 प्रति बैरल मूल्य सीमा लगा दी थी. मैकडॉनल्ड्स, पेप्सिको, H&M, ADIDAS सहित 1,000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने रूस में काम करना बंद कर दिया है.
रूस ने पश्चिमी देशों से 200 से ज्यादा वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें दूरसंचार, चिकित्सा, वाहन, कृषि, बिजली के उपकरण और लकड़ी के उत्पाद शामिल हैं.
रूस सरकारी बॉन्ड के विदेशी धारकों के ब्याज भुगतान को रोक रहा है, और रूसी फर्मों को विदेशी शेयरधारकों को भुगतान करने से प्रतिबंधित कर रहा है.
वह विदेशी निवेशक, जिनके पास अरबों डॉलर का रूसी निवेश है, उन्हें बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
(इनपुट्स - गार्डियन एंड बीबीसी न्यूज)
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