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सेक्सॉल्व समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का फिट पर सवाल-जवाब पर आधारित कॉलम है.
अगर आपको सेक्स, सेक्स के तौर-तरीकों या रिलेशनशिप से जुड़ी कोई परेशानी है, कोई उलझन है, जिसे आप हल नहीं कर पा रहे हैं, या आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखें, और वह आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल करें.
पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाबः
डियर रेनबोमैन,
मैं एक औसत लेकिन कड़ी मेहनत करने वाली स्टूडेंट हूं. मेरे माता-पिता मुझे प्यार करते हैं, लेकिन वे हमेशा मेरी शैक्षिक नाकामियों को लेकर कोसते रहते हैं, जो मुझ पर असर डाल रहा है. मैं निरुत्साहित और खुद को अपने परिवार पर बोझ महसूस करती हूं, क्योंकि मेरे ज्यादातर चचेरे भाई-बहन पढ़ाई में अच्छे हैं. मेरे बहुत ज्यादा दोस्त नहीं हैं. मेरी सबसे अच्छी दोस्त ने अपनी दोस्त से तुलना करते हुए मुझसे दोस्ती तोड़ ली. ऐसा पहली बार नहीं हो रहा. ऐसा कई बार हो चुका है. लोग अपनी जिंदगी की परेशानियों के लिए मेरे पास आते हैं, लेकिन मेरी परेशानी कोई नहीं सुनना चाहता, और कहते हैं कि मैं बहुत नकारात्मक हूं. तब मैं बहुत अकेलापन महसूस करती हूं. मैंने अपने मां-बाप से अपनी परेशानियों के बारे में बात करना चाही लेकिन उन्होंने मेरा मजाक उड़ाया और कहा कि मैं बहुत ड्रामेबाज हूं. अक्सर जब मुझ पर कोई ध्यान नहीं देता तो मैं रोने लगती हूं. अपनी जिंदगी में इस हालत के लिए मैं ही जिम्मेदार हूं. हो सकता है कि मैं दोस्त बनाने के काबिल नहीं हूं. मैं अपनी जिंदगी और अपने मकसद के लिए हर प्रेरणा और उत्साह खो चुकी हूं. मैंने अपने दोस्तों के दिए सभी तोहफे तोड़ डाले और उनके फोन नंबर डिलीट कर दिए. मुझे पता है कि मैं शॉर्ट टेंपर्ड हो गई हूं. क्या आप मुझे कुछ तरीके सुझा सकते हैं, जिनकी मदद से मैं खुद को माफ कर सकूं, जिंदगी के लिए कुछ ऊर्जा हासिल कर सकूं और अपनी हीन भावना को मात दे सकूं? मैं आपकी शुक्रगुजार रहूंगी.
आपका अग्रिम शुक्रिया,
एकाकी अंतर्मुखी लड़की.
प्रिय एकाकी अंतर्मुखी लड़की,
यह देखते हुए कि आप खुद को अंतर्मुखी मानती हैं, मैं समझ सकता हूं कि आपको मेरे साथ अपनी बात साझा करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी होगी, इसलिए मुझे यह जानने का विशेषाधिकार देने के लिए शुक्रिया कि आप पर क्या बीत रही है.
मुझे पता है कि यह बहुत मुश्किल है, जब हमारी पूरी जिंदगी उन अंकों के प्रतिशत तक सीमित हो जाती है जो हम अपनी परीक्षा में हासिल करते हैं. एक अच्छी नौकरी और एक अच्छी जिंदगी के लिए पढ़ाई में अच्छा होना जरूरी है, लेकिन पढ़ाई जिंदगी नहीं हैं. हमारे माता-पिता और परिवार अक्सर बच्चों पर इम्तेहान में अच्छा प्रदर्शन करने का अनुचित दबाव डालते हैं. मैं आपकी जगह नहीं हो सकता, लेकिन मैं आपके दबाव को अच्छी तरह से समझ सकता हूं.
समस्या को हल करने के लिए आपको समस्या को समझने की जरूरत है.
आपने अपनी बात साझा करके बहुत अच्छा किया है, साझा करना अपने आप में इलाज है.
अपनी बात साझा करना आत्म-आत्मनिरीक्षण का एक तरीका है. एक नए नजरिये से अपने खुद के जीवन को देखने की एक ईमानदार कोशिश. इसलिए जब भी आप निराश हों, बस अपना कंप्यूटर या फोन उठाएं और किसी दोस्त के साथ अपनी बात साझा करें या मुझे लिखें.
मैं आपको बहुत अच्छी सलाह दूंगा, लेकिन चूंकि अभी आप एक खास मुद्दे से जूझ रही हैं, तो एक सुविचारित योजना पर अमल की जरूरत होगी, मैं बहुत मजबूती से सुझाव दूंगा कि आप एक मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से मिलें, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य का पता लगा सके और आपको कुछ नियमित असाइनमेंट दे सके, जो आपको खुद का मूल्यांकन करने और जिंदगी को नए नजरिये से देखने में मदद करेंगे.
शायद इससे आपको आराम मिले. यहां तक कि दूसरों को सलाह देने वाले लोग भी अपनी मनोचिकित्सा कराते हैं. यहां तक कि मनोवैज्ञानिक भी दूसरे मनोवैज्ञानिकों को दिखाते हैं. और मैं भी एक मनोवैज्ञानिक को दिखाता हूं.
चीजें बेहतर हो जाती हैं.
प्यार भरी झप्पी के साथ
रेनबोमैन
अंतिम बातः मैं सुनने के लिए मौजूद हूं.
डियर रेनबोमैन,
मैं सिंगापुर में हूं और यहां काम करता हूं. मैं भारतीय मूल का हूं.
अपनी सेक्सुअल बर्ताव को लेकर मैं उलझन में हूं. मैं पिछले पांच सालों से बहुत ज्यादा मास्टरबेशन कर रहा हूं, लेकिन अब इस पर नियंत्रण करना शुरू कर दिया है. लेकिन अब भी मुझे कुछ समस्याएं हैं. मुझे आंटियों और पोर्न में दिलचस्पी है. मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन मैं अगर कोई खूबसूरत आंटी या पोर्न देखता हूं, तो एकदम से मेरा मूड गर्म हो जाता और मैं उत्तेजित हो जाता हूं, जिससे मुझे फौरन मास्टरबेशन करना पड़ता है.
क्या आप इस समस्या में मेरी मदद कर सकते हैं? इससे कैसे निजात पाऊं?
बेकाबू मर्द
डियर बेकाबू मर्द,
अपनी बात मुझसे साझा करने के लिए शुक्रिया.
सबसे पहले तो बता दूं कि, मुझे किसी निश्चित बॉडी-टाइप को पसंद करने या उसके प्रति आकर्षित होने में कुछ भी गलत नहीं लगता है और पोर्न देखने के बाद उत्तेजित होने में निश्चित रूप से कुछ भी गलत नहीं है (पोर्न का यही तो मकसद है?). उत्तेजित होने पर मास्टरबेशन करने में भी कुछ गलत नहीं है. हमारे शरीर में हर रोज लाखों स्पर्म बनते हैं. अगर हम मास्टरबेशन के जरिये उन्हें खारिज नहीं करते हैं, तो स्पर्म किसी अन्य रूप नाइट-फाल/वेट-ड्रीम्स की मार्फत अपना रास्ता खोज लेंगे.
सभी जानते हैं कि किसी आदत को बदलना मुश्किल होता है.
आपके लिए शुभकामनाएं. अगर समस्या अभी भी बनी रहती है, तो काउंसलर से मिलने में संकोच न करें.
सादर
रेनबोमैन
अंतिम बातः समय के साथ चीजें ठीक हो जाती हैं.
(चेतावनी: कृपया ध्यान दें, यह चाइल्ड सेक्शुअल एब्यूज का एक सवाल है.)
