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Thyroid Awareness Month 2024: हर 8 में से 1 महिला थायरॉयड से जुड़ी समस्या से प्रभावित हैं और यह हेल्थ से जुड़ी प्रमुख चिंताओं में से एक है, जिसमें उन्हें हाइपोथायरॉयडिज्म और हाइपरथायरॉयडिज्म जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
थायरॉयड की समस्या से महिलाएं अधिक प्रभावित क्यों होती हैं? क्यों होती है थायरॉयड की बीमारी? थायरॉयड की समस्या होने पर खानपान कैसा होना चाहिए? कैसे करें थायरॉयड मरीजों की देखभाल? थायरॉयड में किस तरह के फूड से परहेज करना चाहिए? इन सवालों के जवाब जानते हैं एक्सपर्ट से.
थायरॉयड की समस्या से महिलाएं अधिक प्रभावित क्यों होती हैं?
पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इस समस्या से अधिक ग्रसित क्यों होती हैं इसका सटीक कारण अभी तक पता नहीं चला है लेकिन हार्मोनल असंतुलन और डिलीवरी के बाद आये शारीरिक बदलाव इसके प्रमुख कारणों में से होते हैं. लंबे समय तक स्ट्रेस में रहना और अक्सर वायरल इन्फेक्शन की शिकार बन जाना महिलाओं में होने वाले थायरॉयड के कारणों में गिना जाता है.
क्यों होती है थायरॉयड की बीमारी?
थायरॉयड से जुड़ी समस्याओं की कई वजहें हो सकती हैं. इनमें जेनेटिक समस्याओं और ऑटोइम्यून बीमारियों से लेकर आयोडिन की कमी और कुछ दवाओं की वजह से होने वाली परेशानियां शामिल हैं.
थायरॉयड की समस्या होने पर खानपान कैसा होना चाहिए?
थायरॉयड से जुड़ी समस्याओं को दूर रखने के लिहाज से सही खानपान तय करते हुए सिर्फ आयोडिन और जिंक युक्त खानपान पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जा सकता है.
संतुलित खानपान में फल, सब्जियां और हल्के प्रोटीन जैसे पोषक तत्व शामिल होने चाहिए. खानपान को लेकर बनाई गई यह डाइट प्लान न सिर्फ थायरॉयड से जुड़ी परेशानियों को दूर रखने में मददगार होती है, बल्कि इससे सेहत पर कुल मिलाकर पॉजिटिव असर पड़ता है.
कैसे करें थायरॉयड मरीजों की देखभाल?
थायरॉयड के मरीजों की अच्छी देखभाल के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाना जरूरी होता है. डॉक्टर की दी थायरॉयड मेडिसिन के अलावा हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की नियमित देखभाल भी बहुत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, हेल्दी लाइफस्टाइल भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जिसमें सेहतमंद खानपान, रेगुलर एक्सरसाइज और स्ट्रेस को दूर रखने की तकनीकों का पालन करना शामिल है.
थायरॉयड में किस तरह के फूड से परहेज करना चाहिए?
थायरॉयड से जुड़ी समस्याओं के लिए खानपान तय करते हुए बहुत ही बारीकी से सोच-विचार करना जरुरी है. पत्ता गोभी और ब्रोकली जैसे गोइट्रोजेनिक फूड से बचना, सोया की खपत को सीमित करना और कुछ खास तरह के सप्लिमेंट लेते हुए सावधानी बरतना जैसी सलाह खानपान और थायरॉयड के सही तरह से काम करने के बीच के आपसी तालमेल को दिखाता है.
खानपान से जुड़े इन पहलुओं को समझते हुए और उन्हें स्वीकार करते हुए थायरॉयड से पीड़ित लोग अपनी अच्छी सेहत में बढ़-चढ़कर योगदान दे सकते हैं.
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