स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से महिलाओं में स्तन कैंसर के विकसित होने का खतरा काफी कम हो जाता है. भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक के शोध में ये जानकारी मिली है. शोधकर्ताओं के अनुसार, विकासशील देशों की महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है.
इस शोध के निष्कर्ष से पता चला है कि अमेरिका की 30 साल की गोरे रंग की त्वचा वाली महिला को औसतन 80 साल की उम्र तक स्तन कैंसर होने की संभावना 11.3 फीसदी होती है.
हालांकि अल्कोहल के कम इस्तेमाल, वजन पर काबू और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से बचने से स्तन कैंसर के मामले को 30 फीसदी तक टाला जा सकता है.
आप अपनी जीन को तो बदल नहीं सकते. लेकिन हमारे निष्कर्षो से पता चला है कि जिन लोगों को उच्च अनुवांशिक खतरा होता है. वे अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर जैसे सही खानपान, कसरत और तंबाकू के परहेज जैसी चीजों से उसे रोक सकते हैं.होपकिंग्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निलंजन चटर्जी
यह शोध जामा ओंकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किया गया है. एक बार अगर महिलाएं इस बात को समझ जाएं कि उनके जीन उन्हें कैंसर होने की पूरी तरह भविष्यवाणी नहीं कर सकते. उन्हें अपने जीवनशैली में बदलाव लाना होगा, जिससे वे इस घातक बीमारी से बच सकती हैं.
इस शोध के निष्कर्षो से लोगों को स्वस्थ जीवनशैली के लाभ को व्यक्तिगत स्तर पर समझने में मदद मिलती हैहोपकिंग्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निलंजन चटर्जी
शोधकर्ताओं का कहना है कि हालांकि यह शोध फिलहाल गोरी महिलाओं पर ही लागू होते हैं. विभिन्न जातीय समूहों के जीन के प्रभाव को समझने के लिए आगे अन्य शोध करने की जरूरत है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)