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रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) पिछले आठ महीने से जारी है. हाल की घटनाओं के बाद रूस ने यूक्रेन पर हमला तेज कर दिया है. राजधानी कीव सहित अन्य शहरों में जोरदार बमबारी की जा रही है. जिससे जान-माल का संकट गहरा गया है. वहीं इस बीच रूस ने यूक्रेन द्वारा 'डर्टी बम' के इस्तेमाल की आशंका भी जताई है. रूस का आरोप है कि यूक्रेन अपनी जमीन पर 'डर्टी बम' (Dirty Bomb Explained) का इस्तेमाल कर सकता है.
रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (Sergei Shoigu) ने ब्रिटिश रक्षा सचिव बेन वालेस से कहा कि, "वह कीव द्वारा संभावित उकसावे के बारे में चिंतित हैं, जिसमें एक 'डर्टी बम' का उपयोग भी शामिल है."
शोइगु ने बुधवार को भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों से फोन पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में पैदा हो रहे हालात की जानकारी दी. इसके साथ ही यूक्रेन द्वारा 'डर्टी बम' के संभावित उपयोग को लेकर रूस की चिंताओं से भी अवगत करवाया.
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने रूसी समकक्ष से बातचीत में कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी भी पक्ष को परमाणु विकल्प नहीं चुनना चाहिए. दोनों देशों को बातचीत और कूटनीति से इस मसले को हल करना चाहिए.
क्रेमलिन ने एक बयान में कहा, "व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में जमीन, समुद्र और हवाई बलों के साथ एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, इस दौरान बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों का प्रक्षेपण हुआ."
रूस की आशंकाओं के बीच भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी कर यूक्रेन में अभी भी रह रहे भारतीय नागरिकों को उपलब्ध साधनों के साथ तुरंत यूक्रेन छोड़ देने को कहा गया है.
'डर्टी बम' को रेडियोएक्टिव तत्वों को फैलाने वाले डिवाइस के तौर पर जाना जाता है. ये बम पुराने हथियारों की तरह होते हैं. परमाणु हथियारों की तुलना में ये सस्ते और कम खतरनाक हैं. इसमें डायनामाइट का इस्तेमाल होता है और उसके साथ रेडियोएक्टिव पदार्थ रखे जाते हैं. ये ब्लास्ट के बाद चारों तरफ फैल जाते हैं.
बीबीसी के मुताबिक, रेडियोएक्टिव सामग्री अस्पतालों, परमाणु ऊर्जा स्टेशनों या यहां तक कि प्रयोगशालाओं से प्राप्त की जा सकती है.
रेडियोएक्टिव तत्वों के संक्रमण से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो जाती हैं, ऐसे में इस तरह का बम निशाने पर ली गई आबादी में अफरा-तफरी और डर पैदा कर सकता है.
संयुक्त राष्ट्र को लिखे अपने पत्र में क्रेमलिन ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन रूस पर दोष मढ़ने के लिए एक डर्टी बम विस्फोट करने की तैयारी कर रहा है और युद्ध को आगे बढ़ाने के लिए मजबूर कर रहा है जो अपने नौवें महीने में प्रवेश कर चुका है.
क्रेमलिन ने सुरक्षा परिषद में 310-पेज की एक रिपोर्ट पेश की जिसमें पहले से खारिज किए गए दावों को दोहराया गया था कि कीव और उसके पश्चिमी समर्थक एक जैव-हथियार (Bio- Weapon) पर काम कर रहे थे.
हालांकि यूक्रेन ने 'डर्टी बम' को लेकर रूस के दावे को खारिज कर दिया है.
ब्रिटेन के अखबार द गार्डियन के अनुसार, आज तक कोई डर्टी बम द्वारा हमला दर्ज नहीं किया गया है. इसे विस्फोट करने के दो असफल प्रयास इससे पहले हुए हैं, यह सूचना दो दशक से पहले चेचन्या के दक्षिणी रूसी प्रांत से मिली थी.
यूनाइटेड स्टेट्स न्यूक्लियर रेगुलेटरी कमीशन (USNRC) के अनुसार, डर्टी बम से हताहत होने वालों की संख्या और इस तरह के हथियार से होने वाले नुकसान की सीमा कई फैक्टर पर निर्भर करती है. एक फैक्टर तो यह है कि इसमें विस्फोटक की मात्रा कितनी है और ये कौनसे प्रकार का है.
इसके अलावा विस्फोट किस समय किया जा रहा है और उपयोग की जाने वाली रिडियोएक्टिव सामग्री की मात्रा और प्रकार के साथ-साथ मौसम की स्थिति (विशेष रूप से हवा) को देखना पड़ता है.
डर्टी बम में जितना ज्यादा रडिएशन डोज होगा यह उतना ज्यादा ही नुकसान पहुंचाएगा.
यूएसएनआरसी के मुताबिक एक डर्टी बम परमाणु बम नहीं है. परमाणु बम ऐसा विस्फोट करता है जो एक डर्टी बम के मुकाबले लाखों गुना अधिक शक्तिशाली होता है.
द गार्डियन ने एक एक्सपर्ट के हवाले से बताया कि, डर्टी बम विनाश नहीं बड़े पैमाने पर व्यवधान पैदा करने वाला हथियार है. डर्टी बम का इस्तेमाल युद्ध के मैदान के लिए नहीं हैं बल्कि शहरों में अधिक स्पष्ट रूप से तैनात किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि डर्टी बम एक मनोवैज्ञानिक हथियार के रूप में इस्तेमाल में आता है. जब आप लोगों को केवल डराना चाहते हैं तो आप इस तरह के हथियार का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अमेरिका और कीव के अन्य पश्चिमी सहयोगी देशों ने सर्वसम्मति से रूस के दावों को झूठा बताया और उसे खारिज कर दिया है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेस्की ने कहा कि, "यदि रूस कहता है कि यूक्रेन कथित रूप से कुछ तैयार कर रहा है, तो इसका मतलब एक बात है: रूस ने पहले से ही यह सब तैयार कर लिया है."
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