मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019COVID के कारण बेड-रिडन लोगों में हो सकता है मानसिक स्वास्थ्य का खतरा

COVID के कारण बेड-रिडन लोगों में हो सकता है मानसिक स्वास्थ्य का खतरा

यदि आपको कभी COVID-19 हुआ है और आप बेड-रिडन हैं, तो आपको ये पढ़ने की आवश्यकता है.

फिट
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>Covid पहुंचा सकता है मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान&nbsp;&nbsp;</p></div>
i

Covid पहुंचा सकता है मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान  

(फोटो:iStock)

advertisement

एक स्टडी में पाया गया कि, जिन लोगों को कोविड-19 हुआ था और वे बेड-रिडन थे, उनमें डिप्रेशन और अन्य मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधी परेशनियां होने की अधिक संभावना है.

लैंसेट में प्रकाशित इस स्टडी में छह देशों के 2,47,249 लोगों का डेटा एनालाइज किया गया, ताकि मानसिक स्वास्थ्य पर COVID-19 के शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म प्रभाव की जानकारी दी जा सके.

जानें मानसिक स्वास्थ्य पर COVID-19 का प्रभाव कितना गंभीर है.

मानसिक स्वास्थ्य पर COVID-19 का प्रभाव

अध्ययन में 27 मार्च 2020 से 13 अगस्त 2021 के बीच लगभग 9000 से अधिक यानी 4 प्रतिशत व्यक्तियों को COVID-19 से डाइग्नोस किया गया.

डिप्रेशन और खराब नींद की समस्या उन लोगों में ज्यादा पाई गई जिन्हें पहले कोविड-19 हो चुका था. हालाँकि, इन लोगों में ऐंगजाइटी और COVID से संबंधित डिस्ट्रेस कम पाया गया.

दिलचस्प बात यह है कि अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन लोगों को कोविड-19 हुआ था, लेकिन वे बेड-रिडन नहीं थे, उन लोगों में डिप्रेशन और ऐंगजाइटी का रिस्क कम था, उन लोगों की तुलना में जिन्हें कोविड-19 नहीं हुआ था.

स्टडी में पाया गया कि डिप्रेशन और ऐंगजाइटी का खतरा उन लोगों में सबसे अधिक था जिन्हें कोविड-19 हुआ था और जो लंबे समय तक (7 दिनों से अधिक समय तक) बेड-रिडन थे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

स्टडी में क्या पता चला?

अन्य अध्ययनों ने, COVID-19 और ठीक होने के छह महीने बाद तक मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट के बीच का संबंध दिखाया है. यह पहला अध्ययन है, जो दर्शाता है कि कोविड-19 के रोगियों में 16 महीने तक बुरे मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण दिख सकते हैं.

स्टडी से यह भी पता चलता है कि कोविड से पीड़ित होने के बाद डेढ़ साल तक सतर्क रहना जरूरी है.

आपको साइकोथेरेपिस्ट से बात करनी चाहिए या सकाइअट्रस्ट से, यह निर्भर करता है इस पर कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं.

स्टडी से यह भी सामने आता है कि कोविड के बाद के युग में मानसिक स्वास्थ्य को प्राइऑरटी देने की आवश्यकता है.

जो लोग COVID के माइल्ड फॉर्म से पीड़ित थे, उनके मानसिक स्वास्थ्य में धीरे धीरे सुधार देखा गया, जैसे-जैसे बीमारी की अनिश्चितता और स्ट्रेस कम होती गई.

लेकिन, जो लोग बेड-रिडन थे और गंभीर कोविड से पीड़ित थे, उनमें लगातार बुरे मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण दिखाई दिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT