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बाबा रामदेव ने पतंजलि सिम कार्ड लॉन्च करके मार्केट में पांव जमाये दिग्गज मोबाइल नेटवर्क कंपनियों की नींद उड़ा रखी है. अभी 'जीवन बीमा' वाली इस सिम को लेकर चर्चाएं चल ही रही थी कि एक उड़ती हुई खुशखबरी आ गयी- "बधाई हो, व्हाट्सऐप को भाई हुआ है. नाम है किंभो." पतंजलि सिम कार्ड लोगों तक कब और कैसे पहुंचेंगे, फिलहाल तो इसका कोई अता-पता नहीं. लेकिन जब वाकई ये शुरू हो जाएगा तो जरा सोचिये, इसके ऑपरेशंस और मार्केटिंग के लिए कैसे-कैसे शुद्ध, संस्कारी और स्वदेशी तरीके इस्तेमाल होंगे. प्रोडक्ट आखिर पतंजलि का जो है.
दूसरी मोबाइल कंपनियां जहां बॉलीवुड और क्रिकेट जगत के ग्लैमरस सेलेब्रिटीज को अपना ब्रैंड एम्बेस्डर नियुक्त करती हैं, वहीं पतंजलि सिम के लिए ब्रांड एम्बेस्डर होंगे- देश के जाने-माने अभिनेता, सबके प्रिय 'बाबूजी' और संस्कारी इमेज के सबसे बड़े चेहरे- आलोक नाथ. जब अलोक नाथ पतंजलि सिम का विज्ञापन करेंगे तो इसकी ब्रांड वैल्यू अपने आप कई गुना बढ़ जाएगी.
आमतौर पर मोबाइल ऑपरेटर कंपनियां कॉलरट्यून जैसी वैल्यू ऐडेड सर्विस के लिए आपसे अतिरिक्त चार्ज वसूलती हैं. लेकिन पतंजलि सिम में ऐसा बिलकुल नहीं होगा. सिम खरीदने के साथ ही इसमें आपको मुफ्त कॉलरट्यून एक्टिवेट करने की सुविधा मिलेगी. लेकिन शर्त ये है कि आपको कंपनी के दिए हुए ट्यून्स में से ही किसी एक का चुनाव करना होगा. और इस लिस्ट में होंगे - अनूप जलोटा और नरेंद्र चंचल के भजन, हिंदी फिल्मों के भक्ति गीत होंगे.
पतंजलि की सिम में एक खास तरह का सॉफ्टवेयर पहले से इंस्टॉल रहेगा, जो टेक्स्ट मैसेज में आपकी भाषा शैली को कंट्रोल में रखेगा. जब भी आप अपने मोबाइल से किसी को गाली या अभद्र भाषा में मैसेज टाइप करके भेजना चाहेंगे, तो ये अपने आप उन शब्दों को डिलीट कर देगा. इसके बाद आपके मोबाइल स्क्रीन पर बाबा रामदेव का प्री रिकॉर्डेड एक वीडियो संदेश अपने आप चलने लगेगा, जिसमें बाबा आपको अभद्र भाषा का इस्तेमाल न करने का उपदेश देते नजर आएंगे. ये सिर्फ आपकी नॉन-वेज बातों को ही ब्लॉक नहीं करेगा, बल्कि पतंजलि सिम कार्ड लगे किसी भी फोन से आप नॉन-वेज खाना भी आर्डर नहीं कर पाएंगे.
भई जब सिम कार्ड पतंजलि का होगा तो इसकी टेक्नोलॉजी भी हर्बल और देसी होना लाजमी है. इस सिम कार्ड को सिग्नल देने के लिए आम मोबाइल टावर का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा. हर इलाके में मौजूद सबसे ऊंचे पेड़ की सबसे ऊपर वाली टहनी पर सिग्नल भेजने के उपकरण लगाए जायेंगे. इस टेक्नोलॉजी का और पहलु भी है. आपके घर और आस-पड़ोस में जितने ज्यादा पेड़-पौधे होंगे, आपके सिम में नेटवर्क उतना ही अच्छा आएगा. यानी अपने नेटवर्क को दुरुस्त रखने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाएंगे. इससे आपका मोबाइल नेटवर्क और पर्यावरण दोनों बेहतर रहेंगे.
अगर आप कहीं बाहर हैं, और आपके फोन में बैटरी ख़त्म होने वाली है, और आस-पास चार्जिंग की कोई सुविधा नहीं है, तो परेशान होने की बिलकुल जरूरत नहीं. ऐसी हालत में आप खुद अपने 'पावर बैंक' बन सकते हैं. इसके लिए पतंजलि सिम में एक खास टेक्नोलॉजी होगी. आपको बस अपना मोबाइल अपने सिर के ऊपर रखकर प्राणायाम, अनुलोम-विलोम और कपालभाति करना होगा. और 15-20 मिनट में ही आपका फोन 50% तक चार्ज हो जायेगा.
(यह सिर्फ एक व्यंग्यात्मक लेख है. यहां पतंजलि सिम के लिए लिखी गई कोई भी बात सच नहीं है.)
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