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केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का विरोध देश के कई राज्यों में पिछले कई दिनों से हो रहा है. कई विरोध प्रदर्शनों में हिंसा भी देखने को मिल रही है. देश भर में हो रहे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए केंद्र सरकार युवाओं को अपने तरीके से समझाने में लगी हुई है.
आइए जानते हैं कि केंद्र सरकार के तमाम मंत्रालयों और राज्य सरकारों के द्वारा किस तरह की घोषणाएं की गई हैं.
अग्निपथ योजना के ऐलान के वक्त, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि कई मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) और राज्य सरकारों ने बताया था कि वे सेवा से मुक्त होने के बाद अग्निवीरों को ले लेंगे.
उन्होंने शनिवार, 18 जून को कहा कि रक्षा मंत्रालय में 10 प्रतिशत खाली पर अग्निवीरों को रिजर्वेशन मिलेगा.
रक्षामंत्री कार्यालय के ट्वीट में कहा गया कि 10 प्रतिशत आरक्षण भारतीय तटरक्षक और रक्षा नागरिक पदों और सभी 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में लागू किया जाएगा. यह आरक्षण पूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगा.
गृह मंत्रालय ने के द्वारा ऐलान किया गया है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) और असम राइफल्स में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित की जाएंगी. इसके अलावा उम्र में छूट मिलेगी.
गृहमंत्री कार्यालय के ट्वीट में कहा गया कि गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट पांच साल होगी.
केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि उनका मंत्रालय अग्निवीरों के लिए एक शॉर्ट-टर्म कोर्स लाने पर विचार कर रहा है जिससे उन्हें खेल क्षेत्र में ट्रेनर्स या स्कूलों और कॉलेजों में फिजिकल टीचर्स की नौकरी मिल सके.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ अपने-अपने संगठनों में अग्निवीरों के लिए रोजगार के अवसर तलाशने के उद्देश्य से मीटिंग की.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक मीटिंग में फैसला लिया गया कि पब्लिक सेक्टर बैंक, रिजर्वेशन कंपनियां और वित्तीय संस्थान उपयुक्त छूट के माध्यम से अपनी शैक्षिक योग्यता और कौशल के आधार पर उपयुक्त क्षमताओं में रोजगार के अवसरों को तलाश सकेंगे.
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने शनिवार, 18 जून को ऐलान किया कि अग्निवीरों के लिए छह एवेन्यूज खोले जाएंगे.
मंत्रालय के मुताबिक यह दुनिया भर में पारिश्रमिक मर्चेंट नेवी में शामिल होने के लिए अग्निवीरों को नौसेना के अनुभव और पेशेवर प्रमाणन के साथ जरूरी ट्रेनिंग मिलने में आसान बनाएगा.
मंत्रालय ने कहा कि
अग्निपथ के पीछे का विचार यह है कि जब तक सैनिक अपनी सेवा छोड़ेंगे, तब तक वे रोजगार पाने में सक्षम होंगे. इसके लिए इन-सर्विस अपस्किलिंग से लेकर डिस्टेंस लर्निंग कोर्सों का ऐलान किया गया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी ने अपने ऑटोनॉमश संस्थान, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के माध्यम से ऐलान किया है कि वह डिफेंस अधिकारियों के परामर्श से एक विशेष प्रोग्राम शुरू करेगा, जो 10वीं पास करने वाले अग्निवीरों को आगे बढ़ने में काबिल बनाएगा.
शिक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि डिग्री प्रोग्राम अग्निवीर द्वारा प्राप्त सेवाकालीन प्रशिक्षण को स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए क्रेडिट के रूप में मान्यता देगा और उनके लिए अपनी पसंद के करियर बनाने में मौका देगा.
केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) भी अग्निवीरों के साथ शामिल होगा, जो उन्हें अपनी सेवा के दौरान सीखने वाले कौशल का सर्टीफिकेशन करेगा. यह अग्निवीरों को नौकरी पाने में मददगार साबित होगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक कौशल भारत के सभी संगठन- प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC), विभिन्न क्षेत्र कौशल परिषद, उद्यमिता संस्थान NIESBUD और IIE, साथ ही कौशल नियामक NCVET इससे अभ्यास जुड़े होंगे. इनकी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना होगी कि अग्निवीरों को सेवा में रहते हुए उनकी नौकरी की भूमिकाओं से संबंधित आवश्यक कौशल प्रमाणपत्र प्राप्त हों.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय अग्निवीरों को देने वाली सुविधाओं के बारे में कहा कि नागरिक उड्डयन अत्यधिक कुशल, अनुशासित और प्रेरित अग्निवीरों को अपनी विभिन्न सेवाओं में शामिल करने और उन्हें उड़ान भरने के लिए पंख देने के लिए तत्पर है.
अग्निवीरों के लिए यह सूचीबद्ध नौकरियां हैं:
एयर ट्रैफिक सर्विसेज
एयर टेक्नीशियन सर्विसेज
अंडरटेक मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल ऑफ एयरक्राफ्ट
मौसम विज्ञान, एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेटर सर्विसेज
फ्लाइट सेफ्टी, एडमिनिस्ट्रेटिव, फाइनेंस, आईटी एंड कम्यूनिकेशन स्टाफ
रसद, सप्लाई चैन मैनेजमेंट
केंद्रीय मंत्रालयों के अलावा, कई राज्य सरकारों ने भी अग्निवीरों के लिए कई ऐलान किए हैं. इन्हें चार साल की सेवा से रिटायर होने के बाद इसका फायदा मिलेगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि यूपी सरकार राज्य में पुलिस और संबंधित सेवाओं में भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देगी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि एमपी सरकार राज्य पुलिस भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देगी.
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने बयान में कहा कि चार साल बाद रिटायर होने वाले अग्निवीरों को उत्तराखंड पुलिस, आपदा प्रबंधन और राज्य में चार धाम प्रबंधन में शामिल किया जाएगा.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि हमने तय किया है कि जो कोई भी असम का स्थायी निवासी है और अपने कार्यकाल के अंत में अग्निपथ योजना से बाहर निकलता है, उसे असम पुलिस में भर्ती किया जाएगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से मैं सभी को आश्वस्त करता हूं कि 75 प्रतिशत अग्निवीरों को रिटायर होने के बाद सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी.
कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा है कि राज्य सरकार जल्द ही पुलिस पदों को अग्निवीरों के लिए आरक्षित करने की नीति लेकर आएगी. अब हमारे पास पुलिस विभागों में पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण है, इसके अलावा हम और अधिक आरक्षण देंगे क्योंकि 26 से 27 साल के युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण मिलेगा.
अग्निपथ योजना को लेकर हुई हिंसा से दुखी महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने प्रशिक्षित और सक्षम अग्निवीरों की भर्ती करने का ऐलान किया है.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि वो अग्निपथ योजना से जुड़ी हिंसा से दुखी हूं. जब पिछले साल इस योजना को पेश किया गया था, तो मैंने कहा था और मैं दोहराता हूं कि अनुशासन और कौशल उन्हें प्रमुख रूप से रोजगार योग्य बना देगा. महिंद्रा ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित और सक्षम युवाओं की भर्ती के अवसर का स्वागत करता है.
इनपुट्स- एएनआई, टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, आउटलुक, इंडियन एक्सप्रेस, बिजनेस स्टैंडर्ड
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