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फर्ज करें कि अगर आपको किसी गहरी अंधेरी जगह में बंद कर दिया जाए, जहां खाने-पीने के लिए भी कुछ न हो. अंधेरा ऐसा कि आपको खुद अपने हाथ पैर तक नजर न आ रहे हों तो आप कैसा महसूस करेंगे?
जाहिर है ये बहुत मुश्किल है और आप शायद ऐसा सोचना भी नहीं चाहेंगे. लेकिन क्या आपको पता है कि थाईलैंड की थेम लुआंग गुफा में तीन हफ्ते फंसे रहने के बाद निकाले जाने के बाद 12 बच्चे और उनके फुटबॉल कोच की सेहत पर क्या असर होगा. बच्चे और उनके कोच एक ट्रिप के दौरान गुफा देखने गए थे और बारिश हो जाने की वजह से इसमें इतना पानी भर गया था कि उनका वापस निकलना मुश्किल हो गया था.
मैक्स हॉस्पिटल के मनोचिकित्सक डॉक्टर समीर मल्होत्रा का कहना है की इस तरह के हादसे के बाद मानसिक सेहत पर ये सब असर हो सकते हैं.
इतने बड़े हादसे से बाहर निकलने के बाद इस तरह की परेशानी हो सकती है. हो सकता है जिस की वजह से बच्चे कुछ दिनों तक अकेले रहने में घबराएं. अचानक सहम जाएं या अपने आप में असहाय महसूस करें
पोस्ट ट्रॉमेटिक डिसऑर्डर आमतौर पर किसी हादसे से गुजरने के बाद होता है. इसकी वजह से बच्चों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर समीर कहते हैं
ऐसे हालात से निकलने के बाद भी कुछ दिनों तक समय-समय पर उन्हें डॉक्टर की देेखभाल की जरूरत होगी. इस तरह की मेंटल कंडीशन से बाहर निकालने के लिए उन्हें इन सब की जरूरत होगी.
गुफा से बाहर निकलने के बाद बच्चों को अभी तक अलग जगह रखा गया है. उनके मां-बाप को अभी तक उनसे मिलने नहीं दिया गया है.
अपोलो अस्पताल में बच्चों की डॉक्टर स्मिता मल्होत्रा कहती हैं
लेकिन इसके अलावा उनके पूरी तरह चेकअप के बाद जो भी परेशानी पता चलेगी उसी के अनुसार उनका इलाज किया जाएगा.इतने दिनों तक खाने पीने पर असर पड़ने की वजह से बहुत तेजी से वेटलॉस भी हुआ होगा.
नॉर्मल सेहत पर लौटते-लौटते उन्हें कम से कम एक हफ्ता लगेगा.
इस मामले पर बीबीसी में छपे लेख में बताया गया है कि अंधेरी गुफा में बंद रहने की वजह से सेहत पर ये दिक्कतें आ सकती हैं.
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Published: 11 Jul 2018,07:30 PM IST