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MP में घर-घर विराजेंगे मोदी-शिवराज, तो इससे आपको क्‍या परेशानी है?

उन लड़कों के लिए अवसर के दरवाजे बंद हो सकते हैं, जिनकी गर्लफैंड के पिता या भाई किसी और पार्टी से ताल्‍लुक रखते हों

अमरेश सौरभ
खुल्लम खुल्ला
Updated:
अब दरवाजे और किचन में नेताजी, नॉनवेज कैसे खाएंगे?
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अब दरवाजे और किचन में नेताजी, नॉनवेज कैसे खाएंगे?
(फोटो: iStock/क्‍विंट हिंदी)

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एमपी अजब है... इसे महसूस करने के लिए आपको खजुराहो या भीमबेटका की गुफाओं को करीब से देखने की जरूरत नहीं रह जाएगी. जल्‍द ही मध्‍य प्रदेश के करीब 3 लाख घरों की दीवारें एड के ये गीत गुनगुनाती नजर आएंगी. ऐसा हम क्‍यों कह रहे हैं, पहले ये बता दे रहे हैं.

दरअसल, प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हर घर में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह की फोटो वाली टाइल लगाने का फरमान सुनाया गया है. इसे हम फरमान इसलिए कह रहे हैं, क्‍योंकि ये टाइल कहां लगाई जानी है, ये भी सरकार ने ही तय कर दिया है.

एक टाइल प्रवेश द्वार पर लगाई जाएगी, जहां आप ज्‍यादातर विध्‍नहर्ता गणेश की मूर्ति या फोटो देखने के आदी रहे हैं. दूसरी टाइल किचन में लगाई जानी है, जहां लोग कोई कलात्‍मक पेंटिंग आदि लगाना पसंद करते हैं.

अब जरा ये समझिए कि घर के प्रवेश द्वार और किचन में जब माननीय प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री विराजमान होंगे, तो इसके साइड इफेक्‍ट क्‍या-क्‍या हो सकते हैं.

पहले एंट्री पॉइंट की बात करते हैं. देखिए क्‍या-क्‍या अजब-गजब हो सकता है:

  • प्रवेश द्वार पर मोदी-शिवराज की फोटो लगने के बाद उन लड़कों के लिए अवसर के दरवाजे बंद हो सकते हैं, जिनकी गर्लफैंड के पिता या भाई किसी अलग राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित हों. ऐसे लड़कों को दरवाजे पर ये लिखकर चिपकाना पड़ेगा:
घर में फोटो वाली टाइल लगाने में हमारी कोई सहमति नहीं ली गई है. ये टाइल महज सरकार की इच्‍छा का प्रतिफल है. फोटो देखकर हमारी राजनीतिक सोच का अंदाजा न लगाएं.
  • जो लोग घरों के दरवाजों पर भूत-प्रेत भगाने वाला कोई यंत्र टांगते आए हैं, उन्‍हें अब कुछ करने की जरूरत नहीं है. चूंकि भूत-प्रेत भी गुजरे हुए इंसान ही होते हैं, इसलिए हम ये बात दावे से कह सकते हैं कि थोड़ी-बहुत मन की शांति तो वे भी पसंद करते होंगे.
  • दरवाजे की टाइल देखते ही लोग समझ जाएंगे कि अंदर रहने वाले लोग बेहद संस्‍कारी हैं. उन्‍हें कोई धार्मिक प्रतीक या मंत्र लिखी टाइल अलग से चिपकाने की जरूरत नहीं महसूस होगी.
  • मोदी-शिवराज के साथ सेल्‍फी लेने के लिए लोगों को ज्‍यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी. अब ये सुविधा घर-घर उपलब्‍ध होगी.
  • घर में रहने वाले लोगों की डेटा खपत कम हो सकती है. इंटरनेट पर क्‍या देखना चाहिए, क्‍या नहीं, कम से कम इतनी समझ तो लोगों में आ ही जाएगी.
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टाइल पर ‘सबका सपना, घर हो अपना’ स्‍लोगन भी लिखा होगा(फोटो: iStock)

अब जरा किचन की ओर रुख करते हैं. आम तौर पर ज्‍यादातर घरों में किचन का कामकाज महिलाएं ही संभालती हैं, ऐसा किसी XYZ सर्वे में पाया गया है. हालांकि नारी सशक्‍त‍िकरण के इस दौर में कई घरों में पुरुष भी चुपके-चुपके किचन का काम करते हैं, लेकिन सामाजिक विवशताओं की वजह से सबके सामने अपना मुंह खोलने से डरते हैं.

खैर, हम बताना ये चाह रहे हैं कि ज्‍यादातर घरों में किचन की प्रशासनिक प्रमुख महिलाएं ही होती है. अब जबकि मोदी-शिवराज की जोड़ी किचन में विराजमान होगी, तो कई तरह की बातें हो सकती हैं:
  • जो महिलाएं अब तक किचन में बेफिक्र रहती थीं, उन्‍हें अपना पल्‍लू और दुपट्टा सही स्‍थान पर रखना पड़ सकता है, चाहे चिलचिलाती गर्मी का ही सीजन क्‍यों न हो. दरअसल, निगाहें चाहे कितनी भी नेक हों, कई भद्र महिलाएं उम्रभर इसी फोबिया में जीती हैं कि कहीं उन्‍हें कोई देख तो नहीं रहा है.
  • घर में महिलाएं और ज्‍यादा हक-हुकूक के लिए आवाज उठा सकती हैं. बात-बात पर इनका रूठना और रोना-धोना भी बढ़ सकता है. अब घर में महिलाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए दो-दो राजनेता मौजूद होंगे.
  • चूंकि सरकार शाकाहार के प्रति अपना प्रेम कई मौकों पर जाहिर कर चुकी है, इसलिए महिलाएं किचन में नॉनवेज पकाने से पहले सौ बार सोचेंगी. कहीं ऐसा न हो कि किसी रात 8 बजे सास-बहू का ड्रामा देखने के लिए टीवी खोला जाए और उधर से आवाज आए:
आज रात 12 बजे के बाद से वैसे मकान की चाबी सरकार को जमा करानी होगी, जिसके अंदर- नॉनवेज टाइप का गप या खाना, ऑडियो या वीडियो, भौतिक या काल्‍पनिक रूप से कुछ भी पकता हो.

अबकी एमपी जाइएगा, तो खजुराहो और भीमबेटका की गुफा देखने से पहले किसी ऐसे घर में प्रवेश जरूर कीजिएगा, जो आवास योजना के तहत बना हो. क्‍या सचमुच ये एमपी अजब नहीं है?

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Published: 25 Apr 2018,07:48 PM IST

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