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विश्व लीवर दिवस (डब्ल्यूएलडी) आम जनता में लीवर की बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 19 अप्रैल को मनाया जाने वाला एक वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम है. विश्व लीवर दिवस लोगों को गंभीरता, शीघ्र पहचान और लीवर से जुड़ें रोगों की रोकथाम के बारे में शिक्षित करने से संबंधित गतिविधियों पर केंद्रित है. इस एक्सप्लेनर में हम आपको बताएंगे कि
लिवर क्या काम करता है?
क्या होता है फैटी लिवर
फैटी लिवर के लक्षण क्या हैं?
कैसे रखें लिवर का ख्याल
हिदी में लिवर को यकृत या जिगर भी कहा जाता है, यह हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. यहीं कारण है कि हर साल 19 अप्रैल को World Liver Day मनाया जाता है. बता दें, हमारे शरीर में लीवर 500 से ज्यादा महत्वपूर्ण कार्यों का अंजाम देता है, जिसमें यह रक्त प्रवाह (blood flow) से अपशिष्ट उत्पादों (waste products) और बाहरी पदार्थों (foreign substances) को निकालने का सबसे जरूरी काम करता है. इसके साथ ही लिवर हमारे शरीर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने और पौषक तत्वों को बनाने का सबसे जरूरी काम भी करता है.
आजकल की लाइफस्टाइल में लीवर से जुड़ी बीमारी आम हो गई है. क्योंकि हमारी लाइफस्टाइल काफी बदल चुकी है और जंक फूड के साथ साथ पैक्ड फूड की मात्रा डाइट में बढ़ गई है . यहीं कारण है कि हमारे लिवर की सेहत धीरे-धीरे बिगड़ने लगती है और लिवर से जुड़ी बीमारियां आम हो गई है. साथ ही कई बार हम लिवर से जुड़ी परेशानियों को पहचान नहीं पाते और छोटी बीमारी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो बड़ा रूप ले लेती हैं.
जिस तरह से खराब खानपान से बॉडी पर फैट चढ़ने लगता है. इसी तरह लिवर पर फैट जमने लगता है. इसे ही फैटी लिवर कहा जाता है. मगर फैटी लिवर होना कोई सामान्य बात नहीं है. यह बताता है कि लिवर बीमार हो रहा है.
1- हर वक्त मेंं पेट में दर्द और चुभन रहना
2- भूख ना लगना
3- जी मचलाना और उलटी आने जैसा महसूस होना
4- हर समय थका-थका महसूस करना
5- स्किन, नाखून,आंखों और यूरिन का पीला पड़ना
6- पेट में सूजन और भारीपन का एहसास होना
7- स्टूल में चेजिंग आने लगता है. डार्क स्टूल होने लगता है.
फैटी लिवर एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें लिवर में फैट जमा हो जाता है. इसके कारण हैं शराब का सेवन, अनावश्यक दवाइयों का सेवन, कुछ तरह के वायरस इनफेक्शन जैसे हेपेटाइटिस सी. साथ ही लिवर में फैट जमा होने की संभावना उन लोगों में ज्यादा होती है जिन्हें मोटापा, डायबिटीज या उनके ब्लड में कोलेस्ट्रॉल यानी फैट की मात्रा ज्यादा हो. ऐसे लोगों में लिवर में फैट जमने की संभावना लगभग 60% होती है. इस तरह के व्यक्तियों में लिवर में फैट जमा होने को हम नॉन अल्कोहोलिक फैटी लीवर डिजीज (NAFLD) कहते हैं. इसके विपरीत शराब से होने वाले फैटी लिवर को हम एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज कहते हैं.
लिवर को तंदरुस्त रखने के लिए खराब लाइफ स्टाइल से परहेज करना होगा, जंक फूड, पैक फूड से बचना होगा. साथ ही समय पर और सही मात्रा में खाना खाए.
वजन का नियंत्रित होना बेहद जरूरी है. जंक फूड के बजाय मौसमी फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करना चाहिए. फिजिकली एक्टिव जरूर रहें. योगा, एक्सरसाइज का सहारा लें. सिगरेट और शराब से बचकर रहें.
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