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Electoral Bonds Bought By Pharma And Healthcare Companies: चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली टॉप कंपनियों की डिटेल्स जारी की. इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि कई फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियों ने भी चुनावी बॉन्ड खरीदे.
फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियों में से एक यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने भी बॉन्ड खरीदा.
आइए जानते हैं उन फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियों के बारे में, जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा और क्या है उनके डोनेशन की राशि.
यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल- हेल्थकेयर कंपनियों में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल टॉप के खरीदारों में से एक है क्योंकि इसने 162 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. दिसंबर 2020 में आयकर (आईटी) अधिकारियों द्वारा इस कॉर्पोरेट हॉस्पिटल चेन पर छापा मारा गया था.
हैदराबाद के डॉ रेड्डीज लेबोरेटरी ने 80 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे.
टोरेंट फार्मा ने कुल 77.5 करोड़ रु के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे.
इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली अन्य फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियों में शामिल हैं:
नाटको- डोनेशन: 69.25 करोड़ रु
हेटेरो फार्मा- डोनेशन: 60 करोड़ रु
डिविज (Divi's)- डोनेशन: 55 करोड़ रु
अरबिंदो फार्मा- डोनेशन: 52 करोड़ रु
सिप्ला- डोनेशन: 39.2 करोड़ रु
एमएसएन फार्मा- 38 करोड़ रु
सन फार्मा- डोनेशन: 31.5 करोड़ रु
मैनकाइंड- डोनेशन: 24.6 करोड़ रु
इंटास फार्मा- डोनेशन: 20 करोड़ रु
भारत बायोटेक- डोनेशन: 10 करोड़ रु
ग्लेनमार्क- डोनेशन: 9.75 करोड़ रु
किरण शॉ (बायोकॉन)- डोनेशन: 6 करोड़ रु
बायोलॉजिकल ई- डोनेशन: 5 करोड़ रु
आंकड़ों पर सरसरी नजर डालने से पता चलता है कि इस क्षेत्र द्वारा खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की कुल कीमत 900 करोड़ रुपये से अधिक है.
डॉ रेड्डीज लेबोरेटरी हेल्थकेयर और फार्मा कंपनियों में काफी बड़ा नाम है. ये जेनेरिक, ब्रांडेड जेनेरिक और बायोलॉजिक्स की वाइड रेंज को मार्केट करती है. नवंबर 2023 में, आईटी अधिकारियों ने कर चोरी के आरोप में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के डॉ. के नागेंद्र रेड्डी पर छापेमारी की. यह तेलंगाना की शिक्षा मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी के परिसरों की तलाशी से जुड़े एक बड़े ऑपरेशन का हिस्सा था.
एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने नवंबर 2022 में कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में अरबिंदो फार्मा के निदेशक सरथ रेड्डी को गिरफ्तार किया.
हैदराबाद स्थित डिविज लैबोरेटरी को फरवरी 2019 में आईटी कार्रवाई का सामना करना पड़ा.
मैनकाइंड फार्मा ने कुल 24.6 करोड़ रु के इलेक्टोरल बॉन्ड. आयकर विभाग ने 11 मई को कर चोरी के आरोप में मैनकाइंड फार्मा के परिसरों पर छापेमारी की.
हेटेरो फार्मा पर आईटी छापे में कथित तौर पर फर्म से जुड़ी 550 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला.
हैदराबाद स्थित डिविज लैबोरेटरी को फरवरी 2019 में आईटी कार्रवाई का सामना करना पड़ा.
आयकर विभाग ने 2021 में एमएसएन फार्मा और उसके कार्यालयों के परिसरों पर छापेमारी की.
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