नरेंद्र मोदी सरकार का कार्यकाल अगले साल मई से पहले ही खत्म हो रहा है. दिलचस्प बात यह है कि मौजूदा सरकारी की कई योजनाओं का टारगेट 2020 या इससे आगे रखा गया है. मतलब ये कि कई योजनाओं में जो सपने दिखाए गए हैं, उन्हें हम अगले लोकसभा चुनाव तक तो पूरा होते नहीं देख सकते.
केंद्र की ऐसी ही योजनाओं की सबसे हालिया कड़ी क्लाइमेट चेंज और जंगल लगाने से जुड़ा है. प्लान के मुताबिक, साल 2021 से लेकर 2030 तक कुल 10 अरब पौधे लगाए जाने हैं. मजे की बात ये है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल और उससे आगे 2021 तक लोगों को पौधे लगाने की बस ट्रेनिंग दी जाएगी.
क्लाइमेट चेंज थामने का सपना!
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मामलों के मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देश के ग्रीन एरिया को बढ़ाने के बारे में प्लान पेश किया है. इसके मुताबिक:
- राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम के तहत ‘ग्रीन इंडिया मिशन' पर विशेष जोर
- पिछले साल की तुलना में बजट में 48.8 फीसदी की बढ़ोतरी
- साल 2021 से 2030 के बीच 10 साल में 10 अरब वृक्षारोपण
- इतने पेड़ लगने से 2.5 से 3 अरब टन कार्बन डाईऑक्साइड 'मैनेज' होने का अनुमान
- अगले वित्त वर्ष में 80 हजार युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी
- साल 2021 तक 5.60 लाख युवाओं को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य
- पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ये प्रोग्राम देश के 10 जिलों से शुरू
- 100 शहरों में अगले 3 साल में प्रदूषण 35 फीसदी कम करने का टारगेट
- इन शहरों में अगले 5 साल में प्रदूषण 50 फीसदी कम करने का लक्ष्य
इस योजना को देखने से मोटे तौर पर कुछ बातें साफ हो रही हैं. मौजूदा केंद्र सरकार का चौथा साल खत्म होने को है, लेकिन अब तक सिर्फ 10 चुने हुए जिलों में काम चल रहा है, जबकि देश में कुल 640 जिले (2011 की जनगणना) हैं. ऐसे में 2021 से लेकर 2030 के बीच कितना टारगेट पूरा होगा, ये सिर्फ अनुमान लगाने की बात है. कुछ शहरों में प्रदूषण 5 साल में 50 फीसदी कम करने का टारगेट स्वप्न सरीखा ही कहा जाएगा.
मोदी सरकार की कुछ दूसरी दीर्घकालीन योजनाओं पर एक नजर:
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
- इसके तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त LPG कनेक्शन दिए जाएंगे.
- इन महिलाओं को मिट्टी से चूल्हे के झंझट से मुक्त कराना मकसद
- अब तक 3.35 करोड़ परिवार योजना से जुड़े
- मार्च, 2020 तक 8 करोड़ कनेक्शन देने का टारगेट
प्रधानमंत्री आवास योजना
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को घर खरीदने में मदद
- होम लोन पर भी सब्सिडी
- टारगेट: 2022 तक आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के सभी लोगों को घर
किसानों की आमदनी होगी दोगुनी
- कृषि मंत्रालय को मिली जिम्मेदारी
- कृषि मंत्रालय ने तैयार की है 7 सूत्री कार्य योजना
- साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने का लक्ष्य
जाहिर तौर पर, इस तरह की कई योजनाएं लोक-लुभावनी हैं और अच्छे भविष्य के सपने जगाती हैं. ये भी ठीक है कि सरकारें आती-जाती हैं, लेकिन सरकार की तमाम बड़ी योजनाएं तब तक जारी रहती हैं, जब तक कि अलग सोच रखने वाली दूसरी सरकार उसे बदल न दे. लोगों की मुश्किल बस इतनी है कि वर्तमान चाहे जैसा भी हो, भविष्य अक्सर इससे बेहतर ही दिखता है. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि कहीं राजनीतिक पार्टियां पब्लिक की इसी सोच को ध्यान में रखकर तो योजनाएं नहीं सेट करती हैं?
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