रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों ने मंगलवार, 14 जून को तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती के तरीके में एक महत्वपूर्ण की घोषणा की. रक्षा मंत्रालय ने इस उद्देश्य से नई अग्निपथ योजना (Agnipath scheme for soldier recruitment) शुरू की है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगी. इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा.
केंद्र सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि
“यह तीनों सेवाओं की मानव संसाधन नीति में एक नए युग की शुरुआत करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख रक्षा नीति सुधार (डिफेंस पॉलिसी रिफार्म) है. यह नीति तत्काल प्रभाव से लागू होती है और यह इसके बाद तीनों सेवाओं के लिए नामांकन (एनरॉलमेंट) को नियंत्रित करेगी."
ऐसे में हम आपको बताते हैं कि अग्निपथ योजना को क्यों शुरू किया गया? इसके तहत हर साल कितने सैनिकों की भर्ती की जाएगी? उनमें से कितनों को 4 साल बाद स्थायी किया जाएगा? उन्हें कितनी सैलरी मिलेगी?
अग्निपथ योजना को क्यों शुरू किया गया?
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने मंगलवार सुबह इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अग्निपथ योजना के तहत 90 दिनों के भीतर भर्ती शुरू हो जाएगी. यह योजना तीनों सेवाओं में "अखिल भारतीय, सभी वर्ग" की भर्ती सुनिश्चित करेगी.
यह योजना थल सेना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां रेजिमेंट क्षेत्र और जाति के आधार पर बने हैं. अग्निपथ योजना समय के साथ किसी भी जाति, क्षेत्र, वर्ग या धार्मिक बैकग्राउंड से आने वाले किसी भी भावी सैनिक को किसी भी मौजूदा रेजिमेंट का हिस्सा बनने की अनुमति देगी.
इस योजना की घोषणा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "प्रयास किए जा रहे हैं कि सशस्त्र बलों का प्रोफाइल भारतीय आबादी जितना युवा हो." माना जा रहा है कि युवा सशस्त्र बल नई तकनीकों की ट्रेनिंग आसानी से ले सकेगा और उसमें माहिर हो सकेगा.
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि सुरक्षा बलों में आज औसत आयु 32 वर्ष है, जो इस योजना से छह से सात वर्षों में घटकर 26 हो जाएगी. उनके शब्दों में यह "भविष्य के लिए तैयार" सैनिक बनाएगी.
अग्निपथ योजना के तहत हर साल कितने सैनिकों की भर्ती की जाएगी?
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किये गए ज्यादातर भारतीय सैनिक सिर्फ चार साल में सेवा छोड़ देंगे. इसके तहत सालाना 45,000 से 50,000 भर्ती किए गए सैनिकों में से केवल 25 प्रतिशत को ही स्थायी कमीशन के तहत अगले 15 वर्षों तक काम करने की अनुमति दी जाएगी.
इस कदम से रक्षा पेंशन बिल में काफी कमी आएगी, जो कई सालों से सरकारों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय रहा है.
अग्निपथ योजना के तहत सेना में किन पदों पर भर्तियां होंगी?
नई योजना तहत केवल अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों के लिए है (जो कमीशन अधिकारी के रूप में सेना में शामिल नहीं होते हैं).
इसमें 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र होंगे. भर्ती के मानक वही रहेंगे और भर्ती रैलियों के माध्यम से साल में दो बार की जाएगी.
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती सैनिकों को कितनी सैलरी मिलेगी?
एक बार सेलेक्ट हो जाने के बाद उम्मीदवारों को छह महीने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर साढ़े तीन साल के लिए तैनात किया जाएगा. इस दौरान, उन्हें अतिरिक्त लाभ के साथ 30,000 रुपये का प्रारंभिक वेतन मिलेगा, जो चार साल की सेवा के अंत तक 40,000 रुपये हो जाएगा.
खास बात यह है कि इस दौरान उनके वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा सेवा निधि कार्यक्रम के तहत अलग रखा जाएगा और सरकार हर महीने उसमें उतनी ही राशि का योगदान करेगी, और उस पर ब्याज भी मिलेगा.
चार साल की अवधि के अंत में प्रत्येक सैनिक को एकमुश्त राशि के रूप में 11.71 लाख रुपये मिलेंगे, जो टैक्स फ्री होगा. उन्हें चार साल के लिए 48 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर भी मिलेगा. अगर इस दौरान उनकी ऑन-ड्यूटी मौत होती है तो उन्हें बाकी के कार्यकाल के लिए वेतन सहित 1 करोड़ रुपये से अधिक रुपए मिलेंगे.
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