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अमेरिका में आज महत्वपूर्ण मध्यावधि चुनाव (US Midterm Elections) के लिए वोट डाले जाएंगे. करीब 4 करोड़ अमेरिकी बैलेट के जरिये पहले ही वोट डाल चुके हैं. एक तरफ रिपब्लिकन पार्टी, जहां सीनेट और प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव) दोनों पर अपना नियंत्रण करने के प्रयास में है, वहीं राष्ट्रपति बाइडेन (Joe Biden) की नेतृत्व वाली डेमोक्रेट पार्टी अपने मौजूदा बहुमत को बनाए रखना चाहेगी.
इन चुनावों को कई कारणों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इनमें से एक बड़ा फैक्टर यह है कि ये मध्यावधि चुनाव अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बाकी बचे कार्यकाल की दिशा तय करेंगे. आइए इस एक्सप्लेनर में हम आपको अमेरिका में होने जा रहे इन मध्यावधि चुनावों से जुड़े सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करते हैं.
अमेरिका में नियमानुसार, मध्यावधि चुनाव नवंबर महीने के पहले मंगलवार को होते हैं. लेकिन अगर पहला मंगलवार महीने का पहला दिन हो तो ऐसी स्थिति में इसे महीने के दूसरे मंगलवार को ट्रांसफर कर दिया जाता है. इस हिसाब से इस बार के मध्यावधि चुनाव 8 नवंबर को हो रहे हैं.
अधिकांश संसदीय लोकतंत्रों की तरह, अमेरिकी सरकार भी तीन भाग में बंटी हैं- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका. अमेरिकी सरकार की विधायी शाखा को कांग्रेस कहते हैं और यह सीनेट और प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव) से मिलकर बनी होती है. कांग्रेस कानून पारित करने और सरकार के सुचारू कामकाज के लिए जरूरी हैं.
सीनेट में 100 सदस्य होते हैं, जिसमें अमेरिका के सभी 50 राज्यों से दो निर्वाचित सदस्य पहुंचते हैं. इसके विपरीत प्रतिनिधि सभा के पास 435 सीटें हैं. अगर भारत के उदाहरण से आप समझना चाहे तो सीनेट राज्य सभा है और प्रतिनिधि सभा को लोकसभा मान लीजिए.
मध्यावधि चुनाव में सीनेट की सभी 100 सीटों पर फिर से चुनाव नहीं होता है. भारत की राज्यसभा की तरह अमेरिका के सीनेट के सदस्य- सीनेटर- छह साल की अवधि के लिए चुने जाते हैं. इसलिए आगामी मध्यावधि चुनावों में केवल 34 ऐसे सीनेटर फिर से चुनाव के लिए तैयार हैं, जिनका कार्यकाल खत्म हो चुका है.
दूसरी तरफ प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव) के सभी 435 सीटों पर चुनाव होना है क्योंकि इसके सदस्यों का कार्यकाल केवल 2 सालों का होता है, जो पूरा हो चुका है.
इन मध्यावधि चुनावों के बारे में एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि कई राज्यों में गवर्नर, राज्य सचिव (सेक्रेटरी ऑफ स्टेट), अटॉर्नी जनरल और राज्य विधानसभाओं के लिए स्थानीय चुनाव होते हैं. मध्यावधि चुनाव और इन चुनावों को जीतने वाली पार्टी का अमेरिका में अगले दो वर्षों तक दबदबा होता है.
18 वर्ष से अधिक आयु के सभी अमेरिकी इन चुनावों में वोट डालने के पात्र होते हैं, सिवाय उन लोगों के जिन्हें अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है.
वर्तमान में राष्ट्रपति बाइडेन की नेतृत्व वाली डेमोक्रेट पार्टी का सीनेट के साथ-साथ प्रतिनिधि सदन में भी नियंत्रण है. सीनेट की 100 सीटों में से, डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों के पास 50 सीटें हैं. लेकिन चूंकि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के पास टाई-ब्रेकिंग वोट है, डेमोक्रेट अभी भी बहुमत में हैं. टाई-ब्रेकिंग वोट का इस्तेमाल उस समय होता है जब किसी बिल पर दोनों पार्टियों का वोट बराबर होता है.
दूसरी तरफ प्रतिनिधि सभा की 435 सीटों में से 222 पर डेमोक्रेट का कब्जा है और 213 पर रिपब्लिकन का नियंत्रण है.
ये मध्यावधि चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि जिस पार्टी का भी दोनों सदन पर नियंत्रण होगा वह कानून बनाने की प्रक्रिया को नियंत्रित करेगा. अभी तक डेमोक्रेट्स का प्रतिनिधि सदन और सीनेट दोनों पर नियंत्रण है.
अगर रिपब्लिकन पार्टी प्रतिनिधि सदन या सीनेट पर कब्जा कर लेती है, तो डेमोक्रेट्स के लिए 2024 के राष्ट्रपति चुनावों से पहले अपने एजेंडे को पूरा करना बेहद मुश्किल हो जाएगा. अगर रिपब्लिकन दोनों में से किसी सदन में बहुमत का आंकड़ा पार करते हैं तो डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए कोई भी बिल पारित करना मुश्किल हो जायेगा.
वाशिंगटन पोस्ट और एबीसी न्यूज के एक सर्वे के मुताबिक अमेरिकियों के लिए प्रमुख मुद्दे हैं- अर्थव्यवस्था, गर्भपात का अधिकार (एबॉर्शन राइट्स), महंगाई, इमीग्रेशन, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और बढ़ते अपराध
डेमोक्रेट लंबे समय से कहते रहे हैं कि बढ़ती महंगाई और संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था यूक्रेन युद्ध जैसी वैश्विक घटनाओं के कारण है. जबकि रिपब्लिकन पार्टी अपनी प्रतिद्वंदी डेमोक्रेट्स पर बढ़ती महंगाई के लिए लगातार हमलावर है.
बढ़ते अपराध और शूटआउट भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर अमेरिकी वोटर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. अमेरिका में शूटिंग से जुड़े अपराध बढ़े हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी सख्त बंदूक नियंत्रण कानून लाने की वकालत कर रही है.
पोल विश्लेषण वेबसाइट, फाइव थर्टीहाइट के मुताबिक सीनेट में कांटे की टक्कर है, जबकि रिपब्लिकन पार्टी के पास प्रतिनिधि सभा जीतने का एक मौका है. इसने कहा कि रिपब्लिकन के पास 47 से 54 सीटें जीतने का 80 प्रतिशत से अधिक मौका है. इतना ही नहीं, फाइव थर्टीहाइट यह भी दर्शाता है कि पिछले दो सालों में बाइडेन की स्वीकृति और पॉपुलैरिटी रेटिंग 50 प्रतिशत से कम हो गई है.
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Published: 06 Nov 2022,08:49 PM IST