Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Ipl t20  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019MI Vs KKR:क्या कार्तिक को ठिकाने का प्लान पहले ही बना लिया गया था?

MI Vs KKR:क्या कार्तिक को ठिकाने का प्लान पहले ही बना लिया गया था?

क्या कार्तिक के लिए भी ये साल खिलाड़ी के तौर पर आखिरी साल साबित हो सकता है?  

विमल कुमार
IPL 2024
Updated:
MI Vs KKR:क्या कार्तिक को ठिकाने का प्लान पहले ही बना लिया गया था?
i
MI Vs KKR:क्या कार्तिक को ठिकाने का प्लान पहले ही बना लिया गया था?
null

advertisement

आखिरकार दिनेश कार्तिक (DINESH KARTHIK) को जिस बात का डर था, वो बात सच हो ही गई. IPL 2020 के बीच में ही उन्हें अपनी कप्तानी इंग्लैंड के वन-डे वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान ऑयन मार्गन को सौंपनी ही पड़ी. वो भी मुंबई इंडियंस (MUMBAI INDIANS) के खिलाफ मैच से ठीक पहले. ऐसा नहीं है कि ये सब अचानक हो गया.

याद कीजिए ब्रैंडन मैक्कलम की वो बात

इसकी भूमिका टूर्नामेंट के शुरुआत में ही तय कर दी गई जब नये कोच ब्रैंडन मैक्कलम ने आईपीएल शुरु होने से पहले KKR.IN पर इंटरव्यू में कहा था कि युवा शुभमन गिल इस साल लीडरशिप ग्रुप का हिस्सा होंगे. मैक्कलम की दलील थी कि गिल भले ही युवा खिलाड़ी हैं लेकिन एक बेहतरीन लीडर होने के लिए जरुरी नहीं है कि आप ज्यादा मैच खेले हों. लेकिन, इसके बाद जो मैक्कलम ने कहा कि वो अब ज्यादा अहम लग रहा है. उसी बातचीत में मैक्कलम ने कहा कि केकेआर के पास आंद्रे रसेल और सुनील नारेन जैसे खिलाड़ी पहले से ही मौजूद थे और इस सीजन पैट कमिंस और मोर्गन भी उस लीडरशिप ग्रुप से जुड़ जाएंगे। सपोर्ट स्टाफ के साथ मिलकर ये सभी दिनेश कार्तिक की मदद करेंगे.

फैसले की टाइमिंग और तरीका विवादास्पद

वैसे कहने को बात मदद की थी लेकिन पहले दिन से ही तय हो गया था कि अगर किसी टीम में वर्ल्ड कप जीतने वाला कप्तान मौजूद है तो कार्तिक जैसे खिलाड़ी से कप्तानी क्यों करवायी जाए जो ना कि टीम इंडिया का नियमित हिस्सा है और ना ही कप्तानी को लेकर उन्होंने कोई बड़ा तीर मारा है. कोलकाता (KKR) चाहता तो ये बात सीजन के शुरुआत में ही साफगोई से कर सकता था और उनके पास इसकी ठोस वजह भी थी क्योंकि पिछले साल कार्तिक और रसेल के बीच एक बड़ा विवाद भी हुआ था और टीम ने भी बहुत अच्छा नहीं किया था.लेकिन अफसोस की बात कार्तिक को हटाने की बात टाइमिंग निराशाजनक रही भले ही आधिकारिक तौर पर टीम मैनेजमेंट की तरफ से बयान आया कि उन्होंने स्वेच्छा से ही कप्तानी छोड़ी ताकि वो बाकि जिम्मेदारियों का निर्वाहन ठीक से कर सके.

लेकिन कार्तिक की कप्तानी में इस सीजन केकेआर ने दो मैच वैसे जीते जिसमें बेहतरीन कप्तानी का योगदान ज्यादा रहा. मोर्गन एक बल्लेबाज के तौर पर एक-दो मैचों को छोड़ दें तो कुछ ऐसा नहीं कर पायें है जिसके चलते उन्हें ऐसी जिम्मेदारी दे दी जाती.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

विदेशी के मुकाबले भारतीयों के खिलाफ ज्यादा सख्त रवैये का इतिहास

वैसे, आईपीएल में ये पहला मौका नहीं जब किसी भारतीय खिलाड़ी को बीच आईपीएल में ही कप्तानी से हाथ धोना पड़ा हो.

