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AIIMS में आए बैक्टीरिया के मामले चीन के निमोनिया से जुड़े नहीं हैं: स्वास्थ्य मंत्रालय

"केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और हर रोज स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है"

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<div class="paragraphs"><p>अप्रैल-सितंबर 2023 के बीच AIIMS-दिल्ली में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के सात मामलों का पता चला</p></div>
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अप्रैल-सितंबर 2023 के बीच AIIMS-दिल्ली में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के सात मामलों का पता चला

(फोटो: फिट हिंदी)

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार, 7 दिसंबर को एक प्रेस रिलीज के जरिए स्पष्ट किया कि दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में पाए गए 7 बैक्टीरियल मामले, हाल ही में चीन में हुए निमोनिया मामलों में बढ़ोतरी से जुड़े नहीं हैं.

मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है:

“सात मामलों का पता बीते छह महीने से (अप्रैल से सितंबर 2023) AIIMS दिल्ली में चल रहे एक स्टडी के एक भाग के रूप में लगाया गया है और यह चिंता का कारण नहीं है.”

इसमें आगे कहा गया, ''जनवरी 2023 से अब तक, ICMR के मल्टीपल रेस्पिरेटरी पैथोजेन सर्विलांस (Multiple Respiratory Pathogen Surveillance) के तहत AIIMS दिल्ली के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में टेस्ट किए गए 611 नमूनों में कोई माइकोप्लाज्मा निमोनिया नहीं पाया गया, जिसमें मुख्य रूप से सिव्यर एक्यूट रेस्पिरेटरी बीमारी (SARI) शामिल थी. जिसमें रियल टाइम पीसीआर द्वारा लगभग 95% मामले शामिल थे.”

क्या है मामला?

बुधवार को लैंसेट माइक्रोब रिपोर्ट में कहा गया कि अप्रैल-सितंबर 2023 के बीच AIIMS-दिल्ली में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के सात मामलों का पता चला था.

हालांकि, मंत्रालय ने अब एक बयान जारी कर कहा है कि जबकि माइकोप्लाज्मा निमोनिया (mycoplasma pneumonia) 'कम्युनिटी रूप से फैलने वाले निमोनिया का सबसे आम बैक्टीरियल कारण है', भारत में इसकी कहीं भी कोई वृद्धि या मामले की पहचान नहीं की गई है.

चीन में क्या हो रहा है?

चीन ने नवंबर की शुरुआत में "सांस संबंधी बीमारियों की घटनाओं" में वृद्धि दर्ज की. बच्चों में अज्ञात निमोनिया के क्लस्टर के मामले सामने आए.

लेकिन चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने 24 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को बताया कि किसी भी असामान्य या नए पैथोजन का पता नहीं चला है और निमोनिया के मामलों में वृद्धि से जुड़ी कोई असामान्य मामले सामने नहीं आई है.

डब्ल्यूएचओ (WHO) ने यह भी कहा कि ये मामले माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया (mycoplasma pneumonia), रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (respiratory syncytial virus), एडेनोवायरस और इन्फ्लूएंजा से प्रेरित थे, जो "आमतौर पर इस मौसम में पनपते हैं."

वहीं भारत में मंत्रालय ने कहा है, "केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और हर रोज स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है."

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