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सलमान खान, सैफ अली खान, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे 1998 में राजस्थान के जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग कर रहे थे. आरोप है कि उसी दौरान 26 सितंबर से लेकर 1-2 अक्टूबर की मध्य रात्रि के बीच सलमान खान और उनके साथियों ने 2 चिंकारा और 3 काले हिरणों (ब्लैक बक) का शिकार किया.
2 अक्टूबर, 1998 को इस मामले में बिश्नोई समाज ने पुलिस थाने में सलमान खान समेत सैफ अली खान, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे सभी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
12 अक्टूबर, 1998 को बिश्नोई समाज की शिकायत पर सलमान खान को हिरासत में लिया गया. उनके पास से 2 हथियार बरामद हुए. उन दोनों हथियारों के लाइसेंस की मियाद खत्म हो चुकी थी. इसलिए सलमान और उनके साथियों पर कुल 4 मुकदमे दर्ज हुए. 3 मामले हिरणों के शिकार के दर्ज हुए. चौथा केस आर्म्स एक्ट के तहत बिना लाइसेंस के हथियार रखने का. गिरफ्तारी के 5 दिन बाद सलमान को जमानत मिली.
कांकाणी गांव केस: आरोप के मुताबिक सलमान खान और उनके साथियों ने 1-2 अक्टूबर, 1998 की आधी रात को कांकाणी गांव में 2 काले हिरणों का शिकार किया. इसी मामले में जोधपुर की अदालत 5 अप्रैल को फैसला सुनाएगी.
गवाहों के मुताबिक गोलियों की आवाज सुनने पर जब वो कांकाणी गांव की सीमा पर पहुंचे तो दो काले हिरण मृत पड़े थे. उनके मुताबिक शिकार सलमान खान ने किया था, जबकि सैफ अली, नीलम, सोनाली और तब्बू ने उन्हें शिकार के लिए उकसाया था. गोलियों की आवाज सुन कर जब गांव वाले मौके पर पहुंचे तो सलमान खान और उनके साथी दोनों हिरणों को छोड़ कर वहां से चले गए.
27 जुलाई, 2016 को घोड़ा फार्म हाउस केस और भवाद गांव केस में हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सलमान को बरी किया. साथ ही इस मामले में दावा किया गया था कि मुख्य गवाह हरीश दुलानी 10 साल से लापता है. हरीश दुलानी उस जिप्सी का ड्राइवर था जिसका इस्तेमाल दोनों मामलों में शिकार के लिए किया गया था. हाई कोर्ट के फैसले के बाद हरीश दुलानी मीडिया के सामने आ गया. दुलानी ने कहा कि वह कहीं नहीं गया था. सलमान को बचाने के लिए कोर्ट को गुमराह किया गया. दुलानी के मुताबिक वह अब भी अपने उस बयान पर कायम है जिसमें उसने सलमान को शिकार करते हुए देखने का दावा किया था.
18 अक्टूबर, 2016 को हरीश दुलानी के सामने आने के बाद मामले में नया मोड़ आ गया. उसी को मुख्य आधार बना कर राजस्थान सरकार ने दोनों मामलों में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया.
काले हिरण को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत शिड्यूल 1 में रखा गया है. यह प्रजाति संकट में है. इसलिए इसके शिकार पर सख्त सजा का प्रावधान है. काले हिरण के शिकार का जुर्म साबित होने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 7 साल कैद की सजा मिलती है. लेकिन यह मामला करीब 20 साल पुराना है. तब इस कानून में अधिकतम 6 साल की सजा का प्रावधान था.
सलमान ने खुद को बेकसूर बताया था:
बॉलीवुड के दबंग खान ने इस मामले में खुद को बेकसूर बताया था. पिछले महीने इस मामले में सुनवाई पूरी हुई थी. जिसके बाद जोधपुर ग्रामीण सीजेएम देव कुमार खत्री ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
5 अप्रैल 2018 को आए इस केस के फैसले के मुताबिक वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9/51 के तहत सलमान को दोषी पाया गया है. जोधपुर कोर्ट ने सलमान को 5 साल की सजा सुनाई है. उसके अलावा 10 हजार का जुर्माना भी लगा है.
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