मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019COVID-19: 3 श्मशान, कब्रिस्तान से अंतिम सफर का आंखों-देखा हाल

COVID-19: 3 श्मशान, कब्रिस्तान से अंतिम सफर का आंखों-देखा हाल

कोरोना मृतकों के अंतिम सफर को कैसे दिया जा रहा है अंजाम?

कौशिकी कश्यप
फिट
Updated:
दिल्ली: कब्रिस्तान और श्मशान में कैसे हो रहा है मरीजों का अंतिम संस्कार
i
दिल्ली: कब्रिस्तान और श्मशान में कैसे हो रहा है मरीजों का अंतिम संस्कार
(फोटो: फिट)

advertisement

वीडियो एडिटर: कुनाल मेहरा

COVID-19 से देशभर में 4,000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. श्मशान घाट और कब्रिस्तान में लाशों का सिलसिला नहीं थम रहा. कोरोना मृतकों के अंतिम सफर को कैसे दिया जा रहा है अंजाम? श्मशान घाट और कब्रिस्तान में किन प्रोटोकॉल का होता है पालन? जानने के लिए क्विंट ने दिल्ली में आईटीओ कब्रिस्तान, निगम बोध घाट और पंजाबी बाग श्मशान भूमि का दौरा किया.

दिल्ली में 9 श्मशान भूमि/कब्रिस्तान में COVID-19 मृतकों की अंतिम क्रिया हो रही है. यहां कोविड-19 के संदिग्धों और कंफर्म केस, दोनों का ही अंतिम संस्कार एक ही प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है.

कोविड-19 से मरने वालों को दफनाने के लिए आईटीओ स्थित कब्रिस्तान ‘जदीद अहले इस्लाम’ में लाया जा रहा है. यहां के सुपरवाइजर मोहम्मद शमीम बताते हैं कि हॉस्पिटल से पहले ही कब्रिस्तान में फोन कर दिया जाता है ताकि कब्र का इंतजाम किया जा सके.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

शव के साथ परिवार, कुछ हेल्थ वर्कर और कब्रिस्तान के स्टाफ मौजूद होते हैं. सामान्य मौत वाले शवों और कोरोना मृतकों को दफनाए जाने में काफी अंतर है. पहले के लिए 3-4 फीट का गड्ढा खुदता है और दूसरे के लिए 10-15 फीट का. हाथ लगाए बिना, रस्सी के सहारे शव को कब्र में डाला जाता है. कब्र की खुदाई भी जेसीबी मशीन से होती है. शवों को अंदर डाल मिट्टी से ढंक दिया जाता है.

50 एकड़ में फैले कब्रिस्तान में कोरोना से जुडे़ शवों के लिए करीब 5 बीघा जमीन मुहैया कराई गई है. ये जमीन आम कब्रों की जगह से काफी दूर कोने में मुहैया कराई गई है.

वहीं निगम बोध घाट पर सभी कोरोना शव सीएनजी शवदाह गृह में जलाए जा रहे हैं. आम शवों का अंतिम संस्कार फिलहाल सीएनजी के जरिये नहीं हो रहा क्योंकि कोरोना शव काफी आ रहे हैं. आम शवों को लकड़ी की चिता पर रख, पारंपरिक तरीके से जलाया जा रहा है. फिलहाल उसके लिए सीएनजी सुविधा बंद रखी गई है.

निगम बोध घाट पर शवों को जलाने की जिम्मेदारी 2 स्टाफ को दी गई है. शवदाह करने वाले हरेंद्र के मुताबिक कोरोना संदिग्धों और पॉजिटिव मरीजों के शव को बॉडी बैग समेत ही सीएनजी शवदाह गृह में डाला जाता है.

साउथ दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले पंजाबी बाग श्मशान भूमि में भी कोरोना मृतकों का शव सीएनजी के जरिये ही जलाया जा रहा है. यहां शव के साथ परिवार के चुनिंदा सदस्य ही अंदर दाखिल हो पाते हैं बाकी लोग अपने प्रियजनों को सड़क से ही अलविदा कह देते हैं.

बता दें, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोरोना की वजह से हुई मौत के बाद पोस्टमार्टम और अंतिम क्रिया को लेकर पहले निर्देश जारी किए गए थे. इनमें प्रमुख हैं-

  • इसमें आम लोगों को निर्देश है कि सिर्फ शव का चेहरा देख सकते हैं.
  • शव को नहलाने, गले लगाने, चूमने पर पाबंदी है.
  • स्वास्थ्य कर्मचारी ग्लव्स, मास्क, चश्मा, किट पहनकर ही मृत शरीर को छुएं.
  • शव को बॉडी बैग या लिनन में ही रखें.
  • मृत शरीर के नाक, मुंह, कान को सबसे पहले बंद कर देना है.
  • शव को परिजनों को सौंपने पर खुले हिस्से को सोडियम हाइपोक्लोराइट लगाएं.

देखिए ये पूरी ग्राउंड रिपोर्ट.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 28 May 2020,05:48 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT