मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कर्नाटक बैन करेगा हुक्का बार, तंबाकू सेवन की न्यूनतम आयु भी बढ़ेगी- फैसला अहम क्यों?

कर्नाटक बैन करेगा हुक्का बार, तंबाकू सेवन की न्यूनतम आयु भी बढ़ेगी- फैसला अहम क्यों?

Karnataka में तंबाकू सेवन की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल की जाएगी

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p><strong>Karnataka Hookah Bar Ban:&nbsp;</strong>हुक्का बैन होने से क्या फायदा होगा?&nbsp;</p></div>
i

Karnataka Hookah Bar Ban: हुक्का बैन होने से क्या फायदा होगा? 

(फोटो: iStock)

advertisement

Karnataka Hookah Bar Ban: कर्नाटक में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने मंगलवार, 19 सितंबर को युवा अधिकारिता और खेल मंत्री बी नागेंद्र के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस में इसकी घोषणा की.

कर्नाटक में तंबाकू सेवन की कानूनी उम्र भी 18 से बढ़ाकर 21 साल की जाएगी.

सरकार शैक्षणिक संस्थानों (educational establishment), पूजा स्थलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, पार्कों और सार्वजनिक कार्यालयों के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की भी योजना बना रही है.

हुक्का बैन होने से क्या फायदा होगा? हुक्का कैसे युवाओं को नुकसान पहुंचाता है? आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स से.

कर्नाटक हुक्का बार पर बैन

राज्य विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार सिगरेट और दूसरे तंबाकू उत्पाद अधिनियम में संशोधन करके ये बदलाव लाने की योजना बना रही है.

प्रेस कांफ्रेंस में राव ने कहा कि बेंगलुरु में बिना लाइसेंस वाले हुक्का बार खुल गए हैं और युवाओं के लिए "तंबाकू की लत" का केंद्र बन गए हैं.

उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी कहा,

“राज्य के नागरिकों की भलाई को ध्यान में रखते हुए, हमारी सरकार ने एक अलग अधिनियम बनाकर राज्य में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. इस निर्णय का उद्देश्य युवाओं द्वारा तंबाकू उत्पादों की खपत को हतोत्साहित करना और यह सुनिश्चित करना है कि उनका भविष्य स्वस्थ हो.''

इसी साल पारित एक बिल में तमिलनाडु सरकार ने भी राज्य में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगा दिया है.

हुक्का बैन होने से क्या फायदा होगा?

"ये बहुत ही अच्छा फैसला है. दिल्ली में इस पर पहले से ही बैन लगी हुई है. आजकल हुक्के का चलन बहुत ज्यादा होता जा रहा है. लोग बार में जा कर हुक्का पीते हैं. घरों में भी पार्टियों में ला कर पीते हैं."
डॉ. विकास मौर्य, डायरेक्टर एंड एचओडी- डिपार्टमेंट ऑफ पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप डिसऑर्डर्स, फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग

डॉ. विकास मौर्य फिट हिंदी से कहते हैं, "हुक्के के अंदर तंबाकू, निकोटीन और दूसरे कई टॉक्सिक पदार्थ होते हैं, जो कि हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. ये हमारे शरीर के सारे अंगों पर बुरा असर डालते हैं. दिल, फेफड़े, पेट, रिप्रोडक्टिव सिस्टम, ब्रेन, पैंक्रियाज, किडनी, लिवर सब पर ये असर करते हैं. शरीर में कैंसर का कारण बनते हैं. इस बैन से कई लोगों का हेल्थ खराब होने से बच सकता है."

इसी साल मेक्सिको ने सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाते हुए दुनिया के सबसे कड़े तंबाकू विरोधी कानूनों में से एक पेश किया था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हुक्का युवाओं को कैसे नुकसान पहुंचाता है?

"युवाओं में हुक्के का आकर्षण बहुत ज्यादा बढ़ रहा है. हुक्का युवाओं की बढ़ती हुई उम्र और बढ़ते हुए अंग जैसे लंग की बढ़त बुरा असर डालता है."
डॉ. विकास मौर्य, डायरेक्टर एंड एचओडी- डिपार्टमेंट ऑफ पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप डिसऑर्डर्स, फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग

लंग फंक्शन कम कर देता है. काला दमा, निमोनिया, इन्फेक्शन और आगे जा कर लंग कैंसर का भी कारण बन सकता है. हार्ट अटैक, हार्ट रिथम को गड़बड़ा सकता है, स्ट्रोक का कारण बन सकता है. इसकी वजह से पढ़ने-लिखने की क्षमता भी कम हो सकती है. ओरल कैंसर के मामले इसकी वजह से बढ़ते हैं.

युवा कम उम्र में इसकी लत लगा लेते हैं, तो इससे उनको काफी लंबे समय तक नुकसान हो सकता है.

तंबाकू छोड़ने के लिए क्या करना चाहिए?

युवाओं में तंबाकू का सेवन करना लाइफस्टाइल का हिस्सा बनता जा रहा है. कब बस एक बार ट्राई करने के नाम पर शुरू की गई बात आदत बन जाती है, पता नहीं चलता. कभी फैशन में तो कभी दोस्तों के सामने कूल लगने के चक्कर में युवा पीढ़ी इसका शिकार बनते जा रही है.

तंबाकू की आदत एक ही साथ शारीरिक, मानसिक, वित्तीय और सामाजिक नुकसान पहुंचाने वाली सीढ़ी है.
“तंबाकू का सेवन 2 तरह से किया जाता है. एक को चबा कर खाते हैं और दूसरे को स्मोक यानी धुएं के रूप में सांस के द्वारा अपने शरीर के अंदर लिया जाता है. इन दोनों का बुरा प्रभाव पड़ता है हमारे पूरे शरीर पर. यहां एक बात और बता दूं, इसका कुप्रभाव सिर्फ सेवन करने वाले पर ही नहीं पड़ता है बल्कि परिवार, दोस्तों और समाज पर भी पड़ता है.”
डॉ. मनोज गोयल, डायरेक्टर- पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, गुरुग्राम

डॉ मनोज गोयल ने बताए तंबाकू छोड़ने में मदद करने वाले कुछ उपाय:

  • दृढ़ संकल्प

  • परिवार का साथ मिले

  • ध्यान, योग और एक्सरसाइज करें

  • मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की सहायता लें

  • कुछ निकोटीन (nicotine) की दवाएं आती हैं, जो डॉक्टर की सलाह से ली जाती हैं

एक्सपर्ट्स के अनुसार, हुक्का को बैन करना बहुत ही अच्छा फैसला है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT