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पिछले एक हफ्ते में, उत्तराखंड (Utarakhand) के वन क्षेत्रों में लगी आग नंदा, नैनीताल और कई अन्य क्षेत्रों में फैल गई, जिससे राज्य में 140 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि को नुकसान पहुंचा है.
नैनीताल जैसे प्रमुख स्थानों पर जंगल में लगी आग अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जैसे अन्य क्षेत्रों में भी फैल गई, जिससे 30 एकड़ से अधिक जंगलों को नुकसान हुआ.
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के 40 से ज्यादा कर्मचारियों को रविवार को नैनीताल में आग बुझाने का काम सौंपा गया था.
हालांकि इस साल उत्तराखंड से आने वाला यह पहला मामला नहीं है.
फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के मुताबिक, उत्तराखंड में 21 अप्रैल से अब तक जंगल में आग लगने की कम से कम 202 घटनाएं हो चुकी हैं.
रविवार को, राज्य के वन विभाग ने कहा कि जंगल की आग ज्यादातर "मानव निर्मित" थी. जबकि उच्च तापमान, सूखा जंगल और बिजली गिरने की घटनाएं भी आग लगने का कारक हो सकती हैं.
गढ़वाल के जिला वन अधिकारी अनिरुद्ध स्वप्निल ने रविवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया:
अब तक, आग सुलगाने के लिए लोगों के खिलाफ पुलिस में लगभग 200 मामले दर्ज किए गए हैं.
शनिवार को हल्द्वानी में समीक्षा बैठक करने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया को बताया,
उत्तराखंड के प्रधान सचिव रमेश कुमार सुधांशु ने कहा है कि वन विभाग के अधिकारी उस मौसम में छुट्टी नहीं ले सकते जो जंगल में आग लगने का सबसे संवेदनशील वक्त (15 फरवरी-15 जून) है. साथ ही कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जंगल में आग लगने जैसी कोई लापरवाही न हो. कर्मी हादसे के प्रति जवाबदेह होंगे.
इसके अलावा, राज्य के अधिकारियों ने
टीमों को उन क्षेत्रों में तैनात किया है जो आग के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील हैं.
स्थानीय लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसमें उन्हें अपना कचरा न जलाना सिखाया जा रहा है.
स्थानीय लोगों को यह भी निर्देश दिया है कि निर्माण कार्य और कार धोने पर प्रतिबंध है.
राज्य सरकार ने 'बांबी बकेट ऑपरेशन' के संचालन के लिए भारतीय वायु सेना के एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर को भी तैनात किया है. हेलीकॉप्टर 3,500 लीटर के करीब पानी लाकर भड़की आग पर छोड़ रहा है.
राज्य अधिकारियों और राज्य वन विभाग के अलावा, उत्तराखंड सरकार ने आग पर काबू पाने के लिए इन सेवाओं से भी मदद मांगी है:
भारतीय वायु सेना
गृह रक्षक
भारतीय सेना
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल
प्रान्तीय रक्षक दल
(इनपुट- इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स और द हिंदू)
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