Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Khullam khulla  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019PM मोदी के ‘रडार’ और असली ‘रडार’ में कितना अंतर है? RADAR क्या है?

PM मोदी के ‘रडार’ और असली ‘रडार’ में कितना अंतर है? RADAR क्या है?

प्रधानमंत्री मोदी ने एक इंटरव्यू में एयर स्ट्राइक का जिक्र करते-करते ‘रडार’ सिस्टम का कॉन्सेप्ट ही घूमा दिया.

क्विंट हिंदी
खुल्लम खुल्ला
Updated:
 PM मोदी के ‘रडार’ और असली ‘रडार’ में कितना अंतर है? RADAR क्या हैं?
i
PM मोदी के ‘रडार’ और असली ‘रडार’ में कितना अंतर है? RADAR क्या हैं?
(फोटो: पीटीआई)

advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में एयर स्ट्राइक का जिक्र करते-करते 'रडार' सिस्टम का कॉन्सेप्ट ही घुमा दिए. पीएम ने कहा कि एयर स्ट्राइक वाले दिन खराब मौसम की समस्या आ गई.

मैंने कहा इतने बादल हैं, बारिश हो रही है, तो एक फायदा भी है कि हम रडार से बच सकते हैं
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

अब RADAR यानी 'RAdio Detection And Ranging' ऐसी चीज है जो 12वीं में पढ़ाई जाती है. फिर क्या था, सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा सेना को दिए गए इस तर्क पर तरह-तरह के सवाल उठने लगे. पूछा जा रहा है कि क्या रडार बादलों में या खराब मौसम में काम नहीं करता? क्या बादल हैं तो रडार लड़ाकू विमानों को पकड़ नहीं पाएंगे? प्रधानमंत्री मोदी के हिसाब से तो ऐसा नहीं हो सकता. लेकिन अब हम जानते हैं कि रडार के बारे में विज्ञान क्या कहता है.

सबसे खास बात ये है कि खराब मौसम में एयरक्राफ्ट को सटीक लैंडिंग कराने के लिए रडार का ही इस्तेमाल किया जाता है.

क्या होता है रडार?

रडार शब्द 'रेडियो डिटेक्शन एंड रेंजिंग' से बना है. रडार को दूसरे वर्ल्ड वॉर के वक्त दुश्मनों के एयरक्राफ्ट का पता लगाने के लिए डेवलप किया गया था. चलिए रडार को आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं.

हम अपने आसपास की चीजों को लाइट (आम तौर पर सूरज की लाइट) की वजह से देख पाते हैं. ये लाइट किसी भी चीज से रिफ्लेक्ट होकर हमारी आंखों पर पड़ती है. इसके बाद ही हमें वो चीज दिखाई पड़ती है. मान लीजिए आप अंधेरे में कहीं घूम रहे हैं. ऐसे में आप किसी चीज को देखने के लिए टॉर्च का इस्तेमाल करते हैं. टॉर्च की लाइट किसी चीज पर रिफ्लेक्ट होकर हमारी आंखों की तरफ आती है और हम उस चीज को देख पाते हैं.

रडार भी इसी तरह काम करता है, लाइट के बजाए वो रेडियो वेव्स (लाइट और रेडियो वेव इलेक्ट्रोमैग्निक स्पेक्ट्रम के ही पार्ट होते हैं) ट्रांसमिट करता है. किसी चीज (एयरक्राफ्ट, मिसाइल...) पर Radio Waves के रिफ्लेक्शन से ही रडार को पता चल जाता है कि वो चीज कितनी दूर है और किस स्पीड से आ रही है.

(फोटो: elprocus.com)

ऐसे में रडार एक पूरे सिस्टम का नाम है, जिसमें ट्रांसमिटर एंटीना, रिसीवर एंटीना, और प्रोसेसर होता है. ट्रांसमिटर एंटीना के जरिए ही रेडियो वेव्स को आगे भेजा जाता है. जब वो वेव्स किसी ऑब्जेक्ट से टकराकर रडार के रिसीवर एंटीना पर पहुंचते हैं तो दूरी और स्पीड का पता चलता है. प्रोसेसर ये तय करता है कि आखिर वो चीज जिससे टकराकर वेव वापस आई है, वो है क्या.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 12 May 2019,04:53 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT