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भारतीय डॉक्टरों द्वारा किए गए एक अध्ययन, जो कोविड-19 से मारे 21 लोगों के ऑटोप्सी पर आधारित है, से पता चलता है कि कोविड कई अंगों को प्रभावित करता है और यह केवल श्वसन प्रणाली तक ही सीमित नहीं है.
क्यूरियस मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में शवों पर ऑटोप्सी और अन्य परीक्षण किए गए यह निर्धारित करने के लिए की कोविड-19 रोगियों के अंगों को कैसे प्रभावित करता है.
अध्ययन अगस्त से अक्टूबर 2020 तक आयोजित किया गया था और परिणाम मार्च 2022 में प्रकाशित किए गए. अध्ययन में चुने गए मरीज 2 से 39 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे.
कोविड-19, SARS-CoV-2 वायरस से होता है. यह सिंगल स्ट्रैंड आरएनए वायरस है, जो जल्दी और कुशलता से फैलता है. इस अध्ययन में, डॉक्टरों ने रोगियों के अन्य अंगों में इस आरएनए के निशान की तलाश की.
अध्ययन के मुताबिक, "विभिन्न अंगों में वायरल आरएनए की उपस्थिति यह भी बताती है कि वायरस फेफड़ों से ब्लड स्ट्रीम द्वारा अन्य अंगों में फैलता है. हालांकि, इस हाइपोथिसिस को साबित करने के लिए और ज्यादा अध्ययन की आवश्यकता है"
अध्ययन में पाया गया कि "अधिकांश मामलों में मृत्यु का कारण फेफड़ों की क्षति थी", यह भी कहा गया कि रोगियों में मृत्यु बहुक्रियात्मक है, जिसका अर्थ है कि इसमें एक से अधिक अंग या प्रणाली प्रभावित होती है.
डॉक्टरों की टीम ने कहा कि कुछ मामलों में कोविड-19 की गंभीरता में योगदान करने वाले सभी कारकों को निर्धारित करने के लिए अधिक विस्तृत (detailed) अध्ययन की आवश्यकता है.
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