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वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया
COVID वैक्सीन न्यूज की चर्चा के बीच उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत के साथ ये जल्द से जल्द उपलब्ध हो सकते हैं. इनमें ऑक्सफोर्ड और फाइजर से ज्यादा उम्मीदें हैं. लेकिन इसके साथ ही जुड़ा है एक बड़ा सवाल:
क्या भारत के पास वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन प्लान है?
फिट ने ये जानने के लिए तेलंगाना सरकार के MCRHRDI में इकनॉमिस्ट और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के पूर्व सीनियर एडवाइजर डॉ आमिर उल्लाह खान और मंगलुरु के येनपोया यूनिवर्सिटी में बायोएथिक्स के सहायक प्रोफेसर और रिसर्चर डॉ अनंत भान से बातचीत की.
डॉ आमिर उल्लाह खान भी वैक्सीन के फ्री में वितरण की बात से सहमति रखते हैं.
प्लान को लेकर वो कहते हैं- हमें एक वैक्सीनेशन प्लान की जरूरत है जो डिसेंट्रलाइज्ड हो. जो हरेक राज्य और हर प्राथमिकता समूह के आधार पर तय किया जाता है और एक प्लान जो बताए कि पैसा कहां से आएगा?
सीक्वेंसिंग बहुत जरूरी है. पहले हमें एक स्पष्ट सवाल का जवाब चाहिए कि कौन भुगतान करेगा?इसका एक ही जवाब है कि केंद्र सरकार भुगतान करे. दूसरा, क्या ये पूरी तरह से पब्लिक या प्राइवेट होगा- समझदारी होगी कि दोनों हों. तीसरा, ये कैसे लागू होगा? इसे मैन्यूफैक्चर कौन करेगा? चौथा, ये कैसे स्टॉक किया जाएगा? फाइनेंसिंग बड़ा फैसला है और सब कुछ वहां से आगे बढ़ेगा.
वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन प्लान की चर्चा के बीच इन अहम बातों को भी जानना जरूरी है.
डॉ अनंत भान कहते हैं, हम महामारी झेल रहे हैं. इसका हमारी अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है. पब्लिक हेल्थ सरकार का मुख्य काम है. आदर्श स्थिति ये होगी कि वैक्सीन को पब्लिक चैनलों के जरिये वितरित किया जाना चाहिए और किसी के लिए भी फ्री होना चाहिए, अगर आपके पास पर्याप्त डोज है, तो शायद प्राइवेट मार्केट में बिक्री एक विकल्प है. आखिरकार जितने ज्यादा लोगों का हम टीकाकरण करेंगे, हर्ड इम्यूनिटी की संभावना बढ़ेगी. ये कुछेक को फायदा नहीं पहुंचाता है, ये हम सभी के लिए फायदेमंद होगा.
देखिए ये पूरी बातचीत.
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