डियर रेनबोमैन,
मैं 19 साल की लड़की हूं. मेरे अपने पिता ने 9 साल की उम्र में मेरा सेक्शुअल एब्यूज किया था. 18 साल की उम्र तक मुझे इसकी कोई याद नहीं थी. पिछले साल जब मैं अपने प्रेमी के साथ थी और वह मेरे साथ अंतरंग हो गया, तो मैं उस पर उबल पड़ी और चिल्लाने लगी. ऐसा नहीं कि मुझे सेक्स का पता नहीं या मैं सेक्स के खिलाफ थी, लेकिन मुझे ये अहसास नहीं था कि मुझमें इसका फोबिया है. मुझे अपने एब्यूज के सपने आने में कुछ वक्त लगा. मुझे याद नहीं था कि वह कौन है, लेकिन पिछले पूरे साल मुझे बुरे सपने आते रहे. हाल ही में, जब मेरे पिता मेरे गालों को चूमने मेरे करीब आए, तो मुझे उनकी सांस की गंध आई और अचानक मुझे वही शराब की गंध से भरी सांस याद आ गई, जो मेरा शोषण करने वाले की थी. उस रात, जब मुझे बुरा सपना आया, मैंने अपने पिता को देखा. मुझे पता है कि एब्यूज करने वाले वह शख्स मेरे पिता ही हैं. लेकिन मैं इसे इतने सालों तक कैसे याद नहीं रख पाई? मुझे कैसे याद नहीं आया? मैं बहुत परेशान हूं.
अतीत से परेशान लड़की
प्रिय मिस,
मुझे लिखने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया. हालांकि दूसरे लोग सिर्फ कल्पना कर सकते हैं कि आप पर क्या गुजरी होगी, लेकिन मैं आपके साथ साझा करना चाहूंगा कि मैं भी एक सर्वाइवर हूं.
मेरा मानना है कि साझा करना भी इलाज का हिस्सा है और दूसरे के जीवन संघर्ष के बारे में पढ़ना भी बहुत मददगार होता है. यहां मेरी जिंदगी का थोड़ा सा हिस्सा भी जान लें.
जब मैं सात साल का था, तब मेरा यौन शोषण किया गया था. जब मैं थोड़ा बड़ा हुआ तो मेरे साथ गैंगरेप किया गया. शुरुआत में, मुझे केवल यह याद था कि मेरे साथ एक व्यक्ति द्वारा रेप किया गया था. मैं सोचता रहा कि यह काल्पनिक है, मुझे अपनी खुद की कहानी की सच्चाई पर शक था. हालांकि, समय के साथ, मुझे और चीजें याद आने लगीं. मैं हमेशा डरा रहता और सदमे ने मेरी यादों को पूरी तरह से अपाहिज बना दिया था और अब यह पहेली मेरे सामने खुल रही थी. समय के साथ, मुझे वह गंध, कमरा, कपड़े याद आने लगे, जो मैंने घटना से पहले पहने थे और दूसरे बारीक ब्योरे भी.
थोड़ा समय दें. थेरेपी का सहारा लें.
सदमा हमारी यादों को बिखेर देता है. और हम सिर्फ टुकड़ों में याद रख पाते हैं कि हमारे साथ क्या हुआ था. लेकिन जैसे ही हम पहेली के सारे टुकड़ों को जोड़ लेते हैं, संतोष महसूस करते हैं, हम अंत में सच के अलग-अलग टुकड़ों को नहीं बल्कि घटनाओं का एक पूरा क्रम देखते हैं.
यह देखते हुए कि आपकी अभी भी अपने पिता से नजदीकी है, आपके लिए मुश्किल हो सकती है.
मुझे नहीं पता कि आपके लिए इंसाफ का क्या मतलब है. क्या आप अपने पिता के खिलाफ केस दर्ज कराना चाहती हैं, या क्या आप इसे अलग तरीके से संभालना चाहती हैं? हालांकि, यह बाद की अवस्था में आता है, सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज आपकी भावनात्मक और मानसिक स्थिति का अच्छा होना है.
कृपया किसी काउंसलर से मिलें. साथ ही मुझे ट्विटर पर @hiyer पर लिखने में हिचकें मत, अगर आपको लगता है कि किसी सर्वाइवर साथी से बात करनी चाहिए.
प्यार भरी झप्पी
रेनबोमैन
अंतिम बातः अतीत हमेशा के रहेगा, लेकिन वर्तमान सिर्फ अभी मौजूद है.
(लोगों की पहचान सुरक्षित रखने के लिए नाम और कुछ ब्योरे परिवर्तित कर दिए गए हैं. आप भी अपने सवाल sexolve@thequint.com पर भेज सकते हैं.)
(हरीश अय्यर एलजीबीटी कम्युनिटी, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समान अधिकार एक्टिविस्ट हैं.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 21 Jul 2019,09:34 AM IST