बिहार में कोरोना के संक्रमण के साथ अब AES- एक्यूट एंसिफेलाइटिस सिंड्रोम यानी चमकी बुखार ने पांव पसार लिया है. मुजफ्फरपुर में AES से एक और बच्ची की मौत हो गई. ये राज्य में 5वीं मौत दर्ज की गई है, वहीं 23 मामले अब तक सामने आ चुके हैं.

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के एक डॉक्टर के मुताबिक AES से जिले के औराई प्रखंड के कल्याणपुर की 8 साल की चांदनी कुमारी की मौत हुई है. तेज बुखार के बाद उसे 3 दिन पहले यहां भर्ती कराया गया था.

डॉक्टरों के मुताबिक बुधवार को भी सकरा प्रखंड के वाजिदपुर की रहने वाली रवीना की मौत हुई थी. बच्ची के सैंपल जांच के लिए भेजे गए है, जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है.

एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ एस के शाही के मुताबिक चांदनी AES की मरीज थी, जबकि दूसरी मृत बच्ची में इसकी पुष्टि नहीं हुई है.

एस के शाही ने बताया कि अब तक जिले के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में AES पीड़ित 23 बच्चों का इलाज हुआ, जिसमें 5 की मौत हुई है.
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बता दें, चमकी बुखार ने पिछले साल बिहार में 150 से ज्यादा बच्चों की जान ले ली थी.

COVID-19 के बीच चमकी बुखार के केस बड़ी चुनौती हैं. हालांकि सरकार का दावा है कि इस बार उनकी तैयारी बेहतर है.

इससे पहले क्विंट से बातचीत में बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने माना था कि कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से AES के इलाज का एपिसेंटर कहे जाने वाले मुजफ्फरपुर में अतिरिक्त इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के काम में दिक्कतें आ रही हैं. 100 बेड का पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट 30 अप्रैल तक तैयार हो जाना था.

हालांकि, देरी हुई लेकिन ये इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो चुके हैं और 31 मई तक ये ऑपरेशनल हो जाएंगे. कुमार के ट्वीट के मुताबिक “12 मई को 40 बेड चालू हो गए, 15 मई तक 70 चालू हो जाएंगे और महीने के अंत तक, हम 100 बेड पूरे कर लेंगे.”

इसके अलावा 60 बेड वाला AES वॉर्ड भी तैयार होना है.

इस बीच, बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़त हो रही है. संक्रमितों की संख्या शुक्रवार को 1000 पार कर गई. राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 1005 तक पहुंच गई है.

ऐसे में AES केस के चलते जाहिर तौर पर बिहार के हेल्थकेयर सिस्टम पर दबाव बढ़ेगा.

जून 2019 में छपी नीति आयोग की हेल्थ इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक 21 राज्यों की लिस्ट में बिहार हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में 20वें स्थान पर है.

बता दें, AES पीड़ितों की संख्या जून के आसपास बढ़ जाती है. ऐसे में राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है, जिसे संभालना काफी मुश्किल होगा.

(IANS इनपुट के साथ)

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Published: 15 May 2020,06:27 PM IST

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