advertisement
महिलाओं को स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए सालाना मैमोग्राम कराने की बजाय हर छह महीने पर एमआरआई करवाना बेहतर रहेगा, ऐसा कहना है शोधकर्ताओं का. रिसर्च के नतीजों से पता चलता है कि हर छह महीने पर डायनेमिक-कंट्रास्ट-एंहैंस्ड मैगनेटिक रिसोनेंस इमेजिंग यानी डीसीई-एमआरआई कराने से शुरुआती स्तर से पहले ही स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता है.
महिलाओं में होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर प्रमुख है. ये किसी भी महिला को हो सकता है, हालांकि 40 साल की उम्र के बाद इसकी संभावना ज्यादा होती है. दुनिया भर में शहरी महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों हर साल इजाफा हो रहा है. लेकिन कुछ सावधानियां बरतने पर समय से पहले ही इसकी पहचान की जा सकती है, और इस घातक बीमारी को हराया जा सकता है. आमतौर पर मैमोग्राम को स्तन कैंसर का पहले से पता लगाने के लिए कारगर तरीका माना जाता है, लेकिन जिन महिलाओं में स्तन कैंसर होने का ज्यादा खतरा रहता है, उन्हें सिर्फ मैमोग्राम के भरोसे नहीं रहना चाहिए. उनके लिए एमआरआई बेहतर विकल्प है. शिकागो यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्च में ये बात सामने आयी है.
ये रिसर्च सालाना सैन एंटोनियो स्तन कैंसर सिम्पोजियम में प्रस्तुत किया गया, जिसमें ओलोपाडे ने कहा, "उच्च जोखिम वाली युवा महिलाओं के समूह, खासकर वे महिलाएं जिनमें बीआरसीए1 म्यूटेशन पाया गया है, उनके लिए हम हर छह महीने में डीसीई-एमआरआई कराने का समर्थन करते हैं."
शोधकर्ताओं ने ये भी सलाह दी है कि सभी महिलाओं को बीआरसीए1 और बीआरसीए2 टेस्ट 30 साल की उम्र में करा लेना चाहिए, चाहे उनके परिवार में किसी को कैंसर रहा है या नहीं रहा है. इस परीक्षण से म्यूटेशन का पता लगाया जा सकता है और कैंसर से बचाव के लिए शुरुआती कदम उठाए जा सकते हैं.
स्तन कैंसर की प्रमुख वजह
रोग के लक्षण
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 09 Dec 2017,09:28 PM IST