  • इसकी शुरुआत तो पहले ही सीजन में हो गई जब वीवीएस लक्ष्मण को बीच में ही डेक्कन चार्जस की कप्तानी ऐडम गिलक्रिस्ट को देनी पड़ी थी. 2009 में केविन पीटरसन को रवैये को लेकर अंदरुनी बवाल बढ़ा तो अनिल कुंबले को RCB कप्तानी दी गई.

  • 2012 में विराट कोहली का रुतबा बढ़ रहा था और ऐसे में डेनियल वेटोरी से RCB कप्तानी का स्थानांतरण होना चौंकाने वाली बात नहीं रही. लेकिन, उसी साल श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगाकारा ने इतिहास रचा जब वाकई में उन्होंने अपनी स्वेच्छा से डेक्कन चार्जस की कप्तानी बीच में छोड़ी(क्योंकि वो टीम दोनों संघर्ष कर रहे थे).

  • ऑस्ट्रेलिया के धुरंधर कप्तान रिकी पोटिंग ने भी 2013 में यही काम किया और अपने संघर्ष और अहम को टीम हित में आगे नहीं आने दिया औऱ कप्तानी रोहित शर्मा को दे दी जिन्होंने पहली बार मुंबई इंडियंस को चैंपियन बनवा दिया.

  • इसके बाद 2013 में शिखर धवन ने भी डेरेन सैमी(सनराइजर्स हैदराबाद)को, 2015 में शेन वाटसन ने राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी स्टीवन स्मिथ को दे दी. अगले साल जब एंड्रयू मिलर की कप्तानी में किंग्स XI पंजाब खराब खेली तो कप्तान मुरली विजय को दे दी गई.

पोटिंग ने कप्तान-कोच के तौर पर इस फॉर्मूला को प्रचलित किया

लेकिन, असली चौंकाने वाला फैसला 2018 में देखने को मिला जब 2 बार के चैंपियन कप्तान गौतम गंभीर को दिल्ली की कप्तानी बीच में ही छोड़नी पड़ी और ये जिम्मा उन्होंने श्रेयस अय्यर को सौंपा. मैं भी दिल्ली में हुई उस प्रेस कांफ्रेस में मौजूद था और मैनें खुद पोटिंग से ये सवाल भी पूछा था कि क्या एक ऑस्ट्रेलियाई होने के नाते ऐसे मुश्किल फैसले लेना आसान होता है तो उन्होंने खुद का उदाहरण दिया. लेकिन गंभीर निश्चित तौर पर उस प्रेस कांफ्रेस में सहज नहीं दिखे और फिर उसी साल ने उन्होंने खिलाड़ी के तौर पर ही आईपीएल को अलविदा कह दिया. पिछले साल भी एक और भारतीय कप्तान अंजिक्या रहाणे को रायल्स की कप्तीन स्मिथ को देनी पड़ी.

गंभीर की राह पर चलेंगे कार्तिक!

क्या कार्तिक के लिए भी ये साल खिलाड़ी के तौर पर आखिरी साल साबित हो सकता है? मुमकिन है. लेकिन एक बात तो तय है केकेआर इस सवेंदनशील मुद्दे को बेहतर तरीके से हैंडल कर सकता था. लेकिन, इतिहास गवाह है कि ये वही टीम है जिसने सौरव गांगुली जैसे कप्तान के साथ सही तरीके का बर्ताव नहीं किया, ये वही टीम है जिसने मल्टीपेल कैप्टन जैसी अजीब सुनने वाली थ्योरी की वकालत की.

आईपीएल फाइनल ही शायद तय करे इस फैसले का सही आकलन

बहरहाल, अगर मोर्गन भी पोटिंग, गिलक्रिस्ट और रोहित की तरह ट्रॉफी जीतने में कामयाब होते है तो यही फैसला मास्टर-स्ट्रोक कहलायेगा और अगर केकेआर प्ले-ऑफ में नहीं पहुंचती है तो उसका ठीकरा इसी फैसले पर फोड़ा जायेगा. एक बात पूरे मामले में जीत या हार के नतीजे के बगैर नहीं बदलेगी तो वो ये कि कार्तिक जैसे खिलाड़ी के साथ रवैया थोड़ा औऱ पेशवर हो सकता था और बेहतर संवाद के जरिए इस फैसला पर पहुंचा जाना चाहिए था.

(20 साल से अधिक समय से क्रिकेट कवर करने वाले लेखक की सचिन तेंदुलकर पर पुस्तक ‘क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी’ बेस्ट सेलर रही है. ट्विटर पर @Vimalwa पर आप उनसे संपर्क कर सकते हैं.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 16 Oct 2020,10:54 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT