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World Health Day 2023: आज कल की भागदौड़ और स्ट्रेस से भारी लाइफस्टाइल में लोगों को रात में सोने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कम सोना शरीर और दिमाग को बीमार बना देती है. ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जो आपकी नींद में खलल डालने का काम करती हैं लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताएंगे जो आपकी नींद की समस्या को दूर भगाने में मदद कर सकता है. एक्सपर्ट्स से जानते हैं क्या हैं कम सोने के नुकसान? कम सोना और नींद कम आने में क्या अंतर है? इस समस्या से कैसे बचें?
मेदांता के डॉ. आशीष कुमार प्रकाश कहते हैं, "जब हम सोते है हमारा शरीर/ बॉडी रिस्टोर करता है. अगर कोई ठीक ढंग से नहीं सोता तो उसके कारण शरीर में तमाम मेटाबोलिज्म गड़बड़ होती है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. इसके कारण व्यक्ति का बीपी बढ़ सकता सकता है, ब्रेन काम करना बंद कर सकता है, पल्मोनरी हेमरेज हो सकता है, बॉडी में हाइपोक्सिया (जिसमें शरीर या शरीर के अंग को ऊतक स्तर पर पर्याप्त ऑक्सीजन नही मिल पाता है) हो सकता है.
डॉ. कपिल सिंघल के अनुसार, जो लोग सही से नहीं सो पा रहे हैं या कम सोते हैं उनको भी इस प्रकार की समस्या हो जाती है. अगर आपकी रात की नींद पूरी नहीं हुई है, तो आप सुबह फ्रेश नहीं उठते हैं. आप कई बार चिड़चिड़े होते हैं. आप अपने घर और वर्कप्लेस में सही से ध्यान नहीं दे पाते हैं. आपकी वर्क परफॉरमेंस कम हो जाती है.
एक्सपर्ट्स के अनुसार कम सोने के कई नुकसान हो सकते हैं, जिन्हें शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म में बांटा जाता है.
कम सोने से जीवन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों पर असर पड़ता है
दिन में नींद आना
सर में दर्द रहना
चक्कर आना
कम सोने का असर आपके काम के अलावा आपके परिवार पर भी पड़ सकता है
एंजाइटी और डिप्रेशन की परेशानी होती है
अगर किसी को बहुत दिनों तक अच्छी नींद नहीं आ रही है, तो उसका असर पूरे शरीर पर पड़ने लगता है. शरीर के मेटाबोलिज्म पर असर पड़ता है, जिससे डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल बिगड़ना, बीपी बढ़ना जैसी दिक्कतें आ सकती हैं
डॉ. आशीष कुमार प्रकाश फिट हिंदी को बताते हैं कि कम सोना और नींद नहीं आने में थोड़ा सा फर्क है. कई लोग कम सोते हैं फिर भी एक्टिव रहते हैं क्योंकि वह डीप स्लीप ले पाते है और कई लोगों को नींद नहीं आती. वह घंटों बिस्तर पर लेटे रहते हैं पर उन्हें गहरी नींद नहीं आती जिससे उनकी नींद की क्वालिटी पर असर पड़ता है.
नींद के कई स्टेजेस होते हैं, जैसे N1, N2, N3 और REM .
डॉ. मंतोष कुमार कहते हैं, "अच्छी नींद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरुरी है. जब इंसान सोता है, तो बहुत सारे कैमिकल्स बॉडी में निकलते हैं, जो कि बॉडी को रिपेयर करने में मदद करते हैं और साथ ही ब्रेन लग जाता है मेमोरी, इमोशन और दूसरी चीजों को समझने में. सोने पर ब्रेन रिलैक्स करता है ताकि आगे के लिए खुद को तैयार कर सके".
डॉ. मंतोष कुमार कहते हैं, "लाइफस्टाइल में क्या बदलाव लाएं, जिससे सोने की समस्या नहीं हो. आजकल लोग बहुत सारी ऐसी चीजें कर रहे हैं, जो हमारी नींद में खलल डालती है".
ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना जरुरी होता है. डॉक्टर आपको बता सकते हैं कि यह किस कारण हो रहा है. एक्सपर्ट आपकी बीमारी की स्टेज बताते हैं यानी इंसोम्निया है या हाइपर इंसोम्निया. ग्रसित व्यक्ति को स्लीप स्पेशलिस्ट और पुलमोनोलॉजिस्ट से कंसल्ट करना चाहिए जो बीमारी के डायग्नोसिस के बाद ही ट्रीटमेंट दे सकते हैं.
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